Friday, May 3rd, 2024 Login Here
नीमच। नव वर्ष के पहले दिन मालवा की वैष्णोदेवी के नाम से प्रसिध्द महामाया भादवा के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। सैकडों भक्तों ने मां भादवा के दर्शन कर नए वर्ष की शुरूआत की। समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर ने सपरिवार महामाया के दर्शन किए और माताजी को भोग लगाया। दिनभर महाप्रसादी वितरण हुई।
चमत्कारिक आरोग्य धाम भादवामाता की ख्याति दूरकृदूर तक फैली हुई है। देवी मां के प्रति अगाध आस्था व भक्ति के कारण मां भादवा माता के दरबार में नववर्ष पर हजारों की संख्या में भःत पहुंचे। भःतों की बड़ी संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और महामाया भादवा माता मंदिर प्रबंधन समिति ने नववर्ष के मौके पर विशेष इंतजाम किए। समाजसेवी अरूल अशोक गंगानगर की तरफ से मातारानी को विशेष भोग लगाया गया। चना और हलवा का भोग सबसे पहले माताजी को चढाया और इसके बाद भक्तों को वितरित करने का सिलसिला शुरू हुआ। समाजसेवी अशोक अरोरा ने सपरिवार माताजी की पूजाकृअर्चना कर विशेष भोग चढाया। सैकडों भक्त नववर्ष 2024 की शुरूआत माताजी के दर्शन कर करने के लिए पहुंचे।
मंदिर निर्माण के चलते चलित व्यवस्था- वर्तमान में माताजी का दिव्य व उद्दभूत मंदिर निर्माण चल रहा है। समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर द्वारा मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है। मंदिर में नववर्ष पर दर्शन व पूजन की चलित व्यवस्था रखी गई, ताकि भःतों को आसानी से और सुलभ दर्शन हों। चलित दर्शन की व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।
800 साल से मंदिर में अखंड ज्योत- मंदिर के गर्भ गृह में देवी मां के चरणों में लगभग 800 साल से अखंड ज्योत प्रज्जवलित है। मंदिर की ज्योत की निरंतरता भी इसे चमत्कारिक बनाती है। देवी मां के साथ मंदिर में प्रज्ज्वलित अखंड ज्योत के दर्शन व पूजन का भी विशेष महत्व है। देवी मां के दरबार को अलौकिक बनाने और रूप देने के लिए मप्र सरकार और समाजसेवियों ने संकल्प लिया है, उसी के अनुरूप मंदिर निर्माण तेजी से चल रहा है।
चमत्कारिक आरोग्य धाम भादवामाता की ख्याति दूरकृदूर तक फैली हुई है। देवी मां के प्रति अगाध आस्था व भक्ति के कारण मां भादवा माता के दरबार में नववर्ष पर हजारों की संख्या में भःत पहुंचे। भःतों की बड़ी संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और महामाया भादवा माता मंदिर प्रबंधन समिति ने नववर्ष के मौके पर विशेष इंतजाम किए। समाजसेवी अरूल अशोक गंगानगर की तरफ से मातारानी को विशेष भोग लगाया गया। चना और हलवा का भोग सबसे पहले माताजी को चढाया और इसके बाद भक्तों को वितरित करने का सिलसिला शुरू हुआ। समाजसेवी अशोक अरोरा ने सपरिवार माताजी की पूजाकृअर्चना कर विशेष भोग चढाया। सैकडों भक्त नववर्ष 2024 की शुरूआत माताजी के दर्शन कर करने के लिए पहुंचे।
मंदिर निर्माण के चलते चलित व्यवस्था- वर्तमान में माताजी का दिव्य व उद्दभूत मंदिर निर्माण चल रहा है। समाजसेवी अशोक अरोरा गंगानगर द्वारा मंदिर का निर्माण करवाया जा रहा है। मंदिर में नववर्ष पर दर्शन व पूजन की चलित व्यवस्था रखी गई, ताकि भःतों को आसानी से और सुलभ दर्शन हों। चलित दर्शन की व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी।
800 साल से मंदिर में अखंड ज्योत- मंदिर के गर्भ गृह में देवी मां के चरणों में लगभग 800 साल से अखंड ज्योत प्रज्जवलित है। मंदिर की ज्योत की निरंतरता भी इसे चमत्कारिक बनाती है। देवी मां के साथ मंदिर में प्रज्ज्वलित अखंड ज्योत के दर्शन व पूजन का भी विशेष महत्व है। देवी मां के दरबार को अलौकिक बनाने और रूप देने के लिए मप्र सरकार और समाजसेवियों ने संकल्प लिया है, उसी के अनुरूप मंदिर निर्माण तेजी से चल रहा है।