Friday, May 3rd, 2024 Login Here
सरकार के पास पहुंची सूची,कई हो सकते है फसल बीमा से वंचित
मंदसौर जनसारंगी।
इस बार बारिश की लंबी खेंच ने फसलों को बर्बाद कर दिया। कई जगहों पर सोयाबीन से लेकर कई फसलें दम तोड़ चुकी है। अब किसानों को फसल बीमा से आस है, लेकिन फसल बीमा पर भी काले बादल मंडरा रहे हैं। मंदसौर नीमच जिले से कुल मिलाकर 1 लाख 8 हजार 767 किसानों की सूची सरकार को भेज दी गई है। हालांकि इस सूची में पात्रता आधार पर कई नामों की छंटनी भी होने की आशंका नजर आ रही है।
खरीफ 2019 की फसल बीमा राशि पूरे सालभर इंतजार के बाद अब किसानों को मिलने जा रही है। या यूं कहें कि नुकसान कमलनाथ सरकार के वक्त हुआ, भरपाई शिवराज सरकार करने जा रही। इसके लिये 6 सितंबर 2020 की तारीख मुकर्रर हुई है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मंदसौर व नीमच शाखाओं से मिली जानकारी मुताबिक खरीफ 2019 के दौरान बीमित किसानों की संख्या दोनों जिलों से मिलाकर 1 लाख 8 हजार 767 है। इसमें से 69350 किसान मंदसौर जिले के मंदसौर तहसील, सीतामऊ, सुवासरा, दलौदा, शामगढ़, गरोठ, भानपुरा, मल्हारगढ़ से हैं, जबकि 39417 किसान नीमच जिले केनीमच, जीरन, जावद, सिंगोली, मनासा, रामपुरा से हैं। हालांकि सरकार को भेजी लिस्ट में पात्रता आधार पर कई नामों की छंटनी भी संभव है। राज्य सरकार और बीमा कंपनी सर्वे आधार पर पात्रता-अपात्रता का निर्णय लेकर 6 सितंबर को ही जिलावार सूची भी जारी कर देगी। दरअसल बीमा के नियमों में क्रॉप्ट का आधार, बोवनी व प्रभावित एरिया, पंचायत की पटवारी रिपोर्ट समेत शासनस्तर की कई उलझनें भी हैं। सरकार ने मंदसौर, नीमच दोनों जिलों से बीमित किसानों की डिटेल मांगी थी, जो भेज दी गई। 1 लाख 8 हजार 767 किसानों को लगभग एक साल से बीमा राशि का इंतजार है। इसी विषय पर पिछले दिनों विपक्ष के तौर पर प्रदेश कांग्रेस महामंत्री महेंद्रसिंह गुर्जर ने मुख्यमंत्री के समक्ष बीमा राशि पर जल्द फैसला लेने की मांग भी रखी थी। मंदसौर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक केसीईओ पीएन यादव ने बताया खरीफ 2019 के बीमित किसानों की सूची शासन को भेज दी है। जिसमें जिले से 69350 नाम हैं। पात्रता पर शासन, बीमा कंपनी स्तर से निर्णय होगा। नीमच जिला सहकारी बैंक के प्रबंधक रामप्रसाद नागदा ने बताया जिले से खरीफ 2019 में 39417 किसानों ने फसल बीमा कराया था, डिटेल शासन को भेजा जा चुका है।
तीस प्रतिशत तक नुकसान
कीट के प्रकोप एवं मौजक से मंदसौर जिले में लगभग तीस प्रतिशत सोयाबीन व उड़द को नुकसान हुआ है। हालंाकि प्रशासन ने फसल नुसानी नजरिया आंकलन में बारह से पद्रह प्रतिशत नुकसान माना है। सोयाबीन की फसल को नुकसान ज्यादा हुआ है। उधर किसानों का कहना है कि पच्चीस से तीस प्रतिशत फसलें खराब हुई है। उल्लेखनीय है कि जिले में खरीफ फसल की लगभग तीस लाख तीस हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी की गई है। जिसमें सर्वाधिक दो लाख सित्तर हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल है और उड़द की बोवनी चौतीस हजार हेक्टेयर क्षेत्र में है। .