Monday, May 6th, 2024 Login Here
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सरकार के निर्देशों के बाद भी माफियाओं में नही बना भय
मंदसौर जनसारंगी।
 जिले में चंबल, शिवना, रेतम सहित अन्य छोटी नदियों में वर्षाऋतु को छोड़ बड़ी मात्रा में अवैध उत्खनन होता है। चंबल के बसई क्षेत्र के सैकड़ो ट्राली प्रतिदिन रेत का उत्खनन हो रहा है। वहीं शिवना में भावगढ़ से लगाकर मंदसौर तक कई जगह बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय पर ही खुलेआम धड़ल्ले से रेत खनन किया जा रहा है।
पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र की शिवना नदी में रेत खनन का काम जारी है। यहां श्रमिक नदी से रेत निकालते हुए देखे जा सकते हैं। रेत छानकर कुछ दूरी पर रेत के ढेर लगे होना आम बात सी हो गई है। यहां रेत का अवैध उत्खनन लंबे समय से हो रहा है। इसकी जानकारी भी सबको होने के बाद भी न अवैध उत्खनन रुका और नहीं रेत का अवैध परिवहन। यहां गधो के माध्यम से भी रेत ढोई जा रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां तो प्रतिदिन ही रेत निकालने का कार्य होता है। यहीं नहीं रामघाट बैराज स्थित क्षेत्र में भी शिवना नदी से रेत निकालने का सिलसिला आए दिन जारी है। कई ट्रेक्टर-ट्राली आती है और रेत व मिट्टी भरकर ले जाती है। बेखौफ होकर खनन कारोबारी शिवना नदी के इन किनारों से रेत व मिट्टी का अवैध रुप से उत्खनन कर परिवहन कर रहे है।  जानकारी अनुसार जिले में कई स्थानों पर नदियां व खाल ऐसे स्थानों पर स्थित है। जहां गहरी खाईयों के साथ बड़ी घाटियां है, लेकिन इन कारोबारियों ने ऊंची- ऊंची घाटियों तक को अपने स्वार्थ के लिए काट दिया है। दबंगो ने घाटियों को चीर कर नदियों तक सीधा रास्ता बना दिया है। खनन कार्य में जुटे इन कारोबारियों ने घाटियों के साथ- साथ ही बड़े- बड़े टीलो को भी खोद दिया है, गरोठ- भानपुरा, सुवासरा के बसई, बोलिया सहित कई क्षेत्रों में नदी या खाल के किनारों पर यही आलम है। रेत तो ठीक मिट्टी को भी रेत कारोबारी नहीं छोड़ रहे है और धड़ल्ले से घाटी को चीरकर बनाए सुगम रास्तो से रेत व मिट्टी का खनन कर परिवहन करने का काम किया जा रहा है। यहां तक पहुंचने के लिए किसी भी क्षेत्र में बेहतर मार्ग नहीं है, लेकिन रेत- मिट्टी के अवैध खनन में जुटे  कारोबारियों ने उबड़- खाबड़ रास्तो को सुगम बना दिया है।

Chania