Monday, May 6th, 2024 Login Here
मंदसौर। प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में अनेकों बार यह अनुभव होता है कि जब भी वह किसी संकट या कष्ट में रहा तभी किसी ने फरिश्ता बनकर बिना स्वार्थ उसकी मदद की। तो हमें भी ऐसे ही निस्वार्थ होकर अपनों के जीवन में जब भी उन्हें कोई तकलीफ या कष्ट हो फरिश्ता बनकर मदद करना चाहिए। यही जीवन मूल्य हैं। यदि आप ऐसा करेंगे तो आपकी आत्मा को ऊर्जा प्राप्त होगी जो आपके जीवन को सही दिशा की ओर अग्रसर करेगी और आपकी यही आत्मिक ऊर्जा पूरे जीवन पथ को आलोकित करती रहेगी।
यह उद्गार व्यक्त किए जीवन प्रबंधन विषय की विश्व विख्यात प्रवक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने। आप राजयोग साधना केंद्र ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय शाखा आत्म कल्याण भवन के तत्वावधान में कॉलेज ग्राउंड में आयोजित वृहद व्याख्यान सभा को संबोधित कर रहीं थीं।
आपने कहा कि शांति की शक्ति असीम होती है आप जब भी अपने मन को शांत करेंगे आपके अंदर एक अलग तरह का वाइब्रेशन होगा जो आपके आत्मबल को मजबूत करेगा। आज जिस युग में हम जी रहे हैं यह घोर कलयुग है क्योंकि जिस युग में धर्म के नाम पर युध्द होते हैं मासूम बच्चों को निर्ममता से मारा जाता हो वह कलयुग ही हो सकता है। हमें कलयुग से सतयुग में आना है। जिस तरह अंधेरी रात के बाद उजाले को लेकर सुबह आती है वैसे ही इस घोर कलयुग के बाद सतयुग भी आएगा और हम अपने सद्गुणों से सतयुग लाएंगे।
शिवानी दीदी ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि संकल्प से ही सिध्दि होती है और संस्कार से ही संसार बनता है। कलयुग और सतयुग यह हमारी सोच पर आधारित होते हैं। स्वर्ग और नर्क हम खुद ही बनाते हैं। काम,क्रोध,मद,लोभ, अहंकार,निंदा ईर्षया, द्वैष,घृणा अपमान यह दस नकारात्मक तत्व कलयुग के सूचक हैं। जबकि प्रेम,दया, करुणा शांति, सद्भाव,सहयोग,सौहार्द,समन्वय, संवेदना,स्नेह ये दस सद्गुण सतयुग के प्रतीक होते हैं। आपने कहा कि घर में यदि परस्पर प्रेम और सभी का सम्मान हो तो वह घर स्वर्ग होता है और जिस घर में क्लेश कलह हो तो वह नर्क होता है। आपने स्वास्तिक के चिन्ह की विस्तृत विवेचना करते हुए बताया कि अपने स्वयं के अस्तित्व को पहचाना ही स्वास्तिक का प्रतीक होता है। हमेशा देने का मन रखो तो कभी हाथ खाली नहीं रहेगा। किसी से लेने की कभी जरूरत ही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अभावों का बखान नहीं करना चाहिए हमारे पास जो है उसे भरपूर मानना चाहिए। जो लोग हमेशा अभावों का ही रोना रोते हैं तो वे सही में भी अभावग्रस्त हो जाते हैं। भले ही अपने पास रुपया पैसा पूंजी कम या ना हो तब भी यही कहें कि हमारे पास तो यह सब भरपूर है ऐसी सोच रखेंगे तो जो अभाव है वह स्वतः ही दूर हो जाएगा। रुपया पैसा नहीं है तो वह कहीं से भी आपके पास आ जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जिस जगह कम कर रहे हैं जहां से जीवन यापन होता है उस जगह का सदा शुक्रिया करो शिकायत मत करो। प्राय या देखा जाता है कि जो व्यक्ति जिस जगह अपना काम रोजगार करते हैं वही कमियां कमियां निकालते हैं। वहां की हमेशा शिकायत ही करते हैं। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। हम हमेशा शिक्षक को पकड़ते हैं शिक्षा को नहीं। हमें शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए समीक्षक बनकर हम शिक्षक की परीक्षा ना लें।
