Monday, May 6th, 2024 Login Here
नारकोटिक्स अभिरक्षा में सोहेल की मौत पर हुई थी मजिस्ट¬ीयल जांच, न्यायालय के आदेश से दर्ज हुआ प्रकरण
मंदसौर । करीब सवा तीन महिने पहले नारकोटिक्स पुलिस की अभिरक्षा में राजस्थान के हतुनिया थाना क्षेत्र के ग्राम असावता निवासी सोहेल पठान की मौत के मामले में हुई मजिस्ट¬ीयल जांच के बाद न्यायाधीश अनिश कुमार के आदेश से यशोधर्मन नगर पुलिस ने नारकोटिक्स े के उपनिरीक्षक राजमल दायमा, आरक्षक प्रशांत केथवास , आरक्षक कमल पटेल, तथा जिला चिकित्सालय के डॉ. बीएस कटारे पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया ।
इस आशय की जानकारी देते हुए यशोधर्मन नगर पुलिस ने बताया कि 2 और 3 अप्रेल की मध्यरात्रि राजस्थान के हतुनिया थाना क्षेत्र के ग्राम असावता के रहने वाले सोहेल पिता हमीद खां पठान उम्र 21 साल की नारकोटिक्स अभिरक्षा में मौत हो गई थी नारकोटिक्स ने इसे तत्समय सामान्य मौत बताकर मामले को दबाने की कोशिश की थी लेकिन परिजनों ने विरोध जताया था और जांच की मांग की थी इसी के चलते मजिस्ट¬ीयल जांच के आदेश शासन ने दिए थे जिसके बाद न्यायाधीश अनिश कुमार मिश्र ने पूरे मामलें की जांच की और आखिरकार सवा तीन महिने बाद जांच के परिणाम सामने आऐ जिसमें पाया गया कि सोहेल की मौत सामान्य नही थी बल्कि नारकोटिक्स की अभिरक्षा में एसआई दायमा और दो आरक्षकों ने उसे पीट-पीट कर मार दिया और जिला चिकित्सालय के डॉक्टर कटारे ने भी तथ्यों को छिपाते हुए नारकोटिक्स के पक्ष में रिपोर्ट तैयार कर दी । इसी के चलते पुलिस ने चारों के विरुध्द हत्या की धारा 302, 201 और 218 में मुकदमा दर्ज कर लिया ।
उल्लेखनीय है कि नारकोटिक्स विंग ने 90 ग्राम ब्राउनशुगर के साथ मृतक सोहेल को पकड़ना बताया था लेकिन उसकी मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा था कि नारकोटिक्स विंग ने उनसे फोन पर बात करते हुए 50 लाख रू. देकर मामला रफा-दफा करने की बात कहीं थी लेकिन उनके पास पैसो की व्यवस्था नही थी उन्होने अगले दिन शनिवार को मिलने के लिए कहा था लेकिन इससे पहले ही सोहेल की मौत की खबर आ गई । परिजनो ने कहा था कि मृतक सोहेल शुक्रवार को जुम्मे की नमाज पढ़कर दोपहर 2 बजे घर से निकला था लेकिन जब वह वापस घर नही लोटा तो परिजनों ने उसे फोन किया तब पता चला कि उसे मंदसौर नारकोटिक्स विंग ने उठा लिया है । फोन पर सोहेल ने बताया था कि उसकी अधिकारी से बात हुई है उन्होने कहा है 50 लाख रू. दे दो तो छोड़ देंगे । इस पूरे मामलें में उपनिरीक्षक राजमल दायमा पर पैसे मांगने और सोहेल को मारने का आरोप परिजनों ने लगाया था और आरोप सही भी लग रहे थे क्योंकि परिजन सोहेल के शुक्रवार की दोपहर से ही गायब बता रहे थे जबकि नारकोटिक्स उसे शुक्रवार की रात में पकड़ना बता रही थी । यहीं नही उसकी मौत के बाद शरीर पर भी चोंट के निशान साफ दिखाई दे रहे थे । ऐसे में मजिस्ट¬ीयल जांच में सारा सच सामने आ गया और आखिरकार दोषियों पर प्रकरण दर्ज हो गया ।