Thursday, May 2nd, 2024 Login Here
रेलवे बोर्ड ने दी योजना को मंजूरी, ट्रेन शुरू होने में तीन माह का लगेगा वक्त
मंदसौर/रतलाम जनसारंगी।
रेल सेवा के माध्यम से मंदसौर का जुड़ाव बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से भगवान पशुपतिनाथ की नगरी मंदसौर होकर सीधी महाराणा की नगरी चित्तौड़गढ तक हो जाऐगा। इसके लिए बिते दिनों रेल मंडल ने प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा था जिसमें उज्जैन से व्हाया फतेहाबाद, रतलाम, मंदसौर होकर सीधे चित्तौड़गढ़ तक ट्रेन चलाऐ जाने की अनुमति मांगी गई थी। जिसे बोर्ड ने स्वीकार कर लिया है। हालांकि अभी इस ट्रेन सेवा को प्रारम्भ होेने में करीब तीन महिने का वक्त लग सकता है क्योंकि यह ट्रेन मेमू रैक से चलेगी जिसमें 12 डब्बे रहेंगे, यह कोच रेलवे की चैन्नई फेक्ट्री में निर्माणाधीन है।
करीब डेढ़ दशक पहले राजस्थान के चित्तौडगढ से नीमच, रतलाम, मंदसौर के यात्रियों को व्हाया फतेहाबाद होते हुए उज्जैन की कनेक्टिविटी मिलती थी। लेकिन यह सेवा 2006 में रतलाम-नीमच सेक्शन का अमान परिवर्तन होने से बंद हो गई थी। इसके बाद यात्रियों को खाचरौद, नागदा होकर उज्जैन जाना पड रहा था। लेकिन अब उज्जैन-फतेहाबाद सेक्शन भी ब्रॉडगेज हो चुका है इसलिए रेलवे इस रूट से ज्यादा से ज्यादा ट्रेन चलाने की तैयारी में हैं।
इधर महामारी में बंद हुई गाडियों को फिर शुरू करने के लिए रेलवे तेजी से काम कर रहा है। मंडल मुख्यालय ने लगभग 11 ट्रेनों को चलाने का प्रपोजल मुख्यालय भेज रखा है। इनमें डॉ. आंबेडकर नगर-रतलाम-डॉ.आंबेडकर नगर डेमू, रतलाम-चित्तौडगढ-रतलाम डेमू, रतलाम-आगरा फोर्ट-रतलाम, रतलाम-उदयपुर-रतलाम एक्सप्रेस, इंदौर-जयपुर लिंक-इंदौर एक्सप्रेस, इंदौर-बीकानेर-इंदौर महामना, इंदौर-गांधीनगर शांति एक्सप्रेस, रतलाम-नागदा-रतलाम पैसेंजर नागदा-उज्जैन-नागदा पैसेंजर, नागदा-बीना-नागदा पैसेंजर और नागदा-इंदौर-नागदा पैसेंजर शामिल हैं। मंजूरी मिल गई तो जुलाई में ही इनमें से कुछ ट्रेन चलने लगेगी।