Friday, April 26th, 2024 Login Here
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नई दिल्ली। मोदी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार(NSA) की भूमिका निभाने वाले अजीत डोभाल को केंद्र सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। उन्हें पिछली सरकार के कार्यकाल में सुरक्षा के क्षेत्र में किए गए बेहतरीन कार्य के लिए ये दर्जा दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें दोबारा NSA की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनकी पदस्थापना 5 साल के लिए की गई है।

बता दें कि अजीत डोभाल RAW एजेंट रह चुके हैं। वे पीएम नरेंद्र मोदी के विश्वस्त माने जाते हैं। उरी हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक में रणनीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका डोभाला निभा चुके हैं।

माना जा रहा है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में चुनौतीपूर्ण वक्त में बेहतर तरीके से राष्ट्रीय सुरक्षा के मापदंडों को पूरा करने के चलते उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।

कौन है अजीत डोभाल

अजीत डोभाल देश के पांचवें नेशनल सिक्युरिटी एडवाइज़र (NSA) हैं। उनका पारिवारिक बैकग्राउंड भी आर्मी से जुड़ा रहा है। उनके पिता मेजर जी एन डोभाल भारतीय सेना के अधिकारी थे। अजीत डोभाल केरल कैडर से 1968 में IPS चुने गए थे। वे मिजोरमम और पंजाब के एंटी सर्जिकल ऑपरेशन में भी शामिल रहे हैं। कंधार विमान अपहरण मामले में भी डोभाल उन तीन अधिकारियों में शामिल रह चुके हैं जिन्होनें आतंकियों से निगोसिएसन की थी।

डोभाल ने 7 साल इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमीशन में भी बिताए हैं। मोदी सरकार आने के बाद साल 2014 में उन्हें देश का राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था। तिरकित के हॉस्पिटल में 46 भारतीय नर्सों को सुरक्षित वापस लाने में भी डोभाल ने अहम भूमिका निभाई थी।

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