Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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मंदसौर जनसारंगी।
लंबे समय से मेडिकल कॉलेज की मंाग की जा रही थी। आखिरकार केबिनेट में मेडिकल कॉलेज को हरी झंडी मिल गई। प्रदेश में छह मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी दी गई है। जिसमें मंदसौर शामिल है। इसके लिए 270.59 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। इधर जमीन पहले ही चयनित कर ली गई है। उम्मीद लगाई जा रही है कि मेडिकल कॉलेज की सुविधा जल्द ही मिल जाएगी।
मध्यप्रदेश शिवराज कैबिनेट की बैठक मंत्रालय में हुई। मध्यप्रदेश में नए 6 चिकित्सा महाविद्यालय खोलने को मंजूरी दे दी गई। यह जानकारी सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया को दी। मिश्रा ने 6 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की जानकारी देते हुए कहा कि आजादी के बाद से शिवराज सरकार बनने तक कांग्रेस सरकार में सिर्फ 5 मेडिकल कालेज ही थे, शिवराज सरकार में इसकी संख्या 20 हो गई है।नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया को शिवराज कैबिनेट की बैठक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार आने के पहले जब कांग्रेस की सरकार थी, तब आजादी के बाद से सिर्फ पांच मेडिकल कालेज थे। जब शिवराज सरकार आई तो प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 20 हो गई है। जो 6 मेडिकल कालेजों को मंजूरी मिली है उनमें मंडला, सिंगरौली, श्योपुर, राजगढ़, नीमच, मंदसौर हैं। राशि क्रमशः 249.63 करोड़ रुपए, 258.07 करोड़, 256.83 करोड़ रुपए, 256.55, 253.7, 270.59 करोड़ रुपए। ऐसे कुल 12 सौ करोड़ रुपए राशि मंजूर की गई है। मिश्रा ने कहा कि मंडला, श्योपुर, मंदसौर यह जनजातीय बाहुल्य जिले हैं, जहां मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। उस क्षेत्र के और उस समुदाय के विकास की दृष्टि और उन्नति की दृष्टि से यह निर्णय लिए गए हैं। कोरोना को लेकर आपात बैठक भी हुई, जिसमें सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रभारी मंत्री अपने प्रभार के जिलों में आक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर, आक्सीजन कंसरटेटर, रेमेडिसिविर आदि की चिंता वे करेंगे और अपने-अपने जिलों की स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी और अपडेट लेते रहेंगे। लोगों में मास्क, सैनेटाइजर और कोरोना गाइडलाइन के प्रति जागरूक के लिए भी अपने-अपने क्षेत्रों में निर्देश देते रहें।
चालिस प्रश राज्य, साठ प्रश केंद्र

मेडिकल कॉलेज के लिए 270.59 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। इसमें 60 फीसदी   केंद्र शासन और 40 फीसदी  राज्य शासन को देना है। अधिकारियों के अनुसार केंद्र ने अपने हिस्से में से पहली किस्त के 30 करोड़ रुपए राज्य शासन को दे चुका है।
बाक्स
कांग्रेस ने भी लिया स्वीकृति का श्रेय

मेडिकल कॉलेज को केबिनेट की मंजूरी मिलने का श्रेय कांग्रेस ने भी लिया। जिला कांग्रेस अध्यक्ष नवकृष्ण पाटील ने प्रेस वकत्व्य जारी करते हुए इसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की हूंकार का नतीजा बताया और कहा कि पिछले दिनों मंदसौर में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने मेडिकल कॉलेज का मुद्दा उठाया था। इसके बाद सरकार ने आनन-फानन में इसे मंजूरी दे दी जबकी मंदसौर जिले में भूमी व अन्य जरूरी प्रक्रियाये अभी शेष है। श्री पाटील ने कहा कि जब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी तब मंदसौर सहित अन्य मेडिकल कॉलेज स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ था और अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा मंदसौर की सभा मेें मेडिकल कॉलेज उनकी सरकार में ही मिलने एवं देने के वादे के उपरांत शिवराज सरकार ने कागज में मेडिकल कॉलेजो की मंजुरी दी है।

निर्माण से पहले यह होता है जरुरी

30 एकड़ जमीन का चयन करना।
-जमीन चयन के बाद लंबाई-चौड़ाई का सर्वे कर शासन को भेजा जाता है।
-शासन स्तर पर मेडिकल कॉलेज की डीपीआर तैयार होती है।
-डीपीआर को प्रशासकीय व तकनीकी स्वीकृति के लिए भेजा जाता है।
-प्रशासकीय व तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद टेंडर कॉल किए जाते हैं।
-टेंडर होने के बाद एक से दो माह बाद निर्माण शुरू होता है।

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