Monday, May 6th, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
यह एक संयोग ही है कि गुरूवार को मंदसौर क्षेत्र के अध्यातमिक जगत से जूड़ी दो दिव्यात्माओं का एक साथ अवसान हो गया। मंदसौर में बह्माकुमारी संस्थान की नींव रख उसे शिखर पर पहुंचाने वाली ब्रह्माकुमारी समिता बहन तथा मोहनखेडा विकास तिर्थ के प्रेरक ज्योतिषाचार्य वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य भंगवत ऋषभचंद सुरीश्वर महाराज का देवलोक गमन हो गया। आपके महाप्रयाण की खबर से मंदसौर में श्रृद्धालुओं में भी शोक की लहर थी। आचार्य श्री ऋषभचंद सुरीश्वर जी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को मोहनखेडा तिर्थ में किया जाऐगा। यह भी संयोग ही है कि आज 4 जून को ही आचार्यश्री का जन्मदिवस भी है और इसी दिन उनकी पार्थिव देह पंचतत्व में लीन होगी। ब्रह्माकुमारी समिता बहन का अंतिम संस्कार भी आज 4 जून शुक्रवार की सुबह 9 बजे मंदसौर में कोरोना नियमों का पालन करते हुए सीमित श्रृद्धालुओं की उपस्थिति में किया जाऐगा।
दोनो ही दिव्यात्माओं का मंदसौर से गहरा नाता रहा है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में जन्मी ब्रह्माकुमारी समिता बहन करीब 35 वर्षों से ईश्वरीय सेवा में समर्पित थी। आपका मंदसौर जिले की जनता से असीम लगाव था, जन -जन तक आध्यात्मिकता की ऊर्जा को पहुंचाने के साथ ही स्कूल,कॉलेज के छात्र छात्राओं में नैतिक एवं चारित्रिक शिक्षा का आपने अलख जगाया ।सरल चित्त,नम और स्नेह की प्रतिमूर्ति समिता बहन वर्तमान में ब्रह्माकुमारी संस्थान में सोश्यल विंग की झोनल कॉर्डिनेटर होने के साथ ही मंदसौर में आत्म कल्याण भवन के माध्यम से मंदसौर जिले के प्रत्येक तहसील और गांव- गांव तक ब्रह्म ज्ञान को पहुँचाया। उन्हीं की प्रेरणा से आज मंदसौर जिले में कई जगह पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के सेंटर संचालित हो रहे हैं।
इसके साथ ही जैन समाज के प्रमुख संत श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक ज्योतिषाचार्य वर्तमान गच्छाधिपति वर्तमान आचार्य भगवंत श्री ऋषभचंद्र सुरिश्वरजी महाराज का भी मंदसौर जिले से गहरा लगाव था, यहां उनके अनेक भक्त थे। इसके साथ ही मंदसौर जिले के नजदीक आचार्य श्री राजेंद्र सुरिश्वरजी महाराज साहब की क्रियोधार भूमि जावरा में सन 1985 मे पीपली बाजार स्थित जैन मंदिर मैं आचार्य श्री हेमेंद्र सुरिश्वरजी महाराज साहब की पाटगादी आरोहण के समय भी दिवंगत आचार्यश्री की गौरवमयी उपस्थिति रही, आपका जैन तीर्थ जावरा की दादावाड़ी के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा । आचार्यश्री ऋषभ चंद्र सुरिश्वरजी महाराज साहब के सानिध्य में ही चैपाटी स्थित श्री शंखेश्वर पारसनाथ जैन मंदिर का निर्माण एवं लोकार्पण हुआ। जावरा में ऐतिहासिक चातुर्मास के दौरान भी देश व प्रदेश की कई राजनीतिक हस्तियां जावरा आई और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया ।
ब्रह्माकुमारी समिता बहन का आज मंदसौर मे होगा अंतिम संस्कार
आत्मकल्याण भवन पर कोरोना नियमों का पालन करते हुए श्रृद्धालुओं के दर्शनाथ रखी जाऐगी पार्थिव देह
मंदसौर ।
