Friday, May 3rd, 2024 Login Here
मंदसौर जनसारंगी।
सडक़ दुर्घटनाओं के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसका कारण है सडक़ निर्माण में हुई लापरवाहिया,खामियां। इसी के चलते यातायात पुलिस, लोनिवि, मप्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कार्पाेरेशन, प्रधानमंत्री सडक़ के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने सडक़ों का सर्वे किया।
जिले में सात सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो सैकड़ों जाने दुर्घटना में चली गई तो जिले में कईयों के घायल होने का कारण बना। रोड निर्माण में की गई अनियमितता के चलते काफी दुर्घटनाएं हो रही हैं। अकेले मल्हारगढ़ थाना क्षेत्र की बात करें तो सात साल में फोरलेन पर डेढ़ सौ दुर्घटनाए हुई हैं जिनमें लगभग सवा सौ लोग घायल हुए व वहीं पचास से ज्यादा की मौत हो गई। पूरे फोरलेन पर ट़ेढ़ी-मेढ़ी सडक़ व अंधे मोड़ भी है।पुलिस विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पांच से सात सालों में सबसे अधिक दुर्घटनाएं इस साल हो रही है। अब साल चल ही रहा है और लगभग पौने चार सौ सडक़ हादसे हो चुके हैं।इसमें पौने चार सौ लोग घायल हुए तो लगभग 120 लोगों की मौत हो गई। 2020 में 235 सडक़ हादसों में 236 लोग घायल हुए थे और 62 की मौत हुई थी। 2019 में 344 सडक़ हादसे हुए इसमें 348 लोग घायल हुए और 82 की मौत हुई। 2018 में 297 सडक़ हादसे हुए। इसमें 314 घायल हुए और 92 की मौत हुई। आदित्य सोनी कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, मानवेंद्र सिंह कनेश, प्रबंधक एमपीआरडीसी, मनीष पाटीदार उपयंत्री प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, श्री मनोहर चौहान, रोलआउट मैनेजर, एकीकृत सडक़ दुर्घटना डाटाबेस ,शैलेंद्र सिंह चौहान, प्रभारी थाना यातायात मंदसौर द्वारा सडक़ों का सर्वे किया गया।
पहुंचे दुर्घटनास्थलों पर, तैयार की सूची
जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक हुई गंभीर सडक़ दुर्घटनाओं में प्रत्येक दुर्घटना स्थल को संपूर्ण मार्ग पर जाकर टीम द्वारा देखा गया ।तथा रोड मार्किंग, कनेक्टिंग रोड पर स्पीड ब्रेकर, यातायात संकेतक, रेडियम साइन, बोर्ड दिशा सूचक साइन बोर्ड, सडक़ के टर्न पर स्पष्ट दृश्यता के लिए झाडिय़ों की कटाई आदि के लिए मंदसौर से गरोठ भानपुरा तक संपूर्ण मार्ग के लिए जरूरी सुधारों की सूची बनाई गई । सभी विभागों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में पडने वाले मार्गाे पर उक्त आवश्यक सुधार कार्य 31 जनवरी 2022 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है ।खामियां चिन्हित भी की गई।
नहीं रखा गया सेफ्टी का ध्यान
सडक़ों निर्माण करते समय यह ध्यान रखा जाता है कि कम से कम मोड़ हो और जरूरी हो तो मोड़ को बहुत ही कम डिर्ग्री पर लेना होता है, पर यहां तो कई जगह 90 डिग्री के एंगल पर मोड़ बना दिए गए है। इससे राजमार्ग पर दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। बोतलगंज के पास थड़ोद फंटे पर ऐसे ही अंधे मोड़ के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। बायपास पर स्थित रेवास-देवड़ा रोड जंक्शन पर भी एक तरफ से रोड पर चढ़ाई होने से कुछ दिखता नहीं है और वाहन पास आने पर गति नियंत्रित नहीं हो पाती है। बायपास पर ही मुल्तानपुरा फंटे पर भी दोनों तरफ से तेज गति से आने वाले वाहन एकदम नजर नहीं आते हैं।
बाक्स
मंदसौर जिले में फोरलेन पर एक्सीडेंट जोन
- दलौदा के पास भावगढ़ फंटा
- कचनारा के पास नगरी फंटा
- नयाखेड़ा में मंदसौर शहर में जाने का रास्ता
- बायपास पर प्रतापगढ़ रोड जंक्शन
- बायपास पर रेवास-देवड़ा रोड जंक्शन
- बायपास पर मुल्तानपुरा जंक्शन
- वृंदावन ढाबे के सामने साबाखेड़ा फंटा
- बही पार्श्वनाथ फंटा
- पिपलियामंडी चौपाटी
- मल्हारगढ़ के पास मुरली फंटा
- बरखेड़ा पंथ के पास
- सूंठोद बालाजी मंदिर के पास
- मल्हारगढ़ बस स्टैंड