Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
98 मासक्षमण का विश्व कीर्तिमा धराने वाले जैन जगत की महान विभुति, तपस्वी रत्न, शासन दीपक घोर तपस्वी पूज्य श्री अशोकमुनिजी मसा का शहर के जम्बुवाला स्थानक पर देवलोक गमन हो गया। आपकी भव्य चकडोल बुधवार सुबह निकली जिसमें न सिर्फ जैन समाज बल्कि जिन शासन में आस्था रखने वाले समूचे श्र््द्वालु सम्मिलित हुए। मुनिश्री की जय-जयकार के जयकारों के बीच जम्बुवाला स्थानक से चकडोल प्रारम्भ हुई। जो शहर कीला रोड़, सराफा बाजार, सदर बाजार, कालीदास मार्ग, बस स्टेण्ड होती हुई निकली। पूरे रास्ते भर बैण्ड बाजों की धून पर भक्ति संगीत की धारा प्रवाहित हो रहीं थी वहीं पूरे बाजार में दोनो तरफ भक्त कतारबद्व होकर मुनिश्री के अंतिम दर्शनाथ खड़े थे।
उल्लेखनिय है कि अशोकमुनिजी मसा साधुमार्गी संघ के आचार्य रामलाल जी मसा की आज्ञा में जिनशासन की अद्वुद प्रभावना कर रहे थे।पांचवे आरे में चैथे आरे के समान मासक्षमण के पारणे मासक्षमण 8-10 दिन के अंतराल में की तपस्या कर रहे थे। जिसकी कोई साधारण व्यक्ति कल्पना भी नहीं कर सकता। आपके देवलोकगमन से संमूचे जैन जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। बुधवार की सुबह संपूर्ण विधि -विधान से आपकी चकडोल जम्बु वाला स्थानक से प्रारम्भ हु ई । इस दौरान मंदसौर के अलावा दुरस्थल अंचलों और विभिन्न् प्रदेशों से भी श्रृ़द्धालु मंदसौर पहुंचे और गुरूदेव की देह के दर्शन किए। सुबह चकडोल निकलने से पहले ही मंदसौर शहर में चकडोल मार्ग पर लोगों की श्रृ़द्धा उमड़ रहीं थी। भक्त गुरूदेव की देह के दर्शन के लिए प्रतिक्षा कर रहे थे। धार्मिक भजनों के साथ जिस मार्ग से चकडोल निकल रही थी चंदन, कैसर के रंग में हर भक्त रंग रहा था।