आत्म कल्याण भवन की संचालिका ब्रह्माकुमारी समिता बहन का अल्प बीमारी के बाद उपचार के दौरान गुरुवार को शिव बाबा की चरण-शरण हो गईं। आपका इंदौर में निधन हो गया। आपकी पार्थिव देह मंदसौर लाई गई जहां शुक्रवार की सुबह 9 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले प्रातः 7 बजे से स्थानीय आत्म कल्याण भवन पर श्रद्धालु एवं गणमान्य जन सीमित संख्या में कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे। अंतिम यात्रा में केवल ब्रह्माकुमारी परिवारजन ही सम्मिलित होंगे।
समिता बहन का व्यक्तित्व स्नेह ,समर्पण और सृजन की त्रिवेणी था। अपने नाम के अनुरूप उनका स्वभाव रहा सबसे समता रखना स्नेहसिक्त हो कर सबको साथ ले कर चलना ।मन्दसौर में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की शाखा को एक छोटे से कमरे से तलेरा विहार कॉलोनी में आत्मकल्याण भवन तक पहुंचाने का उनका समर्पण और हर बार कुछ नया करने का उनका सृजनात्मक दृष्टिकोण कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह कहना बिल्कुल भी अतिशयोक्ति नहीं माना जा सकता कि मन्दसौर में राजयोग मिशन को इतनी ऊंचाइयां प्रदान करने में समिता बहन जी का योगदान सर्वाधिक रहा। कोई क्षेत्र ऐसा शेष नहीं है जिनके संवाहकों को आपने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से राजयोग साधना से ना जोड़ा हो...शिक्षक,न्यायाधीश, विद्यार्थी, व्यापारी, उद्योगपति एडवोकेट,मीडिया,समाजसेवी, राजनीतिज्ञ, ग्रामीण खेतीहर सभी को अपने मिशन से आत्मसात किया।
समिता बहन के परिश्रम का ही परिणाम रहा है कि राजयोग साधना केंद्र की शाखाओं का जिले भर में विस्तार हुआ अनेकों लोग राजयोग से जुड़ कर व्यसन मुक्त ,तनाव मुक्त हुए और उनमें अध्यात्म का सृजन हुआ। आपने आत्मकल्याण भवन को आद्यात्म का एक ऐसा पूंज बनाया जहां आत्मिक व मानसिक शान्ति के लिये साधकों का सैलाब उमड़ने लगा।
हजारों साधक,साधिकाओं की प्रेरणा बिंदु समिता बहन करीब 1 माह पूर्व कोरोना से ग्रसित हुई थी उपचार के दौरान उन्होंने कोरोना से जंग जीत भी ली लेकिन फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण वे गुरुवार की सुबह अपनी लौकिक देह को त्याग कर सदा के लिए ब्रह्मा बाबा में समा गई ।
समिता बहन के निधन की खबर से मंदसौर के अध्यात्मिक जगत में भी शोक की लहर छा गई।बहनजी का अवसान अध्यात्म जगत की अपूरणीय क्षति है। वे इस क्षेत्र की आद्यात्मिक ऊर्जा की आधार थीं उनकी वाणी की मिठास व ज्ञान पूर्ण उदबोधन प्रत्येक प्रसंग में निहित आध्यात्मिक रहस्यों को उद्घाटित करना उनकी आदत मु शुमार था, वे परम् विदुषी व बहुत श्रेष्ठ संगठक भी थीं। सबसे समान स्नेह रखतीं थीं। उनका वात्सल्य भाव ममत्व से ओतप्रोत रहता था।
ब्रम्हाकुमारी हेमलता बहन ने बताया कि समिता बहन का अंतिम संस्कार 4 जून शुक्रवार की सुबह 9 बजे मन्दसौर में किया जाएगा। इससे पहले प्रातः 7 बजे से आत्म कल्याण भवन पर आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ पार्थिव देह को रखा जाएगा। कोरोना नियमो का पालन करते हुए सीमित संख्या में श्रद्धालु पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
आपने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि कोविड-19 नियमो का पालन करते हुए अपने निवास से भी दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं अथवा दूरभाष क्रमांक 9617665790 पर अपना श्रद्धांजलि संदेश प्रेषित कर सकते हैं।