शिवानी दीदी ने कहा कि हमारी आत्मा शक्तिमान होती है और परमात्मा सर्वशक्तिमान होते हैं। आज पूरे विश्व की निगाहें भारत पर है। भारत में ही विश्व गुरु होने की क्षमता है।
आपने कहा कि जो धन हमारे हमारे घर में आ रहा है वह पवित्र होना चाहिए तभी हमारा अन्न पवित्र होगा और अन्न पवित्र होगा तभी मन पवित्र होगा। शिवानी दीदी ने कहा कि मनुष्य को सदैव शाकाहारी होना चाहिए। अन्य जीवों को मारकर खाना हमारे जीवन को कभी भी सुखी और शांत नहीं रख सकता।
आरंभ में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इंदौर झोन की क्षेत्रिय निदेशिका हेमलता दीदी, सांसद सुधीर गुप्ता विधायक विपिन जैन ,पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने शुभकामनाएं व्यक्त की। भिलाई झोंन निदेशिका आशा दीदी, नगर पालिका अध्यक्ष रमादेवी गुर्जर,पूर्व मंत्री व मंदसौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नरेन्द्र नाहटा और मोटिवेशनल स्पीकर शक्तिराज सिंह भी मंचासीन थे।
व्याख्यान सभा का शुभारंभ शिवानी दीदी और मंचासीन सभी अतिथियों ने मंगलदीप प्रज्वलित कर किया। स्वागत उद्बोधन स्थानीय आत्म कल्याण भवन राजयोग साधना केंद्र की संचालिका उषा बहन ने दिया।
शिवानी दीदी और अतिथियों का स्वागत ब्रह्मकुमारी हेमा बहन,उर्मिला बहन आदि ने किया। युगरतन भाई ने सुंदर गीतों किं प्रस्तुति दी। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव और एसपी अनुराग सुजानिया ने भी आयोजन स्थल पर पहुंचकर शिवानी दीदी से भेंट कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। संचालन ब्रह्माकुमारी छाया बहन ने किया।
खुशी मनुष्य के हाथों में ही होती है - हेमलता दीदी
इंदौर झोन की क्षेत्रिय निदेशिका हेमलता दीदी ने कहा कि मंदसौर के लिए आज खुशियों का उपहार लेकर शिवानी दीदी आई है । यूं तो खूशी साधनों से अपने पसंद के कार्यो से घुमने से व्यक्ति खुशी पाता है लेकिन वह क्षणिक होती है । लेकिन शिवानी दीदी से जो उपहार मिलेगा वह क्षणिक नही है यह ऐसा उपहार है जो कोई इंसान दे ही नही सकता यह भगवान ने निमित्त बनाकर शिवानी दीदी को भेजा है । व्यक्ति अपने जीवन में खुशी कैसे कायम रखे यह मनुष्य के हाथ में ही है ।
कठिनाई के दौर में पथ प्रदर्शक है शिवानी दीदी - सांसद श्री गुप्ता
सांसद सुधीर गुप्ता संबोधित करते हुए कहा कि मन्दसौर में खुशिया लेकर दीदी शिवानी आई है। आध्यात्मिक जगत में आपका नाम ही एक आंदोलन है आपकी उपस्थिति मनुष्य को प्रेरणा देती है और भारत को वास्तविक भारत बनाती है। आपने कहा कि समाज जीवन मे जनकल्याण के लिए एक भी कदम बिना अध्यात्म के नही है। कठिनाई के दौर में शिवानी दीदी रास्ता है, पथ प्रदर्शक है।
शिव- शिवना और शिवानी दीदी की त्रिवेणी बना है मंदसौर- श्री सिसौदिया
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता यशपालसिंह सिसोदिया ने कहा कि मन्दसौर संस्कार और संस्कृति की नगरी है, संकल्पो का शहर है जहां आज शिव, शिवना और शिवानी दीदी के रूप में त्रिवेणी संगम हुआ है। सिसोदिया ने मंदसौर के नन्हे बालक गीत शर्मा के प्रति शिवानी दीदी का ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि मन्दसौर की इस नन्ही प्रतिभा ने अपने नानाजी से प्रेरणा ली, नानाजी ने जब अपना देहदान किया तो नन्हे बालक ने भी संकल्प लिया कि जब भी मेरा जीवन पूरा होगा अपना देहदान करूँगा। गीत शर्मा के इस संकल्प को सुनकर शिवानी दीदी ने तत्काल मंच पर बुलाया और सम्मान किया। उल्लेखनीय है गीत तबला वादक भी है जिसने हाल ही में ग्वालियर में आयोजित तानसेन समारोह के माध्यम से गिनीज बुक में नाम दर्ज हुआ है।
