Friday, May 3rd, 2024 Login Here
पहले दूनिया से चल बसें लोगों को वैक्सीन लगाने का कारनामा हो चूका है, लगातार गलतिया कर रहा स्वास्थ्य विभाग
मंदसौर जनसारंगी।
मंदसौर निवासी अजय सोनी ने वैक्सीन का पहला डोज लगाने के लिए स्लॉट बुक कराया। सात दिसंबर को अजय सोनी को वैक्सीनेशन के लिए तीन बजे पशुपतिनाथ मंदिर बुलाया गया। अजय सोनी किसी कारणवश वैक्सीन लगवाने के लिए नहीं पहुंच पाए। इसके बाद भी उन्हें वैक्सीन लगवाने का प्रमाण पत्र मैसेज के जरिए भेज दिया गया। इसके साथ ही दूसरे डोज के लिए ४ जनवरी भी दे दी गई। बिना अजय सोनी के पहुंचे स्वास्थ्य कर्मचारी उषा राठौर ने उन्हें वैक्सीन कैसे लगा दी, यह तो स्वास्थ्य विभाग जाने। लेकिन इस एक और मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पूरी तरह से संदेह के घेरे में आ रही है। अभी तक मरने के बाद लोगों को लग रही वैक्सीन के मामले में अधिकारी तकनीकी या मानवीय त्रुटी बता रहे थे, लेकिन बिना वैक्सीन लगे वैक्सीनेशन का सर्टिफीकेट तैयार किया गया। यह न तो मानवीय त्रुटि कहीं जा सकती है और न ही तकनीकी त्रुटि।
पहले दो मरने वालों को टिका लगाने का मामला सामने आया था। इसके बाद यह मामला सामने आया है। जिसमें बिना वैक्सीन लगाए ही वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र मिल गया। इन लोगों के नाम से वैक्सीन रिकॉर्ड में भी नहीं होना चाहिए। अब प्रश्न यह उठ रहा है कि यह वैक्सीन गई कहा? वैक्सीन के डोज को फेंक दिया गया या बेच दिया गया। यह एक बड़ा सवाल है?मौत के बाद वैक्सीन लगाने के दो मामले सामने आए थे। अजय सोनी का एक मामला सामने आया है, जिसमें बिना वैक्सीन लगाए प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। ऐसे और भी मामले होगे, जिसमें लोगों ने ध्यान नहीं दिया या प्रमाण पत्र मिलने से ही संतुष्टी कर ली। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार अजय सोनी को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। अब अगर फिर से अजय सोनी जाते हैं तो उन्हें दूसरा डोज लगवाने के लिए ही बुलाया जाएगा। प्रश्न यह है कि पहला डोज अजय सोनी कहा लगवाएंगे?कई जगहों पर कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट देखकर ही प्रवेश दिया जा रहा। चाहे वह मंदिर हो या हवाई जहाज या कोई अन्य सार्वजनिक स्थान। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिन्होंने वैक्सीन लगवाई है, उन्हें कोरोना इफेक्ट नहीं करेगा। लेकिन बिना वैक्सीन लगाए प्रमाण पत्र लेकर सार्वजनिक स्थानों पर जा रहे लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे लोग वैक्सीनेट व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकते हैं। चाहे उसका असर वैक्सीनेट व्यक्ति पर कम हो।