Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव आयोग करेंगा फैसला
भोपाल/ मंदसौर जनसारंगी।
मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव टलने के पूरे आसार हैं। शिवराज कैबिनेट में पंचायत राज का संशोधित अध्यादेश वापस लेने का प्रस्ताव पारित हो गया है। इसे सरकार ने राजभवन भेज दिया है। अध्यादेश वापस लेने की अधिसूचना जारी होने का इंतजार है। इससे साफ है कि मध्यप्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव को रोकने का फैसला राज्य निर्वाचन आयोग देर शाम या कल ले लेगा। शिवराज सिंह ने रविवार दोपहर राज भवन में राज्यपाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पंचायत राज का संशोधित अध्यादेश वापस लेने संबंधी चर्चा की।
पंचायती में ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही पंचायत चुनाव में बखेड़ा खड़ा करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के लोगों ने कोई ऐसी अदालत नहीं छोड़ी जहां में पंचायत चुनाव के विरोध में नहीं गए। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री शुरुआत से ही इस बात को लेकर प्रतिबद्ध थे कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव ना हो। सदन में अपरिहार्य कारणों से संशोधन विधेयक पारित नहीं हो पाया और सुप्रीम कोर्ट का भी जो आदेश था उसे मानने करते हुए इस अध्यादेश को राज्यपाल को वापस करने का प्रस्ताव पारित किया है।
उम्मीदवारों में असमन्जस, टिकीट पाने से वंचित दावेदारों के चेहरे खिले
सरकार ने भले ही चुनाव निरस्त करने के फैसले पर मुहर लगा दी है लेकिन अभी चुनाव आयोग का आदेश नहीं आया है। राज्यपाल द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद चुनाव आयोग फैसला लेगा ऐसे मंे सोमवार की शाम तक चुनाव आयोग का फैसला आने की उम्मीद है ऐसे में चुनाव मैदान में उतर चूके उम्मीदवारों में असमन्जस बरकरार है। उधर टिकीट पाने से वंचित रहे दावेदारों के चेहरे खिल गऐ है। क्योंकि उन्हें अब उम्मीद है कि चुनाव जब होंगे तो उन्हें मौका जरूर मिलेगा।
मंदसौर में पहले चरण में होने वाले चुनाव को लेकर प्रकिृया पूरी हो चूकी है। 6 जनवरी को मतदान भी होना है। नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होते ही निर्वाचन आयोग ने चुनाव चिन्हों का भी आवंटन कर दिया है। जिसके बाद उम्मीदवार चुनाव प्रचार में भी जूट गऐ है। मंदसौर में जिला पंचायत के लिए कुल 25, जनपद के लिए 228, सरपंच के लिए 990 तथा पंच के लिए 3651 इस तरह कुल 4894 उम्मीदवार मैदान में थे। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि यदि चुनाव आयोग भी चुनाव रोकने का फैसला करता है तो अभी जो प्रकिृया हो चूकी है, जिन उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह का आवंटन हो चूका वे ही अगली बार निर्वाचन के समय उम्मीदवार होंगे या फिर पूरी प्रकिृया फिर से की जाऐगी।

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