Friday, May 3rd, 2024 Login Here
किसान परेशान होते रहे,अधिकारी देखते रहे, पुलिस ने पकडा स्टॉक
मंदसौर जनसारंगी।
खाद की कालाबाजारी रोकने से निपटने के लिए कृषि विभाग ने लाख दावों के साथ प्लान तैयार किए थे। लेकिन विभाग के दावे और प्लान सब हवा होते नजर आ रहे हैं। इसका प्रमाण है पुलिस और प्रशासन द्वारा निंबोद दलौदा क्षेत्र में जब्त किया बड़ी मात्रा में खाद का अवैध भंडारण। जिले में सरकारी और निजी मिलाकर कुल 300 से अधिक खाद की दुकानों के लिए कर्मचारियेां की तैनाती करते हुए नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। जिनका काम मॉनिटरिंग करना है। कालाबाजारी रोकने के लिए कंट्रोल रुम बनाकर नंबर भी जारी किए गए। कालाबाजारी पर सख्ती से निपटने के लिए हर एक दुकान के लिए एक कर्मचारी की ड्युटी लगाने का दावा विभाग ने किया। बावजूद इसके भी कलाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
एक दिन पहले पुलिस और प्रशासन की टीम ने दलौदा क्षेत्र में दो जगहों पर कार्रवाई करते हुए करीब पौने चार सौ कट्टे खाद के जब्त किए। जिनका अवैध भंडारण करके यहां रखा गया था। इस कार्रवाई ने कृषि विभाग के खाद की कालाबाजारी के दावों की पोल खोल दी। साथ ही कृषि विभाग के अधिकारियों की म-ागिरी भी इस कार्रवाई के बाद सामने आई। कलेक्टर गौतमसिंह ने भी अधिकारियों को इस कार्रवाई के बाद फटकार लगाई। इधर किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। खाद के विक्रय को लेकर मानीटरिंग का काम कृषि विभाग को करना होती है, बावजूद कालाबाजारी पर रोक विभाग नहीं लगा रहा है। वहीं खाद की आपूर्ति करना विपणन विभाग संघ की जिम्मेदारी है। लेकिन इस साल खरीफ सीजन के तीन माह बीत जाने के बाद भी अब तक विपणन संघ खाद की कमी को दूर नहीं करवा पाया है। शासन द्वारा यूरिया के प्रति बैग 267 रुपये निर्धारित है, लेकिन सरकारी स्तर पर यूरिया की किल्लत के कारण किसानों को समय पर नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण किसानों को मजबूरन बाजार से महंगे दामों में यूरिया खरीदना पड़ रहा है। किसानों के अनुसार बाजार में 320 से 350 रुपये तक में यूरिया बैग मिल रहा है। जिले में कुल 29 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन जिले में अब तक 17 हजार मीट्रिक खाद की आवक हो पाई है। कई सोसायटियों में खाद उपलब्ध नहीं है। खरीफ सीजन की फसलों की बोवनी के बाद से ही जिले में किसान यूरिया खाद के लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन जिले में किसानों की मांग के अनुसार खाद की आवक नहीं हो रही है। निजी व सरकारी स्तर पर वितरित होने के लिए जिले में इस साल कुल 29 हजार मीट्रिक टन यूरिया का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन सीजन के दो माह से अधिक समय बाद भी अब तक लक्ष्य का करीब 60 प्रतिशत यूरिया भी जिले में नहीं आया है।