Monday, May 6th, 2024 Login Here
सुबह से लेकर देर रात तक लगी रहीं श्रृृद्धालुओं की कतार, पूरी रात जागरण, अभिषेक
मंदसौर। भगवान शिव की नगरी कहा जाने वाला दशपुर धाम (मंदसौर) महाशिवरात्रि के अवसर पर पूरी तरह भगवान शिव के रंग में रंग गया। शिवालयों पर बाहर भक्तों की कतारे थी, तो अंदर शिव के जयकारे कानों में शिव भक्ति का रस घोल रहे थे। कहीं महाभिषेक तो कहीं रूद्राभिषेक का दौर चलता रहा। पशुपतिनाथ मंदिर पर शहर ही नहीं अपितु दूरस्थ अंचलों से भी भक्तों ने पहुंचकर बाबा की अष्टमुखी प्रतिमा के दर्शन किए। एक अनुमान के अनुसार महाशिवरात्रि पर पशुपतिनाथ मंदिर पर हजारों भक्तों ने दर्शन किए। दिनभर शिवालयों में भक्तों की कतारंे लगी रही तथा रात में जागरण व चार प्रहर के अभिषेक हुए।
शहर में महाशिवरात्रि का पर्व धुमधाम से मना। शहर सहित अंचलभर से हजारों श्रद्धालु पशुपतिनाथ के दर्शन करने पहुंचे। इधर, दिनभर शहर के अन्य शिवलयों पर भी अनेक आयोजन हुए। शहर के लगभग सभी मोहल्लों में शिवालय होने से शहर शिव के जयकारों से गूंज उठा। दिनभर चहुं ओर शिव की तरंग छाई रही। इसके चलते शिव की नगरी पूरी तरह शिवमय हो गई। शहर के पशुपतिनाथ मंदिर पर तडक़े चार बजे पट खुलते ही श्रद्धालुओं का आना प्रारंभ हो गया। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे शिवभक्तों की भीड़ में इजाफा होता गया। भगवान पशुपतिनाथ के दर्शनों हेतु मंदिर के गर्भ गृह से लेकर बाहर सडक़ तक करीब 200 मीटर लंबी महिला, पुरूष भक्तों की कतार लग गई। अल सुबह से रात तक यह सिलसिला जारी रहा। पशुपतिनाथ मंदिर सहित शहर के धनेश्वर महादेव, जलेश्वर महादेेव, नीलकंठ महादेेव, विश्वपति शिवालय, मंछापूर्ण महादेव, घुम्टेशवर महादेव, जागेश्वर महादेव, भूरिया महादेव, अम्लेश्वर महादेव, भुतेश्वर महादेव, रामटेकरी व अभिनंदन नगर स्थित शिव मंदिर आदि मंदिरों पर महाशिवरात्रि पर्व पर अनेक धार्मिक आयोजन हुए। दिनभर विभिन्न आयोजनों के बाद शाम होते ही शिवलिंगों का मनमोहक श्रृंगार किया गया। कहीं मिठाई तो कहीं फलों का प्रसाद बड़ी मात्रा में वितरित हुआ।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पशुपतिनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी पहले से सतर्क दिखा। प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा प्रबंध के साथ मंदिर परिसर में 150 से ज्यादा पुलिस जवानों की तैनाती की। वहीं सीसीटीवी कैमरे से पूरे परिसर में नजर रखी जा रही है।
रात के चारों पहर हुआ अभिषेक
प्रदोष के साथ महाशिवरात्रि का विशेष संयोग जुड़ा था। सुबह भगवान पशुपतिनाथ का दूध दही पंचामृत से विशेष अभिषेक किया गया इसके बाद भगवान का श्रृंगार और प्रातः काल की आरती की गई। दिन में भगवान भोलेनाथ को दूध दही से स्नान कराया गया। इसके बाद मेवा भांग और फूलों से नयनाभिराम श्रृंगार किया गया। वहीं महादेव की आरती और राजभोग अर्पण किया गया। शाम को मंदिर परिसर में संस्कृति विभाग द्वारा भगवान शिव से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम का मंचन किया गया। इसके बाद रात के महाशिवरात्रि के चारों पहर भगवान पशुपतिनाथ का विद्वान ब्राह्मणों द्वारा विशेष अभिषेक किया गया।
