Monday, May 6th, 2024 Login Here
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संतों की साधना से समाज विपत्तियों से मुक्त होता है - महंत रवीन्द्रपुरीजी महाराज
राम मंदिर को बलिदानियों ने बनता नहीं देखा हमारा सौभाग्य साक्षी होने का - महामण्डलेश्वर श्री आशुतोषानंदजी महाराज
राम मंदिर तो बन गया अब रामराज्य की भी स्थापना करना है - महामण्डलेश्वर श्री मधुसुदनानंद जी महाराज

मंदसौर । महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी श्री मधुसुदनानंदजी महाराज के नेतृत्व में 12 जनवरी गुरुवार को नगर में श्रीराम राज्य स्थापना यात्रा का आगमन हुआ । इस यात्रा में अखाड़ा परिषद के राष्ट-ीय अध्यक्ष महंत श्री रवीन्द्रपुरीजी महाराज, कैलाश आश्रम वाराणसी के पूज्य महामण्डलेश्वर श्री आशुतोषानंदजी महाराज और नाथ संप्रदाय के पूज्य संत श्री प्रकाशनाथ जी महाराज सहित देशभर से पधारे लगभग 200 संत सम्मिलित हुए । प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय विशेष रुप से दिल्ली से चार्टड विमान से यात्रा में सम्मिलित होने मंदसौर आए । यात्रा के वाहनों का काफिला महाराणा प्रताप चौराहा से आरंभ हुआ । यहां एक बड़ा स्वागत मंच बनाया गया था । जहां सभी पूज्य संतगण एवं मंत्री श्री विजय वर्गीय कुछ समय के लिए रुके । इस दौरान यहाँ पूर्व मंत्री हरदीपसिंह डंग, पूर्व विधायक यशपालसिंह सिसौदिया, नगरपालिका अध्यक्ष रमादेवी गुर्जर आदि भी यहाँ उपस्थित हुए । पूज्य संतों और मंत्री श्री विजय वर्गीय का सभी ने स्वागत किया । श्री रामराज्य स्थापना यात्रा का यह काफिला आगे बीपीएल चौराहा, गांधी चौराहा तक पहँचा । यहाँ तक मंत्री श्री विजय वर्गीय पैदल यात्रा के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ चले । इस यात्रा के काफिले में लगभग 250 वाहन शामिल थे । एक खुले वाहन में पूज्य संतों ने विराजमान होकर सभी का सम्मान और अभिवादन स्वीकार किया । यात्रा का काफिला कालीदास मार्ग, घंटाघर, सदर बाजार होकर पशपतिनाथ मंदिर परिसर पहँचा जहां सभी पूज्य संतों ने भगवान श्री पशुपतिनाथ के दर्शन किये ।
पशपुतिनाथ मंदिर परिसर में विशाल धर्मसभा को संबोधित करते हुए अखाड़ा परिषद के राष्ट¬ीय अध्यक्ष महंत रवीन्द्रपुरीजी महाराज ने कहा कि संत समागम सौभाग्य का प्रसंग होता है । आपके नगर में इतने संतों का आना महामण्डलेश्वर श्री मधुसुदनानंदजी महाराज जो इस यात्रा के सूत्रधार है उनके कारण संभव हुआ है । आपने कहा कि साधुओं की साधना समाज को विपत्तियों से बचाती है । संतों ने माला और भाला दोनों को ही अपनाया क्योंकि शस्त्र और शास्त्र दोनों आवश्यक है । उन्होने कहा कि हमारे देश में अल्पसंख्यक साधु समाज ही है । 140 करोड़ जनसंख्या वाले देश में साधु संतों की संख्या मात्र 4 लाख है । धार्मिक, सामाजिक व्यवस्थाओं को संतों के मार्गदर्शन से निर्धारित करना चाहिए  । अयोध्या में श्री रामलला मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के हम सब साक्षी होंगे यह हमारा सौभाग्य है ।
कैलाश आश्रम वाराणसी के महामण्डलेश्वर श्री आशुतोषानंदनजी महाराज ने कहा कि शताब्दियों से जिस घड़ी की हम सब प्रतीक्षा कर रहे  थे अतंतः वह घड़ी आ ही गई है 22 जनवरी अब ज्यादा दूर नहीं है । भगवान रामलला मंदिर का शुभारंभ होने जा रहा है । आपने कहा कि पिछले 500 सालों में तीन हजार लोगों का बलिदान राम मंदिर निर्माण के लिए हुआ है जिसमें कार सेवक भी शामिल है । जिन लोगों ने अपने प्राण गंवा दिये वे तो रामलाल मंदिर के प्रतिष्ठा को नहीं देख सके लेकिन हम सब को यह सौभाग्य मिल रहा है । स्वामी जी ने राम मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव पर बहुत ही सुंदर भजन प्रस्तुत कर धर्मसभा में समा बांध दिया ।
रामराज्य के सूत्रधार महामण्डलेश्वर पूज्य स्वामी श्री मधुसुदनानंदजी महाराज ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा महोत्सव के साथ ही भारतवर्ष मेंरामराज्य की स्थापना के लिए यह रामराज्य यात्रा निकाली जा रही है जो 10 जनवरी को अन्नपूर्णाधाम सेमलिया से प्रारंभ हुई जो आज शिव के धाम भगवान श्री पशुपतिनाथ की नगरी में आई है । इतनी संख्या में पूज्य संतों का इस धरा पर पधारना जन्मों-जन्मों के पुण्यों का फल होता है । क्योंकि इतने संत किसी नगर में आते है तो वे उस नगर की पीड़ा को भी हरकर साथ ले जाते हैं । सभी पूज्य संतों की असीम कृपा रही कि वे मेरे छोटे से निमंत्रण पर यहाँ पधारे । आपने बताया कि मंदसौर से यह यात्रा अयोध्या के लिए प्रस्थान करेगी ।
विश्व हिन्दू परिषद के श्री नंददास दंडोतिया ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में पूज्य संतों की भूमिका अग्रणी रही है । नगर में संतों का समागम सुखद है । संतों के आशीर्वाद से भारत में जो अमृतकाल चल रहा है उसकी पूर्णता हमें प्राप्त होगी और राजराज्य की स्थापना भी भारतवर्ष में होगी ।
आरंभ में स्वागत उद्बोधन श्री रामराज्य यात्रा आयोजन समिति के स्थानीय समन्वयक नरेन्द्र अग्रवाल ने दिया । मंचासीन पूज्य संतों का श्री पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति की ओर से संयुक्त कलेक्टर राकेश शर्मा, तहसीदार रमेश जमारे और प्रबंधक राहुल रुनवाल ने भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा तथा शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया । पूज्य संतों का स्वागत यात्रा व्यवस्था प्रभारी सत्तुभाई गुर्जर सोनू बैरागी, अर्जुन गेहलोत, पंडित भरत शर्मा, दिलीप पाटीदार, श्री संतोष मेड़तवाल एडवोकेट तथा स्थानीय समन्वय समिति के सर्व श्री नरेन्द्र अग्रवाल, ब्रजेश जोशी, प्रदीप भाटी, वीरेन्द्र अग्रवाल बिल्लू, प्रद्युम्न शर्मा, संजय वर्मा, हिम्मत डांगी, हेमंत अग्रवाल, ऋषि अग्रवाल, पिन्टू शर्मा, मुकुंद जोशी, पं. अरुण शर्मा,  डॉ. रवीन्द्र पाण्डेय, प्रसुन्न मण्डलोई, अजयसिंह चौहान आदि ने किया ।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश जोशी ने किया आभार सत्तुभाई गुर्जर ने माना ।

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