Monday, May 6th, 2024 Login Here
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मंदसौर जनसारंगी।
 गुगल पे हो या फोन पे या रुपयों का लेन-देन का अन्य साधन, अब लोगों को भाने लगा है। यहीं कारण है कि एटीएम से लोगों ने थोड़ी दूरी बना ली है। यहीं कारण है कि सार्वजनिक क्षेत्रों की बड़ी बैंकों ने नए एटीएम लगाना बंद कर दिए हैं। वहीं जिले में लगे कुछ एटीएम भी बंद हो गए हैं। सार्वजनिक क्षेत्रों की बड़ी बैंकों का लंबे समय से नया एटीएम नहीं लगा है। चूंकि डिजिटल पेमेंट बढ़ रहा है। इससे आगे भी बैंकों की योजना फिलहाल तो नए एटीएम लगाने की नहीं है। अफसरों के मुताबिक एटीएम के लिए उच्च बैंकों से आदेश मिलते हैं, लेकिन एटीएम से कैश ट्रांजेक्शन लगातार कम होने से बैंकों की इस तरह की योजना नहीं है।
एटीएम से निकासी भी घटी
बैंकों के एटीएम से रुपए की निकासी भी लगातार कम होती जा रही है। शहर में विभिन्न बैंकों के एटीएम से पहले जहां तीन से चार करोड़ रुपए की निकासी रोजाना होती थी। लेकिन डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढऩे से एटीएम से निकासी की संख्या तेजी से घट रही है और अब एटीएम से रोजाना की निकासी दो से तीन करोड़ ही रह गई है।
बैंकों का फोकस भी डिजीटल पेमेंट पर
बैंक अधिकारियों के अनुसार आरबीआई के साथ ही बैंकों का पूरा फोकस डिजिटल पेमेंट की तरफ है। डिजिटल पेमेंट से बैंकों का तो फायदा है ही साथ ही ग्राहकों को भी फायदा है। उन्हें एटीएम जाने की जरूरत नहीं होती है और वे घर बैठे ही किसी को भी पेमेंट कर सकते हैं।डिजिटल पेमेंट से हाथों हाथ पेमेंट होता है। साथ ही मैसेज के जरिए इसकी जानकारी भी ग्राहकों को मिल जाती है। चूंकि डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इससे विभिन्न बैंकों के नए एटीएम लगना भी बंद हो गए है। इससे सार्वजनिक क्षेत्रों की बढ़ी बैंकों के एटीएम लगना ही बंद हो गए है।
यूपीआई भी मददगार
सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट का भुगतान क्यूआर कोड के जरिए हो रहा है। दुकानों पर जो पीओएस मशीनें लगी है उनकी संख्या भी कम हो गई है। पहले शहर की दुकानों पर 2500 पीओएस मशीनें लगी थी। वहीं अब इनकी संख्या भी घटकर आधे से भी कम रह गई है। ज्यादातर दुकानों पर क्यूआर कोड के जरिए भुगतान हो रहा है। यही नहीं पानी पताशे और चाय की स्टाल पर भी क्यूआर कोड के जरिए ही भुगतान हो रहा है। इससे शहर में पीओएस मशीनों की संख्या घटकर अब 850 ही रह गई है। चूंकि क्यूआर कोड से भुगतान तेजी से बढ़ रहा है। इससे आगे भी पीओएस मशीनों की संख्या घटेगी। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद पीओएस मशीनों का भुगतान तेजी से बढ़ा था और दुकानों पर पीओएस मशीनों से ही भुगतान हो रहा था। अब क्यूआर कोड के जरिए भुगतान हो रहा है।
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