आर्चायश्री के जन्मदिन के दिन ही आज होगा अंतिम संस्कार
अनुयायी अंतिम दर्शन और अंतिम संस्कार क्रिया ऑनलाइन देख सकेंगे
मोहनखेड़ा/जावरा जनसारंगी।
धार जिले के मोहनखेड़ा महातीर्थ के ज्योतिषाचार्य, वर्तमान गच्छाधिपति आचार्य भगवंत ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी का बुधवार देर रात 1.44 बजे इंदौर के अरबिंदो हॉस्पिटल में देवलोक गमन हो गया। उनकी पार्थिव देह को मोहनखेड़ा ले जाया गया। मोहनखेड़ा तीर्थ से जारी पत्र के अनुसार, आचार्यश्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी का शुक्रवार को ही जन्मदिन है। अब शुक्रवार को ही सुबह 6 बजे आचार्यश्री का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार को लेकर दो बार निर्णय बदला गया है। अंतिम संस्कार में कोई भी चढ़ावे की प्रक्रिया नहीं होगी। ट्रस्ट ने अनुयायियों से अपील की है कि वो जहां हैं, वहीं से आचार्यश्री को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। अंतिम दर्शन और संस्कार ऑनलाइन किया जाएगा।
पहले श्री आदिनाथ राजेंद्र जैन श्वेतांबर ट्रस्ट की तरफ से शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर विजय मुहूर्त में तीर्थ भूमि पर अग्नि संस्कार के विधि-विधान संपन्न कराने की बात कही थी। इधर प्रशासन ने मोहनखेड़ा महातीर्थ पहुंचकर आज गुरुवार शाम 5 बजे अंतिम संस्कार के लिए कहा। कोविड गाइडलाइन को ध्यान में रखकर अंतिम संस्कार कराने की तैयारी है। लेकिन भक्त शुक्रवार को अंतिम संस्कार की बात पर अड़े थे। दोनों पक्षों में बात चली। मामला भोपाल स्तर तक पहुंच गया है। बाद में ट्रस्ट ने गुरुवार शाम 5 बजे अंतिम संस्कार की बात मान ली। फिर ट्रस्ट ने पत्र जारी करके शुक्रवार सुबह 6 बजे अंतिम संस्कार की बात कही है।
पाट पर किया गया स्थापित, आनलाइन चढ़ावे होने की संभावना
श्री आदिनाथ राजेंद्र जैन ट्रस्ट मोहन खेड़ा मैनेजिंग ट्रस्टी सुजान मल जैन ने बताया कि तीर्थ पर उन्हें पाट पर स्थापित कर दिया गया है। संपूर्ण परिसर गुरु देव अमर रहे के जय घोष से गुंजायमान हो रहा है। आचार्य श्री का शिष्य परिवार भी मोहनखेड़ा पहुंच चुका है। अंतिम संस्कार के चढ़ावे आनलाइन होने की संभावना है। त्रिस्तुतिक जैन श्री संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंपालाल वर्धन भी मोहनखेड़ा पहुंच रहे हैं।
उल्लेखनिय है कि कुछ दिनों पहले इस कोरोना महामारी को देखते हुए आचार्य ऋषभचंद्र सूरीश्वर की प्रेरणा और कैबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के मार्गदर्शन में 300 बिस्तर वाले कोविड सेंटर की शुरुआत की गई थी। अस्पताल खुलते ही कई मरीजों को भर्ती कर उपचार भी शुरू किया गया था।
कोरोना को लेकर की थी भविष्यवाणी
आचार्यश्री ज्योतिष भी थे उन्होंने कोरोना महामारी को लेकर गत वर्ष भी भविष्यवाणी की थी और इस वर्ष भी की थी जिसे दैनिक जनसारंगी ने 17 मई के अंक में प्रकाशित किया था। आचार्यश्री ने 23 मई से कोरोना महामारी की भविष्यवाणी की थी जो सही साबित हुई है। कोरोना का संक्रमण अब धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है।