Thursday, May 2nd, 2024 Login Here
देश के सभी सांसदोंको एकमत होकर गौहत्या बंदी का बिल संसद मे पेश करना चाहिए
श्री गौभक्त माल कथा के तीसरे दिवस बोले संत श्री दशरथानन्दजी महाराज
मंदसौर।भगवान श्री पशुपतिनाथ की नगरी मंदसौर में खानपुरा स्थित श्री रामानुज कोट मंदिर ने प्रथम बार 21 से 27 दिसम्बर तक दोपहर 12 से 4 बजे तक आयोजित श्री गौभक्त माल कथा मैं व्यास पीठ से संत श्री दशरथानन्द सरस्वती महाराज ने देश में हो रही गौ हत्या पर अपने मन की पीड़ा और गहरा दुख प्रकट करते हुए कहां कि देश आजाद होने से पहले महात्मा गांधीजी ने कहा था आजादी के बाद कलम से जो पहली लकीर लिखी जावेगी वह लिखी जावेगी भारत से गौ हत्या बंद की परंतु आजादी के बाद से आज तक भारत के माथे से इस घोर कलंक को मिटाने न तो गांधीजी ने , नहीं नेहरु जी ने और उनके बाद जितने भी देश के प्रधानमंत्री बने हैं उन्होंने कोई प्रयास नहीं किया। संत श्री ने कहा कि उनका किसी भी राजनीतिक दल से न तो कोई विरोध है और ना ही कोई लगाव , परंतु गौ माता को हम विश्वस्य गौ मातरम कहते हैं मानते हैं माता के रूप में पूजते हैं परिक्रमा करते हैं। तो चाहे कोई भी सत्ताारूढ़ और विपक्षी दल हो सभी के सांसदों को एकमत से हमेशा के लिए गोहत्या बंदी का प्रस्ताव रखने के लिए सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। गांव के प्रधान , सरपंच से लेकर विधायक, सांसद तक की ताकत आम जनता हैं ःयोंकि उन्हें चुनकर आम जनता भेजती हैं इसलिए अब बहुत हो चुका है आजादी के 72 वर्ष हो चुके हैं , किसी एक क्षेत्र में नहीं संपूर्ण भारत के सांसदों पर दबाव बनाया जाना चाहिए कि हम वोट उसी को देंगे जो सत्ताारूढ़ दल पर गौ हत्या बंदी का बिल पेश करेंगे ।
महाराज श्री ने कहा कि हमारे धर्म शास्त्रों का अध्ययन कर उसमे लिखी हुई उपयोगी बातें से विदेशी पूरा लाभ उठा रहे हैं और हम महाभारत जैसे अनुपम ग्रंथ को घर में रखने, लाने से डरते हैं कि घर में कलेश झगड़ा नहीं हो जाए जबकि महीनों चले महाभारत सीरियल को सब देखते थे परंतु किसी भी घर में कोई लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ उल्टे उससे बहुत को शिक्षा मिली । आपने कहा कि बाहर ,लड़ाई झगड़ा मारपीट करना ही लड़ाई नहीं है यदि हमारे मन में किसी के प्रति मनमुटाव है तो यह भी एक प्रकार से लड़ाई झगड़ा ही समझना चाहिए।
धरा पर जब-जब भी अत्याचार अनाचार पापाचार बड़ा है सबसे आगे गाय का रूप धारण कर धरती माता भगवान से प्रार्थना करने गई । इसलिए गोमाता के महत्व को समझना होगा। धरती माता के प्रमुख स्तंभ है गौमाता , ब्राह्मण ,सतीनारी ,सत्यवादी , निर्लोंभी और दानी परमार्थिक कार्यों में दान करने वाला इनमें प्रथम स्थान पर गोमाता है यदि प्रथम स्तंभ टूट गया तो फिर एक के बाद एक सारा सिस्टम धराशायी हो जाएगा। आपने कहा कि प्रत्येक परिवार को एक देशी गाय अवश्य रूप से पालना चाहिए परंतु जो ऐसा नहीं कर सकते उन्हें ऐसी गौशाला है जहां अच्छी प्रकार से गौ सेवा का संरक्षण निस्वार्थ भाव से हो रहा हो वहां अपने सामर्थय अनुसार सहायता अवश्य करना चाहिए। वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा अर्चना पंडित सुदर्शनाचार्य एवं पंडित सूर्य प्रकाश शर्मा के सानिध्य में विद्वान पंडितों द्वारा की जा रही है। साथ ही प्रात: 4:00 बजे से संस्कृत पाठशाला के बटुको एवं विद्वान पंडितों द्वारा भगवान के पाठ किए।
आरंभ में पोथी पूजन एवं आरती श्री राम कथा प्रवक्ता दशरथ भाई जी , आयोजन समिति व रामानुज कोट गोष्टि मण्डल के संरक्षक समाजसेवी श्री रणछोड़ प्रसाद , गनेड़ीवाल ,गौतम गनेड़ीवाल , अंकित भाटी ने सपत्निक एवं गौ भक्त महेन्द्रसिंह उदयपुर, रामेश्वरलाल निकुम्ब, वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल , अशोक त्रिपाठी, मंदसौर जिला प्रेस ःलब अध्यक्ष बृजेश जोशी, सचिव पुष्पराज सिंह राणा, दशपुर प्रेस ःलब अध्यक्ष नेमीचंद राठौर, मनीष पुरोहित सप्रिय गौतम, गायत्री शर्मा, तुलसीराम राठौड़, संजय वर्मा, रमेश भाटी , सुरेश भावसार , प्रमोद डांगी, शंभूसेन राठौड़ , प्रहलाद शर्मा, शिवनारायण शर्मा, समाजसेवी प्रहलाद काबरा कृष्णचंद चिचानी , कारूलाल सोनी , सुभाष मंडोवरा , अरुण शर्मा रविन्द्र पांडेय, हरिराम जादव , बंशीलाल टाक , प्रो.दिनेश तिवारी , विनय दुबेला माहेश्वरी महिला मंडल भजन बीसी ग्रुप के सदस्य श्रीमती संध्या शर्मा , राज चिचानी, शिखा चिचानी संगीता मंडोवरा, सीमा चिचानी, रेणु माहेश्वरी, वंदना छापरवाल, मीनल मंडोवरा सहित बड़ी संख्या में भक्तजनों ने पूजा अर्चना कर महाराज श्री से आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम का संचालन पंडित सूर्य प्रकाश शर्मा ने किया तथा आभार आयोजन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल ने माना।
तृतीय दिवस का प्रसाद सेवानिवृत्त प्रोफेसर श्री हरिहर गौतम परिवार की और से था।