Monday, May 6th, 2024 Login Here
एक से तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल ज्यादा भाव में बिक रहा बीज
मंदसौर जनसारंगी।
खेती किसानी का उचित मूल्य किसानों को नहीं मिलता है, इसकी मांग लगातार किसान करते है । इसी बीच व्यापारियों की मनमानी से भी किसान परेशान हो रहे है। कोरोना के कारण लगाऐ गये लाॅकडाउन के कारण पहले से ही किसानों की आर्थिक हालत खराब है वे जैसे-तैसे बोवनी की तैयारी कर रहे है लेकिन सोयाबीन के बीज की किल्लत उनकी परेशानी को और ज्यादा बढ़ा रहीं है। सहकारी संस्थाओं के पास बीज उपलब्ध नहीं है। इधर बाजार में महंगे दामों पर बीज बेचे जा रहे हैं। जिन्हें खरीदने के लिए किसान मजबूर हो रहे हैं।
बीज की किल्लत का फायदा व्यापारी उठा रहे हैं। शासन ने बीज के लिए सोयाबीन का दाम साढ़े 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किए हैं। बाजार में किसानों को 8 से 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव में मिल रहे हैं। बोवनी का समय नजदीक है, इस कारण निजी दुकानों से बीज खरीदने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं है। बीज निगम विभाग के पीसी इंचार्ज सुभाष पाटीदार ने बताया कि पिछले साल सोयाबीन का उपार्जन ठीक से नहीं हुआ। भाव अधिक मिलने के कारण किसानों ने फसल को बाजार में भी बेच दिया था। इस कारण गुणवत्तायुक्त सोयाबीन संस्थाओं तक नहीं पहुँच पाई और किसानों ने जो सोयाबीन समर्थन मूल्य में बेचा था वह बीज के लिए उपयोगी नहीं है। इस बार शासन के पास बीज की उपलब्धता नहीं है। गुराडिया देदा के किसान दशरथ शर्मा ने बताया कि बीज की व्यवस्था करने में समस्या आ रही है। सोयाबीन तो पर्याप्त मात्रा में है लेकिन अधिकतर किसान हर बार सोयाबीन की नई किस्म का उपयोग करना चाहते हैं।पिछले बार उत्पादन हुई सोयाबीन की भी क्वालिटी अच्छी नहीं है इसलिए परेशानी आ रही है। स्थानीय क्षेत्र में बीज के दाम अधिक हैं और अंकुरण की गारंटी भी नहीं दे रहे हैं। इस कारण रतलाम व जावरा क्षेत्र के अंचलों से बोवनी के लिए सोयाबीन मंगा रहे हैं। क्षेत्र में उत्पादन बढिया हुआ लेकिन दाम अधिक मिलने के कारण किसानों ने उपज को मंडियों में बेच दिया। किसान पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। बीज के साथ डीजल के दाम बढने से खेती में खर्च का भार भी बढ़ गया है।