Monday, May 6th, 2024 Login Here
बिना परमीट के दौड़ लगा रहीं थी,
मंदसौर। बिना परमीट और नियमों को ताक पर रखकर निजी यात्री बसें दौड़ रही है। आज नाहरगढ से मदंसौर जा रही युवराज बस जग्गाखेड़ी बायपास पर पलट गई। इसमें कुछ यात्रियों को चोटें भी आई। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बस का परमीट नहंीं था। इसके अलावा जिले में कई बसें नियमों को ताक पर रखकर चल रही है। बस संचालकों ने नियमों की ताक पर रख रखा है। जिले में लगभग 250 निजी बसे संचालित है। राजमार्ग से गुजरने वाली रतलाम, नीमच, जावरा, उदयपुर आदि की बसें भी मिला दी जाए तो संख्या करीब 400 हो जाती है। लगभग सभी बसों में नियमों का पालन नहीं हो रहा है। बसों में चालक, परिचालक वर्दी नहीं पहनते हैं। कई बार क्लीनर को ही चालक की सीट पर बैठा दिया जाता है। बसों में कही भी परमिट, फिटनेस, हेल्पलाइन नं. की जानकारी नहीं मिल रही है।मोटर व्हीकल एक्ट में स्पष्ट प्रावधान है कि बस की छतों पर करियर होना ही नहीं चाहिए। यात्रियों के सामान के लिए बस में डिकी होना चाहिए। इसके बाद भी सभी बसों की छत पर करियर लगे हैं। सामान तो ठीक कई बार भीड़ ज्यादा होने पर यात्रियों को ही छत पर बैठा रहे हैं।
क्या कहते हैं नियम
- बसों में यात्रियों के लिए दो गेट व एक इमरजेंसी निकासी होना चाहिए।
- चालक-परिचालक वर्दी में हो। वर्दी पर नेम प्लेट लगी हो।
- फर्स्ट एड बॉक्स और अग्निशमन यंत्र हो।
- चालक के पास लाइसेंस व पांच वर्षों का अनुभव हो।
- बस की विंड स्क्रीन पर परमिट, फिटनेस, हेल्प लाइन नं की जानकारी हो।
ऐसे हो रहा है उल्लंघन
1. बसों पर न तो बीमा का उल्लेख है और न ही फिटनेस सर्टिफिकेट लगा है।
2. बसों के अंदर और गेट के पास किराया सूची भी नहीं लगी हुई है।
3. बस ड्राइवर व कंडक्टर यूनिफॉर्म भी नहीं पहनते।
4. बसों में आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र भी नहीं हैं।