Monday, May 6th, 2024 Login Here
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 भ्रष्टाचार-विवादों से दूर, संघ के करीबी; आदिवासी सीटों पर पार्टी को सबसे बड़ी जीत दिलाई


रामपुर 


विष्णुदेव साय केंद्रीय मंत्री और छत्तीसगढ़ भाजपा अध्यक्ष भी रह चुके हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे। रविवार को रायपुर में हुई BJP विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। राजनीति में विष्णुदेव साय साफ-सुथरी छवि और लंबी राजनीतिक पारी खेलने वाले बड़े आदिवासी चेहरा हैं। विष्णुदेव साय के नाम को बंद लिफाफे में लेकर पर्यवेक्षक झारखंड के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यंत कुमार गौतम आए थे। साय ने कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव जीता है। चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनता से कहा था- आप इन्हें विधायक बनाओ, हम बड़ा आदमी बना देंगे।

बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी क्षेत्रों में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली है। विष्णुदेव साथ अपनी साफ-सुथरी, ईमानदार और शांत छवि के लिए पहचाने जाते हैं।

विष्णुदेव के नाम पर ही मुहर क्यों?

भाजपा ने छत्तीसगढ़ में मिली ऐतिहासिक जीत में आदिवासी बहुल क्षेत्र सरगुजा और बस्तर संभागों में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। पार्टी ने सरगुजा की सभी 14 सीटों व बस्तर संभाग की 12 में से 8 सीटों पर कब्जा किया है। ऐसे में लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने आदिवासी कार्ड खेला है।

छत्तीसगढ़ में हमेशा से स्थानीय और आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग होती रही है। प्रदेश की सियासत में विष्णुदेव साय कथित तौर पर रमन सिंह के खेमे के ही माने जाते हैं। साय को संघ का करीबी भी कहा जाता है। उनको करीब 35 साल का राजनीतिक और प्रदेश अध्यक्ष रहते संगठन चलाने का अनुभव भी है।

विष्णु देव साय

जन्म: 21 फरवरी 1964, जशपुर के बगिया शिक्षा : हायर सेकेंडरी, कुनकुरी से

पेशा: किसान

राजनीतिक अनुभव : 1989 में अगिया के सरपंच से शुरुआत, पहली बार 1990 में तपकरा विधानसभा से विधायक, रायगढ़ में 1999 से लगातार 4 बार सांसद, पहले 2011 में फिर 2020 से 2022 तक प्रदेश अध्यक्ष बने।

आर्थिक स्थितिः चुनाव आयोग के शपथ पत्र के मुताबिक विष्णु देव साय के पास 3.80 करोड़ की संपत्ति है।
परिवार: 1991 में कौशल्या देवीं से शादी की और उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं।



पूर्व सीएम बघेल से 3 साल छोटे हैं साय विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को जशपुर के ग्राम बगिया में स्व. रामप्रसाद साय और जसमनी देवी के घर हुआ था। पूर्व सीएम भूपेश बघेल से वे 3 साल छोटे हैं। किसान परिवार से आने वाले साय ने लंबा राजनीतिक सफर तय कर ऊंचा मुकाम हासिल किया। प्रदेश और देश की राजनीति में सक्रिय रहे। कुनकुरी में ही पढ़ाई की, फिर छूटा स्कूल विष्णुदेव साय की प्रारंभिक शिक्षा कुनकुरी में ही हुई। इसके बाद उन्होंने वहीं से 12वीं तक की पढ़ाई की, लेकिन फिर उनका स्कूल छूट गया। पिता के साथ खेती-किसानी में हाथ बंटाने वाले साय ने 25 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा। उनके परिवार के अन्य लोग शुरू से ही जनसंघ से जुड़ रहे।

भूपेश से संपत्ति के मामले में पीछे हैं साय विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग को दिए गए शपथपत्र के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संपत्ति 6.5 करोड़ रुपए है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विष्णुदेव साय की संपत्ति 2.98 करोड़ रुपए है। इसमें उनकी कृषि, जमीन और घर भी शामिल हैं।आय का स्रोत भी किसानी ही है।

सरपंच से शुरू हुआ राजनीतिक करियर विष्णुदेव साय ने अपना राजनीतिक करियर गांव की राजनीति से शुरू किया। वह 1989-1990 में अविभाजित मध्य प्रदेश में तपकरा की ग्राम पंचायत बगिया से निर्विरोध सरपंच चुने गए। इसके बाद पहली बार भाजपा के टिकट पर 1990 में तपकरा सीट से ही विधायक बने। 8 साल विधायक रहने के बाद 2004 में रायगढ़ से सांसद चुने गए। लोकसभा का यह सफर 2014 तक जारी रहा। सांसद रहने के दौरान मोदी सरकार में इस्पात मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाए गए। इस बीच 2011 और फिर 2020 में पार्टी ने साय को छत्तीसगढ़ भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। 2022 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य बनाए गए।

परिवार से मिला राजनीतिक अनुभव

साय खुद किसान परिवार से थे, लेकिन उनके बड़े पिताजी स्व. नरहरि प्रसाद साय और दादा स्व. बुधनाथ साय जनसंघ के समय से ही राजनीति में रहे। नरहरि प्रसाद तपकरा से विधायक थे, फिर लैलूंगा से विधायक और बाद में सांसद चुने गए। केंद्र में संचार राज्यमंत्री बने। वहीं दादा भी 1947-1952 तक विधायक रहे। तस्वीरों में देखिए विष्णुदेव साय का सफर...
Chania