यह उद्गार व्यक्त किए जीवन प्रबंधन विषय की विश्व विख्यात प्रवक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने। आप राजयोग साधना केंद्र ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय शाखा आत्म कल्याण भवन के तत्वावधान में कॉलेज ग्राउंड में आयोजित वृहद व्याख्यान सभा को संबोधित कर रहीं थीं।
आपने कहा कि शांति की शक्ति असीम होती है आप जब भी अपने मन को शांत करेंगे आपके अंदर एक अलग तरह का वाइब्रेशन होगा जो आपके आत्मबल को मजबूत करेगा। आज जिस युग में हम जी रहे हैं यह घोर कलयुग है क्योंकि जिस युग में धर्म के नाम पर युध्द होते हैं मासूम बच्चों को निर्ममता से मारा जाता हो वह कलयुग ही हो सकता है। हमें कलयुग से सतयुग में आना है। जिस तरह अंधेरी रात के बाद उजाले को लेकर सुबह आती है वैसे ही इस घोर कलयुग के बाद सतयुग भी आएगा और हम अपने सद्गुणों से सतयुग लाएंगे।
शिवानी दीदी ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि संकल्प से ही सिध्दि होती है और संस्कार से ही संसार बनता है। कलयुग और सतयुग यह हमारी सोच पर आधारित होते हैं। स्वर्ग और नर्क हम खुद ही बनाते हैं। काम,क्रोध,मद,लोभ, अहंकार,निंदा ईर्षया, द्वैष,घृणा अपमान यह दस नकारात्मक तत्व कलयुग के सूचक हैं। जबकि प्रेम,दया, करुणा शांति, सद्भाव,सहयोग,सौहार्द,समन्वय, संवेदना,स्नेह ये दस सद्गुण सतयुग के प्रतीक होते हैं। आपने कहा कि घर में यदि परस्पर प्रेम और सभी का सम्मान हो तो वह घर स्वर्ग होता है और जिस घर में क्लेश कलह हो तो वह नर्क होता है। आपने स्वास्तिक के चिन्ह की विस्तृत विवेचना करते हुए बताया कि अपने स्वयं के अस्तित्व को पहचाना ही स्वास्तिक का प्रतीक होता है। हमेशा देने का मन रखो तो कभी हाथ खाली नहीं रहेगा। किसी से लेने की कभी जरूरत ही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमें कभी भी अभावों का बखान नहीं करना चाहिए हमारे पास जो है उसे भरपूर मानना चाहिए। जो लोग हमेशा अभावों का ही रोना रोते हैं तो वे सही में भी अभावग्रस्त हो जाते हैं। भले ही अपने पास रुपया पैसा पूंजी कम या ना हो तब भी यही कहें कि हमारे पास तो यह सब भरपूर है ऐसी सोच रखेंगे तो जो अभाव है वह स्वतः ही दूर हो जाएगा। रुपया पैसा नहीं है तो वह कहीं से भी आपके पास आ जाएगा। उन्होंने कहा कि हम जिस जगह कम कर रहे हैं जहां से जीवन यापन होता है उस जगह का सदा शुक्रिया करो शिकायत मत करो। प्राय या देखा जाता है कि जो व्यक्ति जिस जगह अपना काम रोजगार करते हैं वही कमियां कमियां निकालते हैं। वहां की हमेशा शिकायत ही करते हैं। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। हम हमेशा शिक्षक को पकड़ते हैं शिक्षा को नहीं। हमें शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए समीक्षक बनकर हम शिक्षक की परीक्षा ना लें।
शिवानी दीदी ने कहा कि हमारी आत्मा शक्तिमान होती है और परमात्मा सर्वशक्तिमान होते हैं। आज पूरे विश्व की निगाहें भारत पर है। भारत में ही विश्व गुरु होने की क्षमता है।
