Monday, May 6th, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
भगवान पशुपतिनाथ की पवित्र नगरी मंदसौर के लिए शिवना एक नदी नहीं बल्कि मॉ के समान है जिसका जल प्रत्येक शहरवासी पीता है लेकिन अनदेखी और ठोस कार्ययोजना के अभाव में करोड़ों रूपऐ खर्च होने के बाद भी अभी तक शिवना की सूरत नहीं बदल पाई है। नदी में मिल रहे गंदे नालों और केमिकल के कारण एक बार फिर से नदी का पानी लाल हो गया है। नदी के पानी से बदबू भी आने लगी है। मंदसौर शहर में नदी के प्रवेश के बाद खानपुरा से लेकर पशुपतिनाथ मंदिर के समीप तक करीब आठ जगहों पर गंदा पानी शिवना नदी में मिल रहा है। जिसके कारण नदी पूरी तरह से प्रदुषित हो रहीं है।
शिवना नदी को प्रदुषण मुक्त बनाने के लिए लगातार बाते की गई लेकिन किसी भी ठोस कार्ययोजना पर अमल नहीं किया गया। जिम्मेदारी की इसी लापरवाही के कारण शिवना नदी और ज्यादा प्रदुषित होती जा रहीं है। बारिश के दिनों में कल-कल बहकर भगवान पशुपतिनाथ का जलाभिषेक करने वाली शिवना मैय्या बारिश बंद होने के महज डेढ महिने में ही नदी के बजाऐ नाले में बदल गई। मुक्तिधाम के निकट नदी का पानी एक बार फिर से लाल हो गया, गंदे नालों के कारण जगह-जगह गाद भी जम गई और कई बार नदी में मछलियों की मौत भी हो गई लेकिन फिर भी नदी की सूरत बदलने के लिए कोई सुव्यवस्थित कार्ययोजना नहीं बन पाई है। जबकी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं पीएचई द्वारा शिवना नदी के पानी से कई बार सैंपल लिए गए। जांच में शिवना के पानी में कई हानिकारक बैक्टिरिया पाए गए। इसके बावजूद शिवना के पानी स्वच्छ बनाने के लिए कोई नपा और प्रशासन ने अब तक धरातल पर कोई प्रभावी कार्य नहीं किया है। शहर के नालों का गंदा पानी शिवना में मिलने से रोकने में भी अब तक कोई कारगर उपाय नहीं हो पाए हैं।
हालत यह है कि लगातार प्रदूषित हो रही शिवना नदी के उत्थान के लिए नगरपालिका शिवना के सुंदरीकरण के लिए योजनाएं बनाने के अलावा कुछ नहीं कर पाई। करोड़ों खर्च भी हुए, पर शिवना की हालत नहीं बदली। प्रदूषित हो चुकी शिवना नदी के पानी के सैंपलों की जांच वर्ष 2019 में चार बार हुई, लेकिन शिवना का जल शुद्ध होने की बजाय और अधिक खराब हो गया। यहीं नहीं नगर पालिका द्वारा करीब दो वर्ष पहले पशुपतिनाथ मंदिर के समीप छोटी पुलिया से 145 मीटर की सीवरेज लाइन करीब डेढ़ साल पहले डाली गई थी। 20 लाख रुपये की सीवरेज लाइन को जिस उद्देश्य से डाला गया, वह कहीं से कहीं तक पूरा नहीं हो पाया है। लाइन में जहां पानी छोड़ा जा रहा है, वह नदी में ही फैल रहा है। 20 लाख रुपये खर्च करने के बाद भी शिवना नदी की हालत नहीं सुधरी है।
100 करोड़ का प्रोजेक्ट, पर नहीं हुई शुरुआत
एप्को द्वारा करीब 15 माह पहले शिवना सुंदरीकरण एवं आसपास के क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए लगभग 100 करोड़ के प्रोजेक्ट तैयार किया था। इसकी डिजाइन भी एप्को द्वारा नपा अध्यक्ष एवं अन्य अधिकारियों को दिखाई थी। फाइनल स्थिति नपा को ही तय करना थी लेकिन 15 बीतने के बाद अब तक कुछ नहीं हो पाया है।