Thursday, May 2nd, 2024 Login Here
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गरोठ जनसारंगी।
 सडक दुर्घटनाओं को रोकने लिए जिम्मेदारों के साथ ही वाहन चालकों को स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है। अनफिट और ओवरलोडिंग वाहन कई बार दुर्घटनाओं के शिकार हुए और कई जिंदगियां इन हादसों में खत्म हो गई लेकिन हादसों से सबक लेने के लिए वाहन चालक तैयार ही नहीं हैं। यही कारण है की जिले की सडकों पर हर 50 घंटे में एक व्यक्ति की मौत हो रही है और हर दो दिन में औसतन तीन लोग घायल हो रहे हैं। हादसों का सबसे बड़ा कारण वाहनों की तेज रफ्तार और नशे में वाहन चलाना भी होता है, लेकिन इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा। हर साल जिले में 150 से अधिक लोग सडक पर होने वाले हादसों में जान गंवा रहे हैं और इन हादसों में कई परिवारों की खुशियां तबाह हो रही हैं। आवश्यकता है स्वयं की सुरक्षा के प्रति जागरूकता की। सडक पर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करना और सतर्कता रखने से हादसे टल सकते हैं, जिदंगियां बच सकती हैं। गरोठ क्षेत्र के बोलिया में फिर एक पिकअप कल रात को पलट गई। जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित दस घायल हो गए। जिन्हें गरोठ अस्पताल भर्ती कराया गया।
ओवरलोड वाहन सडकों पर बेरोक-टोक दौड़ रहे हैं। जिम्मेदारों को भी ऐसे वाहन तभी नजर आते हैं जब कोई अभियान चल रहा हो या सडक सुरक्षा सप्ताह का आयोजन हो रहा है बाकि दिनों में नियमों की अवहेलना जारी है। वाहनों की फिटनेस को लेकर जांच भी हादसों के बाद ही होती है। ट्रैक्टर-ट्रॉली और जुगाड़ वाहन का आज भी सवारी वाहन के रूप में उपयोग किया जा रहा है जबकि तीन वर्षो में ट्रैक्टर-ट्राली पटलने के करीब एक दर्जन हादसे हो चुके हैं जिनमें 25 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही राजमार्गों या अन्य रास्तों पर वाहनों की रफ्तार पर कोई अंकुश नहीं है। नशे में वाहन चलाने पर कार्रवाई का नियम है लेकिन कभी-कभार ही ऐसी कार्रवाई होती है जबकि सडकों पर होने वाले अधिकांश हादसो में वाहनों की तेज गति ही बड़ा कारण होता है। इसके साथ ही यातायात नियमों के पालन को लेकर जिम्मेदार यातायात पुलिस भी गंभीर नहीं है। लंबे समय से मंदसौर में बीपीएल चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल बंद है, यहां पर भी कई हादसे हो चुके हैं। इसके साथ ही शहरभर में पार्किंग की समस्या है, लोग वाहनों को सडकों पर ही खड़ा कर रहे है। हाईवे मार्गों पर भी कई बार सडकों पर खड़े रहने वाले वाहन हादसों का कारण बनते हैं।

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