आपने कहा कि जो धन हमारे हमारे घर में आ रहा है वह पवित्र होना चाहिए तभी हमारा अन्न पवित्र होगा और अन्न पवित्र होगा तभी मन पवित्र होगा। शिवानी दीदी ने कहा कि मनुष्य को सदैव शाकाहारी होना चाहिए। अन्य जीवों को मारकर खाना हमारे जीवन को कभी भी सुखी और शांत नहीं रख सकता।
आरंभ में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इंदौर झोन की क्षेत्रिय निदेशिका हेमलता दीदी, सांसद सुधीर गुप्ता विधायक विपिन जैन ,पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने शुभकामनाएं व्यक्त की। भिलाई झोंन निदेशिका आशा दीदी, नगर पालिका अध्यक्ष रमादेवी गुर्जर,पूर्व मंत्री व मंदसौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नरेन्द्र नाहटा और मोटिवेशनल स्पीकर शक्तिराज सिंह भी मंचासीन थे।
व्याख्यान सभा का शुभारंभ शिवानी दीदी और मंचासीन सभी अतिथियों ने मंगलदीप प्रज्वलित कर किया। स्वागत उद्बोधन स्थानीय आत्म कल्याण भवन राजयोग साधना केंद्र की संचालिका उषा बहन ने दिया।
शिवानी दीदी और अतिथियों का स्वागत ब्रह्मकुमारी हेमा बहन,उर्मिला बहन आदि ने किया। युगरतन भाई ने सुंदर गीतों किं प्रस्तुति दी। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव और एसपी अनुराग सुजानिया ने भी आयोजन स्थल पर पहुंचकर शिवानी दीदी से भेंट कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। संचालन ब्रह्माकुमारी छाया बहन ने किया।
खुशी मनुष्य के हाथों में ही होती है - हेमलता दीदी
इंदौर झोन की क्षेत्रिय निदेशिका हेमलता दीदी ने कहा कि मंदसौर के लिए आज खुशियों का उपहार लेकर शिवानी दीदी आई है । यूं तो खूशी साधनों से अपने पसंद के कार्यो से घुमने से व्यक्ति खुशी पाता है लेकिन वह क्षणिक होती है । लेकिन शिवानी दीदी से जो उपहार मिलेगा वह क्षणिक नही है यह ऐसा उपहार है जो कोई इंसान दे ही नही सकता यह भगवान ने निमित्त बनाकर शिवानी दीदी को भेजा है । व्यक्ति अपने जीवन में खुशी कैसे कायम रखे यह मनुष्य के हाथ में ही है ।
कठिनाई के दौर में पथ प्रदर्शक है शिवानी दीदी - सांसद श्री गुप्ता
सांसद सुधीर गुप्ता संबोधित करते हुए कहा कि मन्दसौर में खुशिया लेकर दीदी शिवानी आई है। आध्यात्मिक जगत में आपका नाम ही एक आंदोलन है आपकी उपस्थिति मनुष्य को प्रेरणा देती है और भारत को वास्तविक भारत बनाती है। आपने कहा कि समाज जीवन मे जनकल्याण के लिए एक भी कदम बिना अध्यात्म के नही है। कठिनाई के दौर में शिवानी दीदी रास्ता है, पथ प्रदर्शक है।
शिव- शिवना और शिवानी दीदी की त्रिवेणी बना है मंदसौर- श्री सिसौदिया
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता यशपालसिंह सिसोदिया ने कहा कि मन्दसौर संस्कार और संस्कृति की नगरी है, संकल्पो का शहर है जहां आज शिव, शिवना और शिवानी दीदी के रूप में त्रिवेणी संगम हुआ है। सिसोदिया ने मंदसौर के नन्हे बालक गीत शर्मा के प्रति शिवानी दीदी का ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि मन्दसौर की इस नन्ही प्रतिभा ने अपने नानाजी से प्रेरणा ली, नानाजी ने जब अपना देहदान किया तो नन्हे बालक ने भी संकल्प लिया कि जब भी मेरा जीवन पूरा होगा अपना देहदान करूँगा। गीत शर्मा के इस संकल्प को सुनकर शिवानी दीदी ने तत्काल मंच पर बुलाया और सम्मान किया। उल्लेखनीय है गीत तबला वादक भी है जिसने हाल ही में ग्वालियर में आयोजित तानसेन समारोह के माध्यम से गिनीज बुक में नाम दर्ज हुआ है।