Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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मंदसौर जनसारंगी।
 केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने वर्ष 2021-22 के लिए नई अफीम नीति घोषित की है। इस अफीम नीति से न किसान खुश नजर आ रहे हैं और न ही नेता नगरी। इसका कारण है कि लगभग तीस प्रतिशत किसानों को इस अफीम नीति से नुकसान की आशंका है
प्रदेश के मालवा में मंदसौर, नीमच जिले अफीम उत्पादक जिलों में आते है। 11 अक्टूबर को केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने इस वर्ष के लिए अफीम नीति जारी की है। जिले के किसान इसके इंतजार में थे। लेकिन अफीम नीति आने के बाद अधिकांश किसान इससे खुश नहीं है। किसान नेता जारी अफीम नीति के खिलाफ आंदोलन का मन बना रहे हैं।
2021 की नई अफीम नीति
वर्ष 2021-22 की घोषित अफीम नीति के अनुसार इस बार 4.2 से 5 तक का अनुपात देने वाले किसानों को 6 आरी का पट्टा मिल सकेगा। 5 से 5.9 तक के अनुपात वाले किसान 10 आरी के पट्टे के पात्र बनेंगे जबकि  5.9 से अधिक रेशो देने वाले किसानों को 12 आरी का पट्टा मिल सकेगा। इसी के साथ ही जिन्होंने अधिकारियों की देखरेख में फसल वर्ष 2018-19, 2019-20 और 2020-21 के दौरान अपनी संपूर्ण पोस्त की फसल की जुताई की हो, लेकिन जिन्होंने इसी तरह फसल वर्ष 2017-18 के दौरान अपनी सम्पूर्ण पोस्त फसल की जुताई नहीं की थी। ऐसे अफीम किसान भी अफीम लाइसेंस के लिए पात्र होंगे जो एनडीपीएस प्रकरण में न्यायालय द्वारा बरी हो चुके हों। 31 जुलाई 2021 तक ऐसे मामले वाले किसान लाइसेंस पात्रता की श्रेणी में आएंगे। इसी के साथ ही एनडीपीएस एक्ट में दोषमुक्त किसान भी लायसेंस के पात्र होंगे। इससे क्षेत्र के कई किसान लाभांवित होंगे। वहीं जिन किसानांे को 10 हेक्टेयर से अधिक का लायसेंस प्राप्त है वह एक से अधिक भूखंड पर नियमानुसार खेती कर सकते है।


किसान हितेशी है नई नीति

केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण व वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने किसान हित में नीती घोषित की है। नई अफीम नीति से क्षेत्र के कई किसान लाभांवित होंगे। नई नीति किसानों के हिमों और सुझावों को ध्यान में रखकर ही बनाई गई है। भाजपा सरकार किसानों केे हितों के लिए दृढ़ संकल्पित है। अफीम नीति घोषित कराने और किसान हित के मुद्दों को लेकर वित्त मंत्री व वित्त राज्य मंत्री के संपर्क में था, किसानों के सुझावों और नीति को लाभकारी बनाने के लिए लगातार जागरूक के साथ प्रयत्न किए जिसके बाद केन्द्र सरकार द्वारा अफीम नीति घोषित की गई।
सुधीर गुप्ता, सांसद मंदसौर संसदीय क्षेत्र
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भाजपा महामंत्री बोले- अधिकारियों की नीति पर अनुसरण किया

भाजपा के जिला महामंत्री और किसान गणपत आंजना ने बताया की इस वर्ष की अफीम नीति के मंत्रायल ने सांसद सुधीर गुप्ता की नहीं सुनी। मंत्रालय ने केवल अधिकारियों की बताई नीति पर अनुसरण किया है जो किसानों के हित में नही है। वहीं अफीम किसानों के साथ लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। किसान नेता अमृतराम पाटीदार के कहना है की अब तक कि सबसे घटिया नीति आई है। जिसमें किसानों का नुकसान है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग है कि मार्फिन के आधार को खत्म किया जाना चाहिए। इस वर्ष के मार्फिन की औसत अफीम तौल केंद्र पर किसानों के सामने ही तय होनी चाहिए।
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आज किसान करेंगे नारकोटिक्स का घेराव

अफीम नीति को किसानो ने अपने हित में नहीं बताते हुए आज नारकोटिक्स कार्यालय का घेराव करने के आंदोलन को यथावत रखा है। किसानों ने कहा इस नीति से हजारों किसानों के पट्टे कटने की संभावना है वहीं दूसरी और नए लाइसेंस देने का वादा भी पूरा नहीं हुआ है।
 इसकों लेकर आज 13 अक्टूबर को प्रात 11 बजे नीमच नारकोटिक्स कार्यालय का किसान घेराव करेंगे और डीएनसी को ज्ञापन देकर के नीति में परिवर्तन की उच्च स्तर पर मांग मांग करेंगे। किसानों ने कहा कि इस साल 3.00 मार्फिन पर लाइसेंस दिये जाये  । 1990 से आज तक कम औसत  में कटे पट्टे बहाल किये जावे ।  घटिया  पट्टे को तुरंत जारी किया जाए और तौल केंद्र की रिपोर्ट को ही अंतिम रिपोर्ट मानी जाए। वर्ष 2013-14 में बेमौसम बरसात शीत लहर से कटे हुए पट्टे दिए जाए ।प्रत्येक किसान को सारी के नए पट्टे दिए जाए ।अफीम का भाव 10000 प्रति किलो किया जाए और अफीम की फसल को भी फसल बीमा के दायरे में रखा जाए। नीमच मंदसौर मंडी में पोस्ता दाना खरीदी की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाए।   विरोध करते हुए शंकर लाल आंजना करजू, गोपाल पाटीदार, परशुराम पाटीदार, भेरूलाल पाटीदार, महेश पवार, समरथ पाटीदार, परसराम प्रजापति, परमानंद पाटीदार, राजाराम सूर्यवंशी, नंदराम पाटीदार, श्यामू सोनी, विक्रम सिंह आंजना, जीवन आंजना ने नई नीति को किसानों के साथ धोखा बताया और नीमच आंदोलन में भाग लेने की अपील की।

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