Thursday, May 2nd, 2024 Login Here
अल सुबह शुरू हुई कार्रवाहीं, मुक्त कराई गई जमीन की कीमत 53 करोड़ रूपऐ
सुवासरा। सुवासरा में नए बस स्टैंड के पास की बेशकीमती जमीन पर हुए अतिक्रमण पर सोमवार को प्रशासन का बुलडोजर चला। सुबह प्रशासन का अमला पांच जेसीबी और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई।
मौके पर सीतामऊ एसडीएम शिवानी गर्ग, तहसीलदार मोहित सीनम, सुवासरा टीआई रामुंडा कटारा, निरीक्षक शिवांशु मालवीय व सहित प्रशासन, पुलिस और नगर परिषद का अमला मौजूद रहा।जानकारी के अनुसार सुवासरा बस स्टैंड के पास करीब एक हेक्टेयर जमीन जिसका सर्वे नंबर 918/1/2 है। इस पर पिछले साल भूमाफियाओं ने अवैध अतिक्रमण कर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा था। किसी ने इसकी शिकायत प्रशासन से की थी। इसके बाद प्रशासन ने निर्माण रुकवा दिया और अतिक्रमकारियों को नोटिस देकर अतिक्रमण हटाए को कहा था।
लेकिन अतिक्रमकारियों ने अतिक्रमण नहीं हटाया। इसके बाद आज सुबह प्रशासन का अमला दल बल के साथ मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण की हटाने की कार्रवाई शुरू की। बताया जा रहा है कि करीब चार दशक पहले इसी सरकारी भूमि पर गरीबों का आवास के दिए पट्टे दिए थे। गरीबों ने आवास नहीं बनाए। इसके बाद से ही खाली पड़ी इस बेशकीमती सरकारी जमीन पर भूमाफियाओं की नजर थी। प्रशासन के अनुसार अतिक्रमकारियों से मुक्त करवाई गई जमीन की कीमत 53 करोड़ 81 लाख 95 हजार रुपए बताई गई है।
सुवासरा। सुवासरा में नए बस स्टैंड के पास की बेशकीमती जमीन पर हुए अतिक्रमण पर सोमवार को प्रशासन का बुलडोजर चला। सुबह प्रशासन का अमला पांच जेसीबी और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई।
मौके पर सीतामऊ एसडीएम शिवानी गर्ग, तहसीलदार मोहित सीनम, सुवासरा टीआई रामुंडा कटारा, निरीक्षक शिवांशु मालवीय व सहित प्रशासन, पुलिस और नगर परिषद का अमला मौजूद रहा।जानकारी के अनुसार सुवासरा बस स्टैंड के पास करीब एक हेक्टेयर जमीन जिसका सर्वे नंबर 918/1/2 है। इस पर पिछले साल भूमाफियाओं ने अवैध अतिक्रमण कर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा था। किसी ने इसकी शिकायत प्रशासन से की थी। इसके बाद प्रशासन ने निर्माण रुकवा दिया और अतिक्रमकारियों को नोटिस देकर अतिक्रमण हटाए को कहा था।
लेकिन अतिक्रमकारियों ने अतिक्रमण नहीं हटाया। इसके बाद आज सुबह प्रशासन का अमला दल बल के साथ मौके पर पहुंचा और अतिक्रमण की हटाने की कार्रवाई शुरू की। बताया जा रहा है कि करीब चार दशक पहले इसी सरकारी भूमि पर गरीबों का आवास के दिए पट्टे दिए थे। गरीबों ने आवास नहीं बनाए। इसके बाद से ही खाली पड़ी इस बेशकीमती सरकारी जमीन पर भूमाफियाओं की नजर थी। प्रशासन के अनुसार अतिक्रमकारियों से मुक्त करवाई गई जमीन की कीमत 53 करोड़ 81 लाख 95 हजार रुपए बताई गई है।