मंदसौर। भगवान शिव की नगरी कहा जाने वाला दशपुर धाम (मंदसौर) महाशिवरात्रि के अवसर पर पूरी तरह भगवान शिव के रंग में रंग गया। शिवालयों पर बाहर भक्तों की कतारे थी, तो अंदर शिव के जयकारे कानों में शिव भक्ति का रस घोल रहे थे। कहीं महाभिषेक तो कहीं रूद्राभिषेक का दौर चलता रहा। पशुपतिनाथ मंदिर पर शहर ही नहीं अपितु दूरस्थ अंचलों से भी भक्तों ने पहुंचकर बाबा की अष्टमुखी प्रतिमा के दर्शन किए। एक अनुमान के अनुसार महाशिवरात्रि पर पशुपतिनाथ मंदिर पर हजारों भक्तों ने दर्शन किए। दिनभर शिवालयों में भक्तों की कतारंे लगी रही तथा रात में जागरण व चार प्रहर के अभिषेक हुए।
शहर में महाशिवरात्रि का पर्व धुमधाम से मना। शहर सहित अंचलभर से हजारों श्रद्धालु पशुपतिनाथ के दर्शन करने पहुंचे। इधर, दिनभर शहर के अन्य शिवलयों पर भी अनेक आयोजन हुए। शहर के लगभग सभी मोहल्लों में शिवालय होने से शहर शिव के जयकारों से गूंज उठा। दिनभर चहुं ओर शिव की तरंग छाई रही। इसके चलते शिव की नगरी पूरी तरह शिवमय हो गई। शहर के पशुपतिनाथ मंदिर पर तडक़े चार बजे पट खुलते ही श्रद्धालुओं का आना प्रारंभ हो गया। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे शिवभक्तों की भीड़ में इजाफा होता गया। भगवान पशुपतिनाथ के दर्शनों हेतु मंदिर के गर्भ गृह से लेकर बाहर सडक़ तक करीब 200 मीटर लंबी महिला, पुरूष भक्तों की कतार लग गई। अल सुबह से रात तक यह सिलसिला जारी रहा। पशुपतिनाथ मंदिर सहित शहर के धनेश्वर महादेव, जलेश्वर महादेेव, नीलकंठ महादेेव, विश्वपति शिवालय, मंछापूर्ण महादेव, घुम्टेशवर महादेव, जागेश्वर महादेव, भूरिया महादेव, अम्लेश्वर महादेव, भुतेश्वर महादेव, रामटेकरी व अभिनंदन नगर स्थित शिव मंदिर आदि मंदिरों पर महाशिवरात्रि पर्व पर अनेक धार्मिक आयोजन हुए। दिनभर विभिन्न आयोजनों के बाद शाम होते ही शिवलिंगों का मनमोहक श्रृंगार किया गया। कहीं मिठाई तो कहीं फलों का प्रसाद बड़ी मात्रा में वितरित हुआ।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पशुपतिनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी पहले से सतर्क दिखा। प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा प्रबंध के साथ मंदिर परिसर में 150 से ज्यादा पुलिस जवानों की तैनाती की। वहीं सीसीटीवी कैमरे से पूरे परिसर में नजर रखी जा रही है।
रात के चारों पहर हुआ अभिषेक
प्रदोष के साथ महाशिवरात्रि का विशेष संयोग जुड़ा था। सुबह भगवान पशुपतिनाथ का दूध दही पंचामृत से विशेष अभिषेक किया गया इसके बाद भगवान का श्रृंगार और प्रातः काल की आरती की गई। दिन में भगवान भोलेनाथ को दूध दही से स्नान कराया गया। इसके बाद मेवा भांग और फूलों से नयनाभिराम श्रृंगार किया गया। वहीं महादेव की आरती और राजभोग अर्पण किया गया। शाम को मंदिर परिसर में संस्कृति विभाग द्वारा भगवान शिव से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम का मंचन किया गया। इसके बाद रात के महाशिवरात्रि के चारों पहर भगवान पशुपतिनाथ का विद्वान ब्राह्मणों द्वारा विशेष अभिषेक किया गया।