Monday, May 6th, 2024 Login Here
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असल तस्करों तक पहुंच ही नहीं पाती पुलिस, कैरियर को पकड़कर ही मामलें हो जाते है खत्म
मंदसौर जनसारंगी।

 सित्तर फिसदी तस्करी के मामले में पुलिस के हत्थे सिर्फ कैरियर ही चढ़ रहे हैं। मुख्य तस्कर चाहे पंजाब का हो या हरियाणा का या फिर मंदसौर जिले का, पुलिस उन तक कम ही मामलों में पहुंच पाती है। इधर कैरियर मतलब एक अन्य व्यक्ति दस से एक लाख रुपए लेकर माल लाने ले जाने का काम कर रहा है। महज दस हजार के चक्कर में दस साल के लिए अंदर जा रहा है।
मंदसौर जिले में मादक पदार्थाे की तस्करी के लिए जिला बदनाम हो चुका है। खाकी पर तस्करी के मालमों में आए दिन आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं। पांच साल में पुलिस ने डोडाचूरा, अफीम और म्याऊ म्याऊ सहित अन्य मादक पदार्थाे की तस्करी करने वालों के खिलाफ 475 प्रकरण दर्ज किए है। इनमें करीब 763 तस्करों का पुलिस ने गिरफ्तार किया है।तो कई तस्कर अब तक फरार चल रहे हैं। लेकिन इन पकडाए तस्करों में सबसे अधिक संख्या कैरियर की है। मुख्य तस्करों की संख्या कम है। बडे तस्कर इन कैरियर को रुपए देकर अवैध मादक पदार्थाे की तस्करी करवाते हैं। इन कैरियर को दस हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का लालच देकर दस साल की कैद दे रहे हैं।
माल और दूरी के हिसाब से रेट होते तय
माल और दूरी के हिसाब से कैरियर के रेट तय होते हैं। बड़े तस्कर या मुख्य तस्कर स्वयं बहुत कम तस्करी करते हैं। जिसके वे चलते अवैध मादक लिए कैरियर को चुनते हैं और उसे अवैध मादक पदार्थ की तस्करी के लिए रुपए देते हैं। इसमें कैरियर को दस हजार से लेकर एक लाख रुपए तक दिए जाते हैं। इसमें कैरियर कितनी दूरी पर जाएगा। उसके हिसाब से भी तो कभी अवैध मादक पदार्थ की मात्रा को लेकर सहित अन्य कारणों से उसके रूपए तय किए जाते हैं। तस्करी में कभी कभ्ीा कैरियर के साथ एक सहायक कैरियर को भी भेजा जाता है। जिसको दस से पच्चीस हजार रुपए दि जाते हैं। पुलिस अधिकारियों की माने तो अवैध मादक पदार्थ की तस्कर करीब साठ से सित्तर प्रतिशत कैरियर ही पकड़े जाते हैं।
पांच साल में 475 मामले
जिले में पांच सालों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 475 मामले पुलिस ने दर्ज किए है। इनमें सबसे अधिक तस्करी डोडचूरा और अफीम की है। डोडाचूरा तस्करी के 325 प्रकरण दर्ज किए गए है। तो अफीम तस्करी के ९४ प्रकरण दर्ज किए गए है। इसके अलावा गांजा और स्मैक के तस्कर भी पकड़े है। जिसमें गांजा स्मैक के 37-37 प्रकरण दर्ज किए गए है। अलावा म्याऊ म्याऊ सहित अन्य मादक पदार्थाे की तस्करी भी जिले में होती है।
केस-1
पुलिस ने कुछ समय पहले बड़ी मात्रा में अफीम के साथ फकीरचंद और सत्यनारायण को गिरफतार किया था। जिसमेें आरोपी फकीरचंद ने पूछताछ में बताया कि उसे दस हजार रुपए माल ले जाने के लिए मिले थे। यह उसे सत्यनारायण के साथ में जाने के लिए मिले थे। वहीं सत्यनारायण को प्रति किलो अफीम के हिसाब से दस हजार रुपए तस्करी के लिए मिले थे।
केस-2
वायडी नगर पुलिस ने बताया कि पुलिस ने जुलाई माह में ट्रक चालक को बड़ी मात्रा में डोडाचूरा के साथ पकड़ा था। चालक जसबीर ने पूछताछ में बताया कि पंजाब के एक तस्कर ने एक लाख रुपए डोडाचूरा परिवहन के लिए दिए थे।पुलिस ने मुख्य तस्कर को भी आरोपी बनाया था।
फैक्ट फाईल
वर्ष प्रकरण आरोपी
2017 100 153
2018 122 164
2019 87 167
2020 89 159
2021 77 120


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