Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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तीन महिने से ज्यादा के बाद अब सक्रिय संक्रमित एक भी नहीं, रात्री कफ्र्यू भी अब 11 से 6 बजे तक
मंदसौर जनसारंगी।
दूसरी लहर में हाॅ-हाॅ कार मचाने के बाद अब मंदसौर ने एक बार फिर से कोरोना को पछाड़ दिया है। शुक्रवार को मंदसौर में एक भी कोरोना संक्रिय मरीज नहीं बचा इसके साथ ही पिछले दस दिनों से लगातार नऐ पाॅजीटिव मरीजों की संख्या भी जीरों ही है इसी के चलते अब मंदसौर एक बार फिर से कोरोना मुक्त हो गया है लेकिन संभावित तीसरी लहर की तैयारियां प्रारम्भ हो चूकी है। इसके लिए शुक्रवार को मंदसौर में आरटीपीसीआर लेब भी प्रारम्भ हो गई। उधर कोरोना से बचने का एकमात्र हथियार वैक्सीन हीं है इसकों लेकर मंदसौर लगातार उत्साह दिखा रहा है लेकिन टीकों की कमी इसमें बाधा बन रहीं है। इसी के चलते एक दिन हजारों लोगों का वैक्सीनेशन होता है और इसके अगले ही दिन अभियान ही थम जाता है।
कोरोना की शुरूआत से अभी तक मंदसौर में 9062 लोग कोरोना पाॅजीटिव हुए है इसमें से 8978 लोग ठीक हुए है तथा 84 लोगों की अधिकृत तौर पर मृत्यु हो चूकी है इसके बाद गुरूवार की रात में एक भी कोरोना पाॅजीटिव मरीज नहीं बचा है। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रहीं है लेकिन इसके लिए मंदसौर को पूरी तरह से तैयार किया जा रहा हैं। अधिक से अधिक लोग वैक्सीन लगाकर खुद को सुरक्षित कर ले इसी के चलते लगातार जनजागरूकता अभियान भी चलाया जिसके कारण मंदसौर वासियों ने उत्साह दिखाया और वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरूआत से ही लक्ष्य से अधिक सफलता मंदसौर को मिल रहीं है । यहीं कारण है कि मंदसौर में अभी 2 लाख 70 हजार 15 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज और 35 हजार 88 लोगोें को दूसरा डोज यानी कुल 3 लाख 5 हजार 103 लोगों को टीका लग चूका है। हर दिन लक्ष्य से ज्यादा सफलता में गुरुवार को 26 हजार से अधिक डोज लगने के बाद शुक्रवार को एक बार फिर से टीकाकरण अभियान ठप्प हो गया और स्वास्थ्य विभाग ने कह दिया है कि तीन जुलाई को भी जिले में पहली डोज कहीं नहीं लगेगी। केवल मंदसौर शहर में आठ जगहों पर कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जाएगी। इसके लिए 1890 डोज का लक्ष्य तय किया गया है। 28 दिन पहले कोवैक्सीन की पहली डोज लगा चुके 18 प्लस व 45 प्लस वालों को दूसरी डोज लगाई जाएगी। इसके बाद चार जुलाई को रविवार रहेगा। अब पांच जुलाई को ही वैक्सीन मिलने पर फिर से टीकाकरण होने की उम्मीद बंध रही है।
टीकों की कमी के कारण ही अभी जिले में वैक्सीन सेंटर पर दिन भर में 200 से 300 टीके के डोज ही दिए जा रहे हैं, जबकि वहां लाइन में 500 से 700 लोग पहुंच रहे हैं। दिए गए डोज दोपहर में ही पूरे हो जाते हैं। फिर स्टाफ भी शाम तक हाथ पर हाथ धरकर बैठा रहता है और लोग भी सुबह से लाइन में लगने के बाद भी टीका नहीं लगने से निराश होकर जाते हैं तो उनमे आक्रोश भी हो रहा है। कई लोग तो टीका लगवाने के चक्कर में सुबह चार-पांच बजे से उठकर ही आ जाते हैं क्योंकि टीकों की कमी के कारण लोगों को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है।
आखरी मरीज ठीक हो गया लेकिन सावधानी जरूरी
गुरुवार रात को मिली रिपोर्ट में एक बचा हुआ आखिरी कोरोना मरीज भी स्वस्थ्य होकर घर चला गया। इस तरह से अब एक भी कोरोना मरीज नहीं बचा है। वहीं बारह दिनों से कोई कोरोना पॉजीटिव मरीज भी नहीं मिला है। हालांकि मास्क और सोशल डिस्टेसिंग अभी भी जरुरी है। कोरोना कफ्र्यू के बाद एक माह में कोरोना संक्रमण तेजी से कंट्रोल में आया है। जिले में पिछले 12  दिन में से 10 दिन शून्य पॉजिटिव मिले हैं जो अच्छे हैं। 29 दिन पहले तक जिले में 40 रेड जोन थे यह भी वर्तमान में शून्य हो गए है। जिला अस्पताल भी कोविड मरीज मुक्त हो गया। मंगलवार शाम की स्थिति में एक भी पॉजिटिव भर्ती नहीं है। इस स्थिति को बनाए रखने के लिए अभी सख्ती की जरूरत है। रतलाम तक डेल्टा वायरस पहुंच गया लेकिन जिले में लोग लापरवाह होते जा रहे हैं। बाजार में हर कोई बिना मास्क के घूम रहा जो घातक हो सकता है।
जिला अस्पताल भी कोरोना मरीज मुक्त
जिले के बाकी सभी कोविड केयर सेंटर पहले ही बंद हो चुके हैं। जिला अस्पताल में भी कोई पॉजिटिव मरीज नहीं बचा है। इसके चलते प्रबंधन ने वार्डों की साफ-सफाई भी करा ली है। जिले में करीब 12 मई को कोरोना संक्रमण के चलते 72 रेड जोन थे। इसमें अकेले शहर में 22 से अधिक रेड जोन व बाकी अंचल में थे। 30 मई तक जिले के 40 क्षेत्र रेड जोन बने हुए थे।इसमें शहर में 12 रेड जोन, मल्हारगढ़ में चार, गरोठ में तीन, सीतामऊ में 8, भानपुरा में 5 एवं धुंधडका में 5 क्षेत्र रेड जोन के अंदर थे। लोगों की जागरूकता व सतर्कता के चलते सभी हॉटस्पॉट व रेड जोन खत्म हो चुके हैं। लोग यदि इसी तरह सजग रहे व कोविड नियमों का पालन करते रहे तो जल्द जिला कोविड मुक्त ही रहेगा।

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