Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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- दो साल पहले चलती थी 12 जोड़ी ट्रेनें, अब रह गई केवल चार
- एक-दो दिन के धरना- आंदोलन और ज्ञापन की नोटंकी कर चुप बैठ जाती हैं कांग्रेस व अन्य पार्टियां

सुवासरा। विगत करीब 2 वर्षों पहले सुवासरा रेलवे स्टेशन पर 12 जोड़ी यात्रीगाड़ियां रुकती थी। लेकिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता के कारण अब यह संख्या घटकर केवल 4 ही रह गई है। जिस कारण क्षेत्र के लोगो को आवागमन में दिक्कतें होने के साथ ही उनके समय और धन की भी बर्बादी हो रही है। क्षेत्र के कैबिनेट मंत्री को तो रेलवे और उनके गृहनगर में आमजन को हो रही दिक्कतो से कोई सरोकार ही नही है। संसदीय क्षेत्र के सांसद भी इस समस्या को लेकर बिल्कुल गम्भीर नही है। वहीं कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियां केवल अपना- अपना उल्लू सीधा करने में लगी है। हालांकि वोटो की राजनीति एक बार फिर से शुरू होने जा रही है, अब देखना यह है सुवासरा तहसील की जनता किस और करवट लेती है।

स्वीकृत सुविधाएं भी अन्य स्टेशनों को दे दी-
रेल सुविधाओं के मामले में संपूर्ण कोटा मंडल में सबसे अधिक उपेक्षा सुवासरा रेलवे स्टेशन की हुई है। यहां ना तो पूर्व के ठहराव यथावत हो पा रहे हैं नही सुवासरा- मंदसौर रेल लाइन को अभी तक बजट आवंटन हुआ है। यहां के लिए स्वीकृत मूलभूत सुविधाएं भी अन्य स्टेशनों को दी जा रही है। जिसमे कोच गाइडेंस इलेक्ट्रॉनिक टाइम टेबल डिस्प्ले, दोनों प्लेटफार्म के सौंदर्यीकरण के साथ ही  प्लेटफार्म नंबर-3 का निर्माण शामिल है। इन सुविधाओं की स्वीकृति हो चुकी थी, लेकिन अधिकारिक स्तर, राजनीतिक कारणों एवं भाजपा- कांग्रेस नेताओ के उदासीन रवैये के कारण उक्त स्वीकृति को भी नजरअंदाज किया गया। सुवासरा- मंदसौर रेल लाइन संपूर्ण मालवा- मेवाड़- हाडोती को जोड़ने वाली एवं लगभग 50 लाख से अधिक आबादी को फायदा देने वाली रेल लाइन है। मगर सर्वे लागत और स्टीमेट बनने के बाद भी अभी तक बजट में सुवासरा- मंदसौर रेल लाइन के लिए कुछ भी नहीं करना क्षेत्र की सीधे-सीधे उपेक्षा है।

बीजेपी नेताओं के पास नही कोई जवाब-
कांग्रेस जिलाध्यक्ष द्वारा बीजेपी पर लगाए गए आरोप पर बीजेपी जिलाध्यक्ष कुछ खास जवाब नहीं दे पाए, वे अपनी ही पार्टी के नेताओ का बचाव करते रहे। जैसे कि जनता की रेल समस्या से उन्हे भी कोई सरोकार ना हो। दरअसल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने सुवासरा की रेल समस्या संबंधी एक सवाल पर कहा कि केंद्र- राज्य दोनों में बीजेपी सरकारें होने के बाद भी सांसद गुप्ता और कैबिनेट मंत्री डंग कान में तेल डालकर और आंखों पर पट्टी बांधे बैठे है और जनता की समस्याओ को अनदेखा कर रहे है।

पहले सुवासरा रुकती थी यह रेलगाड़िया-
विगत 2 वर्ष पहले सुवासरा स्टेशन पर जयपुर- मुंबई गणगौर एक्सप्रेस, जोधपुर- इंदौर एक्सप्रेस, जयपुर- पुणे एक्सप्रेस, बिलासपुर- बीकानेर, मथुरा- रतलाम लोकल, फिरोजपुर- मुंबई जनता एक्सप्रेस, गोरखपुर- बांद्रा अवध एक्सप्रेस, मुजफ्फरपुर- बांद्रा अवध एक्सप्रेस रूकती थी। वर्तमान में इन गाड़ियों का कोई स्टॉपेज यहां नही है।

अभी रुक रही केवल यह 4 रेलगाड़ियां-
वर्तमान में रुकने वाली गाड़ियो में मुंबई- हरिद्वार- देहरादून एक्सप्रेस, इंदौर- नई दिल्ली इंटरसिटी एक्सप्रेस, कोटा- नागदा फास्ट पैसेंजर एवं कोटा- बड़ौदा पार्सल पैसेंजर शामिल है।

ज्ञापन दिए, पर नही हुई सुनवाई-
आपदा प्रबंध समिति सुवासरा, प्रसिद्ध आनंदधाम तीर्थ सुवासरा, किराना व्यवसाई संघ सुवासरा, रेलयात्री अप- डाउन संघ सुवासरा, दाऊदी बोहरा जमात सुवासरा ने उक्त ट्रेनों के स्टॉपेज को पुनः करने को लेकर कई बार मंत्री, सांसद, रेल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन दिए, लेकिन ना तो क्षेत्र के कैबिनेट मंत्री हरदीपसिंह डंग ने ध्यान दिया और ना ही सांसद सुधीर गुप्ता ने। वही अधिकारी तो केवल मूकदर्शक रूप में ही है। यहां तक कि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नवकृष्ण पाटिल, राकेश पाटीदार सहित अन्य भी 2 दिन का धरना- आंदोलन और ज्ञापन की नोटंकी करके इस महत्वपूर्ण मुद्दे को भूल गए।

कांग्रेस का कहना-
केंद्र से लेकर राज्य में बीजेपी की सरकारें है। इसके बावजूद सांसद गुप्ता और कैबिनेट मंत्री डंग कान में तेल डालकर और आंखों पर पट्टी बांधे बैठे है। जनता की समस्याओ को अनदेखा किया जा रहा है। कांग्रेस तो विपक्ष में बैठकर भी आमजन की लड़ाई जारी रखेगी। जनता अगर आगे आये तो कांग्रेस शीघ्र ही सुवासरा बंद करेगी।
- नवकृष्ण पाटिल, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

भाजपा का कहना-
शामगढ़ क्षेत्र में कुछ ट्रेनों का स्टापेज हुआ है। सुवासरा क्षेत्र में भी बंद की गई ट्रेनो को लेकर संगठन, सांसद और मंत्री स्तर से प्रयास किए जा रहे है। ट्रेनों के शेड्यूल को लेकर भी कार्य जारी है।
- नानालाल अटोलिया, जिलाध्यक्ष, भाजपा

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