Monday, May 6th, 2024 Login Here
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87 करोड़ की हुई थी अनियमितता , आरोपी महिलाओं को चार-चार साल और पुरूषों को पांच-पांच साल की सजा व अर्थदण्ड
मंदसौर।
करीब 21 साल पूराने मंदसौर के बहुचर्चित गेहूं कांड के 11 आरोपियों को न्यायालय ने सोमवार को सजा सुना दी जिसमें 7 महिलाऐ भी शामिल है। न्यायालय ने सहकारी उपभोक्ता भंडार के अध्यक्ष रहे राजेन्द्र सिंह गौतम, प्रबंधक मेहमूद समेत कर्मचारियों और संचालक मंडल को सजा देते हुए पुरूषों को पांच-पांच साल तथा महिलाओं को चार-चार साल की सजा तथा प्रत्येक को 4लाख 51 हजार रूपऐ अर्थदण्ड से दण्डित किया। फैसला सुनाते ही कोर्ट में मौजूद 11 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सजा पाने वालों में राजेन्द्र सिंह गौतम की धर्मपत्नि योगेश देवी गौतम भी शामिल है । मामलें में आरोपियों ने गरीबों को वितरित किए जाने वाले 35  करोड़ रूपये के गेहूं की कालाबाजारी करते हुए 87 करोड़ से ज्यादा की अनियमितता की थी ।
करीब 21 साल पूराने गेहूं कांड में सोमवार को विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम किशोर कुमार गेहलोत की अदालत ने महत्वपूर्ण फेसला सुनाते हुए राजेन्द्र सिंह गौतम पिता शंकरसिंह गौतम उम्र 68 साल निवासी हाउसिंग कालोनी मंदसौर तत्कालीन अध्यक्ष जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भण्डार, मेहमूद पिता इब्राहिम मंसूरी उम्र 66 साल नि. चौधरी कालोनी मंदसौर तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भण्डार, रामचन्द्र दरक पिता शांतिसागर उम्र 65 साल निवासी नईआबादी मंदसौर, नजमा पति लियाकत हुसैन उम्र 52 साल नि. इंद्रा कालोनी मंदसौर, शीला देवी पति रविन्द्र शर्मा उम्र 62 साल निवासी जनता कालोनी मंदसौर, रमादेवी पति महेन्द्रसिंह राठौर उम्र 50 साल निवासी चंदरपुरा मंदसौर, राखी पति धर्मेन्द्रसिंह राठौड उम्र 48साल नि. चंदरपुरा मंदसौर, मालती देवी पति गोपाल सोनी उम्र 64 साल निवासी जीवागंज मंदसौर, योगेश देवी पति राजेन्द्रसिंह गौतम उम्र 66साल निवासी हाउसिंग कालोनी मंदसौर, हेमा हिंगड उम्र 57 साल , हेमंत हिंगड उम्र 60 साल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्री गेंहू आदि को चोरी छुपे खुले बाजार में बेंचने का दोषी पाते हुए प्रत्येक आरोपीगण जिसमें पुरूष आरोपीगण को 5-5 वर्ष व महिला आरोपीगण को 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास व प्रत्येक आरोपीगण को 4,51,000 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है। सभी आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लेकर तत्काल जेल भेज दिया।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी दीपक जमरा ने बताया कि  24 जुलाई 2002 को थाना प्रभारी अनिल सिंह राठौर को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि सहकारी बाजार मंदसौर का कर्मचारी रामचंद्र दरक सिविल आपूर्ति निगम से शासकीय गेंहू ट¬क क्रमांक .एमपी 14/3396 को लेकर शांतनु कॉम्पलेक्स में वीरेन्द्र जैन के क्लीनिंग मिल में जेठानंद सिंधी को बेंचकर शासकीय गेंहू 50-50 किलो के कट्टे में वीआईपी ब्रांड लगाकर अवैध लाभ कमा रहा है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपीगण जेठानंद सिंधी, विरेन्द्र जैन, मुश्ताक को पकड़ा और गेंहू से भरे ट¬क को जप्त किया और आरोपीगण के विरूध्द 413/2002, आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत अपराध पंजीबध्द किया गया एवं विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा पाया गया कि आरोपीगण जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भण्डार शांतनु कैंपस मंदसौर में अभियुक्त राजेन्द्र सिंह गौतम अध्यक्ष के पद पर अभियुक्त श्रीमती योगेश देवी उपाध्यक्ष के पद पर शेष अभियुक्तगण हेमंत, श्रीमती हेमा, रमादेवी, राखीसिंह, मालतीदेवी, रीला देवी, नजमा संचालक मंडल की सदस्य पद पर अभियुक्त महमूद मंसूरी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर, अभियुक्त रामचंद दरक लिपिक के पद पर रहते हुए सह अभियुक्त के साथ मिलकर षडयंत्रपूर्वक जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भण्डार को प्राप्त गेंहू जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को खाद्य सामग्री गेंहू, कैरोसिन आदि गरीब लोगों को वितरित न करते हुए उक्त गेंहू को खुले बाजार में मर्चेन्ट जेठानंद सिंधी को बेंच दिया। भारतीय खाद्य निगम का मार्का लगी बोरियों को पलटकर उन पर वीआईपी अन्य मार्का लगाकर खुले बाजार में विकय किया। इस प्रकार सभी आरोपीगण ने मिलकर षडयंत्रपूर्वक 87,83,92,028 रूपये की आर्थिक अनियमितता कर उक्त संपत्तिा को बेईमानी से दुरूपयोग कर उक्त गेंहू को खुले बाजार में विकय कर 35,83,596 रूपये की राशि का गवन किया एवं अपने लोकसेवक के पद पर रहते हुए अपने पद का दुरूपयोग कर, भ्रष्टाचार कर शासन को करोडों रूपये की आर्थिक हानि पहुंचाई। प्रकरण में अभियोजन का सफल संचालन जिला अभियोजन अधिकारी निर्मला सिंह चौधरी द्वारा किया गया।
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