Monday, May 6th, 2024 Login Here
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नोट बुक में छोड गया धमकी भरा सोसाईड नोट, राज्यसभा सांसद की मौजूदगी में मंडी प्रशासन ने दिया रूपऐ लोटाने का भरोसा
मंदसौर।
मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी मंडी मानी जाने वाली मंदसौर कृषि उपज मंडी इन दिनों अव्यवस्थाओं की शिकार हो रहीं है। यहां किसानों का भरोसा उस वक्त तार-तार हो गया जब एक व्यापारी किसानों से लाखों रूपऐ की लहसुन खरीदकर गायब हो गया ।अब तक करीब 14 किसानों ने मंडी प्रशासन से शिकायत की है परन्तु किसानों की संख्या इससे ज्यादा बताई जा रहीं है जिनके बारे में मंडी प्रशासन जानकारी एकत्र कर रहा है। बताया जा रहा है कि किसानों के साथ धोखाधड़ी के बाद गायब व्यापारी का मोबाइल बंद आ रहा है, उसने कार्यालय में नोट बुक में किसानों को धमकाने के लिए एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें उसने दो किसानों का जिक्र करते हुए सुसाइड करने की बात लिखी है। पूरे मामलें के लेकर राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर मंडी कार्यालय पहुंचे और मंडी प्रशासन व किसान के साथ बैठकर पूरे मामलें पर चर्चा की और भरोसा दिया कि 1 अप्रेल तक किसानों का भुगतान करवा दिया जाऐगा
 जानकारी के अनुसार लहसुन का कारोबार करने वाले खुशाली ट्रडर्स के संचालक अंबालाल पंवार ने मंडी में किसानों के माल की खरीदी की और नियम के मुताबिक आरटीजीएस के जरिए किसानों के खातों में भुगतान करने का हवाला देकर फरार हो गया। कई दिनों बाद भी जब किसानों के बैंक अकाउंट में रकम जमा नहीं हुई तो किसानों ने मंडी प्रशासन को इसकी शिकायत की। मंगलवार को कृषि मंडी कार्यालय में राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुज्रर, एसडीएम शिवलाल साक्य, मंडी सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया और पीड़ित किसानों के बीच हुई बातचीत में किसानों को भरोसा दिलाया गया कि उन्हें उनका भुगतान 1 अप्रैल तक कर दिया जाएगा।
यह है मामला

मंदसौर कृषि उपज मंडी में कारोबार करने वाली खुशी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक अंबालाल पवार ने पिछले 15 दिनों में कई किसानों का माल खरीदा जिन्हें 2 लाख से ज्यादा का भुगतान करना था। मंडी एक्ट के मुताबिक किसान की उपज की बिक्री की रकम 2 लाख से ज्यादा होने पर, व्यापारी द्वारा किसानों के बैंक अकाउंट में भुगतान किया जाना होता है। व्यापारिक फर्म ने पिछले कई दिनों के दौरान ऐसे कई किसानों का माल खरीदा, जिन्हें दो लाख से ज्यादा की रकम का आरटीजीएस के जरिए उनके बैंक खातों में भुगतान करना था। नियम का हवाला देकर व्यापारी ने किसानों को आश्वासन दिया इसलिए किसान भी पैसे जमा होने का इंतजार करते रहे।
मंडी एक्ट के मुताबिक भी कई किसान अपना माल बेचकर खाली बिल लेकर अपने घर चले गए। लेकिन दो हफ्ते बीत जाने के बाद भी व्यापारी ने किसानों के खातों में रकम जमा नहीं हुई तो किसानों ने मंडी प्रशासन के कार्यालय पहुंचकर अधिकारी को मामले की शिकायत की।
किसान का कहना

किसान राहुल पाटीदार ने बताया कि उन्होंने पिछले 13 मार्च वाली तारीख को खुशाली ट्रेडिंग कंपनी को अपना माल बेचा था। जिसकी रकम 2,22,530 थी जो आज तक जमा नहीं हुई। इसी तरह से किसान कृष्णकांत शर्मा ने बताया कि उन्होंने भी पिछले 7 मार्च को अपनी लहसुन उपज की दो ट्रालियां बेची थी जिनका भुगतान 2 लाख 10 हजार 500 और 2 लाख 3 हजार 420 थी, लेकिन यह रकम भी उनके खातों में जमा नहीं हुई। इसके बाद वह उन्होंने मामले की शिकायत मंडी प्रशासन से की। इस खुलासे के बाद यहां रतलाम जिले के आलोट तहसील के गांव पाटन के किसान भी मंडी पहुंचे। जिनके करीब 22 लाख रुपए का भुगतान बकाया था।
इनका कहना है

मामले में एसडीएम शिवलाल शाक्य ने बताया कि किसानों को इसकी शिकायत पांच दिनों के भीतर करना थी। फिर भी हम किसानों की रकम दिलवाने के प्रयास कर रहे हैं। हमने मंडी व्यापारी का गोडाउन सील किया है। उसका फोन भी बंद आ रहा है। इसमें जो भी नियमानुसार कार्रवाई होगी हम कर रह रहे हैं।
मंडी सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया ने बताया कि मंडी व्यापारी के गोडाउन में पड़ी लहसुन को नीलाम कर रह हैं इससे जो पैसे मिलेंगे उन्हें किसानों का भुगतान किया जाएगा। इसके बाद जो किसान बचेंगे उन्हें मंडी नियमों के मुताबिक भुगतान करेंगे हमने किसानों को कहा है कि उन्हें 1 अप्रैल से पहले भुगतान कर दिया जाएगा।

Chania