Friday, May 3rd, 2024 Login Here
12 सालों में सबसे कम मलेरिया पॉजीटिव मिले
मंदसौर जनसारंगी।
कोरोना जिले पर भारी पड़ रहा है, लेकिन इस बार कोरोना से बचने के लिए बढ़ाई जागरुकता ने मलेरिया को पछाड़ दिया। 12 वर्षों र्की तुलना में इस साल मलेरिया के सबसे कम पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, वहीं नौ माह में तीन लोगों को डेंगू हुआ है। मलेरिया विभाग के अफसरों का कहना है कि कोरोना काल में भी गांव-गांव में हमारी टीमें लगातार जागरूकता में जुटी रहीं। मलेरिया, डेंगू से बचाव के लिए सावधानियां बता रहे हैं। बारिश के बाद जिस स्थान पर पानी भरा हुआ है, वहां पर मलेरिया विभाग द्वारा अब दो लाख से अधिक गम्बुशिया मछली भी छोड़ी जाएंगी। लार्वा और फीवर सर्वे भी किया जा रहा है।
जिले में डेंगू और मलेरिया का कहर धीरे-धीरे कम हो रहा है। एक जनवरी से अब तक मलेरिया के 16 केस एवं डेंगू के तीन पॉजिटिव मामले आए हैं। पिछले साल जिले में मलेरिया के 53 एवं डेंगू के 22 पॉजिटिव केस आए थे। जनता की जागरूकता व कार्यक्रमों से इस साल मलेरिया व डेंगू का खात्मा होता दिखा है। बारिश से पहले जून में मलेरिया माह में गांव-गांव जागरूकता रथ पहुंचा, पंपलेट भी वितरित हुए। इसके साथ ही मार्च से प्रभावी हुए कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोग इस बार अधिक जागरूक दिखे। बार-बार हाथ धोना, घरों के आसपास साफ-सफाई, मच्छरों को उत्पन्ना होने से रोकने एवं बचाव के अन्य सभी उपाय कर रहे हैं। 2008 से अब तक के 12 वर्षों में मलेरिया के सबसे कम पॉजिटिव केस इस साल मिले हैं। जनवरी से अब तक 16 लोगों को मलेरिया हुआ है, जो 12 वर्षों र्में र्सबसे कम है। मलेरिया, डेंगू की रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग की करीब 205 टीमें टेमाफॉस का छिडक़ाव एवं लार्वा व फीवर सर्वे कर रही हैं। इस वर्ष कुल एक लाख 79 हजार 347 स्लाइड की जांच करने का वार्षिक लक्ष्य तय है। एक जनवरी से अब तक एक लाख चार हजार 549 स्लाइड बन चुकी हैं। सतर्कता टीमें लोगों को घरों में व आसपास अधिक दिनों तक पानी नहीं रहे, इसके लिए समझाइश दे रही हैं। नदी, तालाब, स्टॉपडैम के पानी में 5 से 7 दिनों में लार्वा से प्यूपा बनता है जिससे दो दिन में मच्छर उत्पन्ना होते हैं। साफ पानी में मलेरिया अमला कुछ दिन बाद गम्बुशिया मछली छोड़ेगा। यह मछली ऐसे लार्वा को ही खाती है।
अब तक मलेरिया के 16 रोगी मिले
एक जनवरी से अब तक जिले में मलेरिया के 16 रोगी मिले हैं। इनमें से चार को खतरनाक बुखार था। पिछले साल जिले में मलेरिया के 53 पॉजिटिव मिले थे। मलेरिया विभाग के अफसरों का कहना है कि मलेरिया व डेंगू के रोकथाम के लिए सभी क्षेत्रों में लार्वा, फीवर सर्वे किया जा रहा है।