Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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समय पर काम नहीं करने वाला ठेकेदार हुआ ब्लेक लिस्टेड, फिर से होगी टेंडर प्रकिृया
मंदसौ जनसारंगी।
 शिवना के नए पुल का काम करने वाले ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड करने के बाद अब कम से कम दो से तीन साल और पुल निर्माण का इंतजार करना होगा। पहले ही समय सीमा बीतने के बाद भी पुल तैयार नहीं हो पाया। अब फिर से पुरी प्रक्रिया करनी होगी। इधर बात करें 48 साल के हो चुके मुक्तिधाम पुल की तो हर समय यहां से लोग मौत का सफर तय कर रहे हैं। पुल की रेलिंग जवाब दे गई है तो सडक़ की हालत पूरी तरह से खस्त हो चुकी है।
जिले में सेतु निगम के कामो को पलीता लगा हुआ है। शिवना पर नए ब्रिज के काम का टेण्डर हुए ढाई साल हो गया।  ठेकेदार पर टर्मिनेशन की बड़ी कार्रवाई की बजाय विभाग के अफसर नोटिस की लीपापोती में लगे रहे। अब जाकर ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड किया गया तो पूरी प्रक्रिया फिर से करना होगी। इधर कोई 48 साल पहले शिवना पुल की बदहाली और बढ़ते यातायात को लेकर एक और नए समानांतर ब्रिज की योजना बनी थी। डेढ़ साल पहले सेतु विकास विभाग के जिम्मेदारों ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर जीआर अग्रवाल कंपनी को ठेका दिया।  ठेकेदार ने इसके साथ और कार्य भी ले लिए। अब ठेकेदार एक साथ ब्रिज के काम नहीं कर पाया। टेंडर प्रक्रिया के बाद शिवना पर ब्रिज का निर्माण दिसंबर 2020 तक पूरा करना है। हैरानी की बात यह है कि सेतु विकास विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ठेकेदार से निर्माण भी शुरू नहीं करा सके। अब जाकर ठेकेदार को ब्लेक लिस्टेड किया गया।
1972 में बना पुल की साढे साल पहले ली थी सुध
लोक निर्माण विभाग ने 1972 में शिवना के ऊपर मुक्तिधाम के पास पुल निर्माण कराया था। उस समय पीडब्ल्यूडी ने लागत निकालने व रखरखाव के लिए यहां टोल बनाया। कुछ समय बाद टोल बंद हो गया व उसमें जमा 8 करोड़ रुपए से शहर के बीच महू-नीमच राजमार्ग बनाया। 47 साल बाद व ढाई साल पहले ब्रिज निर्माण विभाग ने शिवना ब्रिज की सुध ली । ब्रिज में लगे बैरिंग खराब मिले। कई जगह दरारें व सीसी के टुकड़े गिरे मिले। इसके बाद मरम्मत के लिए करीब सवा करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया लेकिन काम नहीं हो पाया।
सेतु निगम के कामो की बदहाली की एक बानगी
मन्दसौर जिले में मप्र सेतु विकास निगम के कामो को बट्टा लगा हुआ हैं। चार साल पहले सीतामऊ फाटक ओवरब्रिज का काम शुरू किया। समय सीमा खत्म होने के दो साल बाद भी काम पूरा हुआ। उसमें भी घटिया निर्माण सामने आ गया। इसी प्रकार संजीत ओवरब्रिज का निर्माण सितंबर 2020 में पूरा होना था। आज भी काम अधूरा है। वहीं ठेकेदार ने काम बंद ही कर दिया है। जिले के पिपलियामंडी में रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज 6 साल पहले मंजूर हुआ। डेढ साल पहले टेंडर प्रक्रिया हुई। यहां भी काम  समयसीमा में पूरा हो। ऐसा लग नहीं रहा।
ब्रिज से रोज निकलते हैं भारी वाहन
शिवना ब्रिज से रोज भारी वाहन गुजरते हैं। इस ब्रिज पर से यातायात का दबाव कम करने के लिए जिला प्रशासन ने ब्रिज निरीक्षण के बाद से मुक्तिधाम के पास बनी छोटी पुलिया पर से वन-वे शुरू कराया था। इसे भी खत्म कर दिया गया है। रतलाम से आने वाले वाहन इसी जर्जर ब्रिज से आते हैं। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस ब्रिज से रोज 80 हजार से ज्यादा लोगों का आवागमन होता है।

Chania