Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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    केंद्र ने बैठक में किसानों को प्रस्ताव दिया कि कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बना दी जाए
    किसानों ने इस पर कहा- कानून ही खत्म करें, क्योंकि ये किसान समाज के हितों के खिलाफ हैं


नई दिल्ली /  कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों से मंगलवार को केंद्र सरकार ने 2 फेज में करीब 3 घंटे तक बातचीत की। नतीजा कुछ नहीं निकला। 2 घंटे के पहले फेज में सरकार ने किसान प्रतिनिधियों के सामने केंद्र ने मिनिमम सपोर्ट प्राइज (MSP) पर पावर प्रेजेंटेशन दिया। उनके सामने प्रस्ताव रखा कि नए कानूनों पर चर्चा के लिए कमेटी बनाई जाए, इसमें केंद्र, किसान और एक्सपर्ट शामिल हों। पर, बात नहीं बनी।

दूसरे दौर में ये तय हुआ कि अगली बातचीत 3 दिसंबर को होगी। मीटिंग के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा, 'बातचीत अच्छे माहौल में हुई। हमने किसानों से आंदोलन खत्म करने की बात कही, पर ये फैसला किसान ही करेंगे। हमने कहा कि कमेटी बना दें, पर किसान चाहते थे कि सभी लोग मिलकर ही बातचीत करें।'

तोमर के बयान के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसान नेता चंदा सिंह ने कहा- हमारा आंदोलन जारी रहेगा। हम कुछ तो हासिल करेंगे, भले गोली हो या फिर शांतिपूर्ण हल। हम आगे भी चर्चा के लिए आएंगे।

सरकार ने कोई शर्त नहीं रखी, तब किसानों ने की बात

केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के डेलीगेशन से चर्चा करेगी। सरकार के बुलावे पर किसानों ने कहा था कि वे मीटिंग के लिए इसलिए तैयार हुए, क्योंकि इस बार सरकार ने कोई शर्त नहीं रखी।
पहले भी पंजाब के किसानों को ही न्योता मिला था
सरकार ने सोमवार देर रात किसानों को बातचीत का न्योता भेजा था। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें न्योता दिया गया है। हालांकि, इस पर विवाद हो गया।

दरअसल, कृषि विभाग के सचिव की तरफ से जारी हुई न्योते की चिट्‌ठी में 32 किसानों के नाम थे। ये सभी पंजाब के किसान नेता थे। ये हरियाणा के अपने साथियों का नाम भी शामिल करने का दबाव बनाने लगे। इसके बाद न्योते में हरियाणा से गुरनाम चढ़ूंनी और मध्यप्रदेश से किसान नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी का नाम शामिल किया गया।
32 साल बाद ऐसा आंदोलन, 36 घंटे ‌में सरकार की तीसरी बैठक
सिंघु बॉर्डर 32 साल बाद सबसे बड़े किसान आंदोलन का गवाह बना है। 1988 में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के 5 लाख किसान यहां जुटे थे। किसानों के मुद्दे पर सरकार 36 घंटे में तीन बैठकें कर चुकी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर मंगलवार को हुई मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद थे। बैठक में शामिल होने के लिए शाह BSF के राइजिंग डे इवेंट में नहीं गए।

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