Thursday, May 2nd, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
यदि आप किसी मार्केट, गार्डन या माल, होटल के सामने अपनी बाइक खड़ी कर रहे हैं तो सतर्क हो जाइए। यहां चोरों की नजर है। मौका मिलते ही वे आपकी गाड़ी को लेकर फरार हो सकते हैं। भीड़ भाड़ वाले इलाके हो या घर जिले में हर माह ऐसे ही तीस से ज्यादा गाडियां पार हो रही हैं। मतलब औसत एक बाइक रोजाना चोरी हो रही है। इधर पुलिस को लंबे समय से कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। लेकिन एक ही दिन में जिले में छह जगहों चोरों ने बाइक चोरी को अंजाम दिया।
शहर सहित जिलेभर में बाइक चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं। भीड़ भरे इलाके, बाजार, रेलवे स्टेशन और बैंक परिसर के साथ ही लोगों के घरों के बाहर से रोज एक दो दोपहिया वाहन चोर ले जा रहे हैं। गिरोह के सदस्य बाइक पर दूर से नजर रखते हैं। बाइक सवार अपनी गाड़ी से थोड़ी दूर हुए नहीं कि चोर कारनामा दिखाने में समय नहीं लगाता। मास्टर चाबी से या किसी अन्य तरीके से बाइक लेकर चंपत हो जाता है। देखा गया है कि कई लोग जल्दबाजी में अपनी बाइक को लॉक नहीं करते और खरीदारी करने जुट जाते हैं। इसी लापरवाही का चोर फायदा उठाते हैं। चोरों के पास श्मास्टर की्य होती है। इसका उपयोग बाइक चोरी के लिए करते हैं।
एक ही दिन में अलग- अलग जगहों से छह बाइक चोरी हो गई। कोतवाली पुलिस ने बताया कि गणेश पिता लालूराम निवासी नरसिंहपुरा की बाइक एमपी 14 एनसी 0121 को अज्ञात बदमाश फरियादी के घर के बाहर से चोरी कर ले गए। दलौदा पुलिस ने बताया कि कन्हैयालाल पिता बाबूलाल निवासी मांगरोला की बाइक एमपी 14 एनडी 2072 को अज्ञात बदमाश दलौदा देशी शराब की दुकान के सामने से चोरी कर ले गए। अफजलपुर पुलिस ने बताया कि सुनील पिता अर्जुनसिंह निवासी रातीखेडी की बाइक एमपी 14 एमजेड 9319 को अज्ञात बदमाश फरियादी के घर के बाहर से चोरी कर ले गए। पिपलियामंडी पुलिस ने बताया कि हरीश पिता देवीलाल निवासी बोतलगंज की बाइक एमपी 14 एनबी 0817 को अज्ञात बदमाश फरियादी के घर के बाहर से चोरी कर ले गए। इसी तरह से नारायणगढ पुलिस ने बताया कि रामचंद्र पिता बगदीराम निवासी सेकड़ी जिला प्रतापगढ की बाइक आरजे 35 एसजे 5662 को अज्ञात बदमाश हनुमंतिया संजीत रोड स्थित सरपंच हरिसिंह के खेत के पास से चोरी कर ले गए। सीतामऊ पुलिस ने बताया कि मदनलाल पिता नारायणलाल निवासी रहिमगढ की बाइक एमपी 14 एनए 2088 को अज्ञात बदमाश करनाली खाल से चोरी कर ले गए।
शहर में तीस फीसदी लोग बाइक खरीदते समय ही बीमा कराते हैं। इसके बाद ध्यान नहीं देते। इधर बाइक चालान करते समय भी पुलिस इनसे वास्ता नहीं रखती। केवल पैसे लेकर गाडियां छोड़ देती है। बाइक मालिक दूसरी बार बीमा कराने नहीं जाते। इसीलिए चोरी होने के बाद ऐसे लोग रिपोर्ट दर्ज कराने भी थाने नहीं जाते। यहीं नहीं किसी एरिया में यदि बाइक चोरी के मामले अधिक आए तो संबंधित थाने की पुलिस वहां नजर रखने तो जाती है पर एक दो दिन बाद निगरानी बंद हो जाती है। चोर भी इस बात को जानते हैं। पु्रलिस चोरों को तभी दबोच सकती है जब वह बाइक लेकर जा रहा हो। घूमते हुए चोरों की पहचान नहीं हो पाती।
इधर चोरी की अधिकांश बाइक कबाडियों के पास खपाई जाती हैं। कबाड़ी एक बाइक दो से तीन हजार रुपए में खरीदकर उसका एक एक पाटर््स अलग कर देते हैं। इनका हर पुर्जा अलग कर इंजन व कीमती सामानों को मैकेनिकों के पास बेच देते हैं। विशेषकर जिले में चोरी होने वाली बाइक को अन्यत्र जिले में बेचा जाता है।