Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
खाद की कमी से जूझ रहे किसानों के लिए अच्छी खबर आई है। अब सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को नैनो यूरिया मिलेगा। जिला कलेक्टर गौतम सिंह ने पहल करते हुए जिले में सभी 104 सहकारी समितियों के माध्यम से नैनो यूरिया कृषकों तक पहुंचाने के लिये कुल 6444 लीटर नैनो यूरिया की मांग भेजी गई।अब यदि किसानों का रूझान इस तरफ हुआ और नैनो यूरिया तकनिकी सफलतापूवर्क स्थापित हो गई तो पुनः और मांग भेजी जाऐगी।
दरअसल नैनो यूरिया (तरल) पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करने का उत्तम स्त्रोत है। पौधों की अच्छी बढ़वार एवं विकास में नाइट्रोजन अहम भूमिका निभाता हैं। परिक्षणों द्वारा यह पाया गया है कि पारम्परीक नाइट्रोजन यूक्त उर्वरकों के प्रयोग में 50 प्रतिशत की कटोत्री नैनो यूरिया द्वारा की जा सकती हैं। नैनो यूरिया की एक बोतल (500 मि.ली.) एक बैग यूरिया (45 कि.ग्रा.) के बराबर है। कम पानी की दशा में भी यह अच्छा कार्य करता है। नैनो यूरिया पर्यावरण को यूरिया उर्वरक के अन्धाधूंध प्रयोग के होने वाले कुप्रभाव से बचाता हैं, जिससे मृदा, वायु और जल प्रदूषित होने से बच सके। नैनो यूरिया की 2-4 मि.ली. मात्रा एक लीटर पानी मेें घोलकर फसल की प्रांरभिक वृद्धि की अवस्थाओं पर नाइट्रोजन की आवश्यकता अनुसार छिडकाव किया जा सकता हैं। एक एकड़ जमीन के लिये 125 लीटर पानी की मात्रा पर्याप्त होती हैं। अच्छे परिणाम के लिये दो छिडकाव आवश्यक होते हैं।
प्रशासन ने किसानों से अनुरोध करते हुए कहा कि एक बार नैनो यूरिया का उपयोग कर तकनिकी की विशेषता ओर उपयोगिता को स्वयं समझने का प्रयास अवश्य करें।