Thursday, May 2nd, 2024 Login Here
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ह्यूमस लाक प्रजाति का पक्षी पहली बार यहां देखा गया अभ्यारण्य में
गांधीसागर।
गांधी सागर में तीन दिवसीय बर्ड सर्वे रविवार को पूरा हुआ। इस वर्ष कुल 09 राज्यों से 250 से अधिक पक्षी प्रेमियों के आवेदन में से 50 पक्षी प्रेमियों को सर्वेक्षण का मौका मिला। गांधीसागर अभयारण्य में पक्षी सर्वे के अंतर्गत तीसरे और अंतिम दिन रविवार को कुल 200 से अधिक प्रजातियां कैमरे में कैद की गई। रोजी पेलिकन, कॉरमोरेंट (दोनों प्रवासी पक्षी) व ब्राउन फिश आउल सहित 200 से ज्यादा प्रजातियां सामने आई।  ह्यूमस लाक प्रजाति का पक्षी पहली बार यहां देखा गया। पिछली बार 227 प्रजापति यहां सर्वे में मिली थी। इस बार बारिश ने सर्वे में थोड़ा खलल डाला।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार से इस तीन दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण की शुरुआत हुई। पहले दिन कार्यशाला सहित अन्य गतिविधियां की गई। इसके बाद शनिवार को सुबह व शाम यह पक्षी सर्वेक्षण चला। रविवार सुबह को भी सर्वेक्षण काम जारी रहा। बता दें कि तीन दिनों में 9 राज्यों के 50 से अधिक पक्षी प्रेमी 25 निर्धारित रूट पर सुबह एवं शाम पक्षी गणना का कार्य करने में लगे हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार तीन दिन में 200 से ज्यादा प्रजातियां पाई गई हैं। गांधीसागर अभयारण्य के खुले घांस के मैदान तथा गांधीसागर जलाशय अनेकों प्रवासी पक्षियों को यहां आकर्षित करते हैं। इस पक्षी सर्वेक्षण में वन्यजीव प्रेमी संस्था वाइल्ड वारियर इंदौर के साथ कैनन कैमरा एवं गांधीसागर फ्लोटिंग फेस्टिवल से इवोक एक्सपीरियंस ने सहयोग प्रदान किया।
ब्राउन फिश आउल नदी, डैम और तालाब के

आसपास देखा जाता है, जहां यह मछलियों का शिकार करता है। यह प्रजाति दुर्लभ है। इस उल्लू का सिर बड़ा होता है और वजनी होता है। इसका मुंह बिल्ली से मिलता जुलता है और निचला भाग पीला होता है। उल्लू की ये प्रजाति पेड़ों के खोखल में या फिर पानी के पास किसी चट्टान में घोंसला बनाकर रहती है।
रोजी पेलिकनरू यह एक

वजनदार और बड़े आकार का उडऩे वाला पक्षी है। नर पक्षी का वजन 9 से 15 किलोग्राम तक होता है। इतना वजन होने के बावजूद यह मजबूत और तेज उडऩे वाला पक्षी है।रोजी पेलिकन को ग्रेट व्हाइट पेलिकन के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बड़ा सफेद जलपक्षी है।
भारतीय गिद्ध अपने बच्चो के साथ

इनके चक्षु बहुत तीक्ष्ण होते हैं और काफ ऊंचाई से यह अपना आहार ढूंढ लेते हैं। यह प्रायरू समूह में रहते हैं। भारतीय गिद्ध क सर गंजा होता है, उसके पंख बहुत चौड़े होते हैं तथा पूंछ के पर छोटे होते हैं।
शार्टकट में खास

- इस वर्ष कुल 09 राज्यों से 250 से अधिक पक्षी प्रेमियों के आवेदन में से 50 पक्षी प्रेमियों को सर्वेक्षण का मौका मिला।
- 04 राज्यों के 10 से अधिक महिला प्रतिभागी भी हुई सम्मिलित।
- ह्यूमस लार्क प्रजाति का पक्षी पहली बार गाँधीसागर मे रिकॉर्ड हुआ।
- बूंदाबादी एवं बादलों के बीच भी प्रतिभागियों ने 200 से अधिक प्रजाति के पक्षियों को अपने कैमरों में कैद किया।
- सर्वेक्षण के दौरान पहली बार एशियाई राज गिद्ध तथा ब्राउन फिश आउल के नेस्टिंग(घोंसले) देखे गए जो यह दर्शाते है की यहाँ का क्षेत्र प्रजनन के लिए भी उपयुक्त है।
-इस वर्ष रही छोटी शीत ऋतु एवं सर्वेक्षण के दौरान हुई बारिश से प्रवासी पक्षियों एवं स्थानिय पक्षियों की कुछ प्रजातियां नही देखी जा सकी।
इनका कहना

अन्य जीवों के लिए भी अच्छे आवास स्थल हो सकते हैं
वैसे तो हर एक जीव प्रकृति का अभिन्न अंग है किंतु किसी क्षेत्र में पक्षियों की जैव विविधता वहाँ के स्वच्छ पारिस्थितकीय तंत्र का  सूचक है तथा गाँधीसागर में 200 से अधिक प्रजाति के पक्षियों की जैव विविधता यह दर्शाती है कि गाँधीसागर अभयारण्य के खुले घांस के मैदान तथा गाँधीसागर जलाशय अन्य जीवों के लिए भी अच्छे आवास स्थल हो सकते है। इस प्रकार के सर्वेक्षण कार्य सामान्य लोगों को वन एवं वन्यजीवों के साथ जोड़ते हुए इनके संरक्षण के प्रति जागरूक करने का कार्य करते हैं।
एम आर बघेल,वन संरक्षक, उज्जैन
अब तक हुए सर्वे की स्थिति

सर्वे प्रजातियां
बर्ड सर्वे-1 226
बर्ड सर्वे-2 222
बर्ड सर्वे-3 220
बर्ड सर्वे-4 246
बर्ड सर्वे-5 227
बर्ड सर्वे-5 दो सौ से अधिक
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