Friday, May 3rd, 2024 Login Here
रतलाम। रतलाम के साइंस कॉलेज खेल ग्राउंड में रनिंग करते हुए एक 17 साल के लडक़े की सोमवार सुबह मौत हो गई। बताया जा रहा है कि रनिंग करते हुए किशोर अचानक गिरा गया था, जिसे दोस्त हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। परिजनों के आग्रह पर पीएम नहीं हो पाया। डॉक्टर इसे साइलेंट अटैक मानकर चल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से वह आर्मी की तैयारी के लिए दौडऩे जा रहा था।
रतलाम के बालाजी नगर में रहने वाले आशुतोष पिता राधेश्याम कुमावत पिछले 5 से 6 दिन से लगातार आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज के खेल ग्राउंड पर रनिंग करने जा रहा था। प्रतिदिन की तरह सोमवार सुबह 5.30 बजे वह घर से अपने दोस्त निलेश निवासी संत रविदास चौक के साथ कॉलेज ग्राउंड पहुंचा। यहां रनिंग करते हुए वह अचेत होकर गिर पड़ा। दोस्त व अन्य लोग उसे लेकर जिला अस्पताल में सुबह 6 बजे लेकर पहुंचे। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. पियूष धवन ने स्वास्थ्य की जांच की। सीपीआर भी दिया। घटना के तुरंत बाद परिजनों को सूचना मिलने पर वह भी अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बेटे की मौत से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर ने बताया सुबह 6 बजे के आसपास रनिंग करने के बाद चक्कर आने के बाद किशोर गिरा था। जब हॉस्पिटल लेकर आए वह डेड अवस्था में था। सीपीआर भी दी गई थी। परिजन पीएम नहीं करना चाहते थे। अभी लगातार 30 साल से कम उम्र के लोगों को अटैक आ रहा है।
रतलाम के बालाजी नगर में रहने वाले आशुतोष पिता राधेश्याम कुमावत पिछले 5 से 6 दिन से लगातार आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज के खेल ग्राउंड पर रनिंग करने जा रहा था। प्रतिदिन की तरह सोमवार सुबह 5.30 बजे वह घर से अपने दोस्त निलेश निवासी संत रविदास चौक के साथ कॉलेज ग्राउंड पहुंचा। यहां रनिंग करते हुए वह अचेत होकर गिर पड़ा। दोस्त व अन्य लोग उसे लेकर जिला अस्पताल में सुबह 6 बजे लेकर पहुंचे। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. पियूष धवन ने स्वास्थ्य की जांच की। सीपीआर भी दिया। घटना के तुरंत बाद परिजनों को सूचना मिलने पर वह भी अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बेटे की मौत से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर ने बताया सुबह 6 बजे के आसपास रनिंग करने के बाद चक्कर आने के बाद किशोर गिरा था। जब हॉस्पिटल लेकर आए वह डेड अवस्था में था। सीपीआर भी दी गई थी। परिजन पीएम नहीं करना चाहते थे। अभी लगातार 30 साल से कम उम्र के लोगों को अटैक आ रहा है।