Monday, May 6th, 2024 Login Here
10 करोड की मंजूरी पर 13 करोड़ का प्रोजेक्ट बनने से उलझी प्रकिृया, पेयजल के लिए फिल्टर प्लांट और टंकियों का होना है निर्माण
मंदसौर निप्र।
अमृत-2 प्रोजेक्ट पर एक बार फिर आचार संहिता का साया पड़ गया। दो साल तक प्रक्रिया में उलझा रहा। फिर मंजूर हुआ तो आचार संहिता लग गई। इसकी मंजूरी आचार संहिता लगने से पहले हुई थी। ऐसे में अब टेंडर खुलने के लिए आचार संहिता खत्म होने तक का इंतजार करना पड़ेगा फिर मानसून की दस्तक होगी। ऐसे में अब 6 माह का इंतजार और करना होगा। बारिश के बाद ही इस पर काम शुरू हो सकेगा। 10 करोड़ की मंजूरी पर साढ़े 13 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाए जाने की वजह से यह प्रक्रिया में उलझा। इसके बाद फिर प्रोजेक्ट को छोटा कर मंजूरी दी गई। मंजूरी से अधिक का प्रोजेक्ट बनाने के कारण इंतजार लंबा हो गया। पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तीन नवीन पेयजल टंकियों का निर्माण होना है। नया फिल्टर प्लांट भी बनेगा। साथ ही इसमें पाइप लाइन बिछाने तक का काम किया जाना है।
दो साल से कागजों में ही उलझा प्रोजेक्ट
अमृत-2 का यह प्रोजेक्ट पहले से ही कागजों में ही उलझ रहा है। पूर्व में प्रशासक कार्यकाल के समय अमृत-2 का प्रोजेक्ट बना वह सिर्फ 11 करोड़ के आसपास का था। मंजूरी से पहले परिषद का गठन हुआ और डीपीआर में संशोधन करते हुए पेयजल टंकियों को बढ़ाकर फिर से डीपीआर तैयार की। इसमें लागत भी साढ़े 13 करोड़ तक बढ़ गई। डीपीआर को मंजूरी के लिए भेजा गया। इस पूरी प्रक्रिया में दो साल से भी अधिक समय गुजर गया और अब फिर मामला राशि को लेकर उलझा तो कुछ माह का इंतजार और बढ़ जाएगा। अब मंजूरी भी मिली तो 10 करोड़ तक के प्रोजेक्ट की मिली है।
10 करोड़ में फिल्टर प्लांट, तीन पेयजल टंकी बनेगी
अमृत-2 योजनातंर्गत जो मंजूरी मिली है। उसमें अब नपा को शहर में 16 एमएलडी का नया फिल्टर प्लांट के साथ तीन पेजयल टंकी का निर्माण करना है। वहीं 3 किमी से मेनलाईन और साढ़े 8 किमी डिस्ट्रीब्यूशन लाईन के अलावा स्कॉडा सिस्टम भी लगाना है। इसके लिए 8 करोड़ 46 लाख 59 हजार रुपए में काम होना है। इसमें जीएसटी इसमें अतिरिक्त है, यानी जीएसटी सहित यह प्रोजेक्ट 10 करोड़ में पूरा होगा।
मंदसौर निप्र।
अमृत-2 प्रोजेक्ट पर एक बार फिर आचार संहिता का साया पड़ गया। दो साल तक प्रक्रिया में उलझा रहा। फिर मंजूर हुआ तो आचार संहिता लग गई। इसकी मंजूरी आचार संहिता लगने से पहले हुई थी। ऐसे में अब टेंडर खुलने के लिए आचार संहिता खत्म होने तक का इंतजार करना पड़ेगा फिर मानसून की दस्तक होगी। ऐसे में अब 6 माह का इंतजार और करना होगा। बारिश के बाद ही इस पर काम शुरू हो सकेगा। 10 करोड़ की मंजूरी पर साढ़े 13 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाए जाने की वजह से यह प्रक्रिया में उलझा। इसके बाद फिर प्रोजेक्ट को छोटा कर मंजूरी दी गई। मंजूरी से अधिक का प्रोजेक्ट बनाने के कारण इंतजार लंबा हो गया। पेयजल व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तीन नवीन पेयजल टंकियों का निर्माण होना है। नया फिल्टर प्लांट भी बनेगा। साथ ही इसमें पाइप लाइन बिछाने तक का काम किया जाना है।
दो साल से कागजों में ही उलझा प्रोजेक्ट
अमृत-2 का यह प्रोजेक्ट पहले से ही कागजों में ही उलझ रहा है। पूर्व में प्रशासक कार्यकाल के समय अमृत-2 का प्रोजेक्ट बना वह सिर्फ 11 करोड़ के आसपास का था। मंजूरी से पहले परिषद का गठन हुआ और डीपीआर में संशोधन करते हुए पेयजल टंकियों को बढ़ाकर फिर से डीपीआर तैयार की। इसमें लागत भी साढ़े 13 करोड़ तक बढ़ गई। डीपीआर को मंजूरी के लिए भेजा गया। इस पूरी प्रक्रिया में दो साल से भी अधिक समय गुजर गया और अब फिर मामला राशि को लेकर उलझा तो कुछ माह का इंतजार और बढ़ जाएगा। अब मंजूरी भी मिली तो 10 करोड़ तक के प्रोजेक्ट की मिली है।
10 करोड़ में फिल्टर प्लांट, तीन पेयजल टंकी बनेगी
अमृत-2 योजनातंर्गत जो मंजूरी मिली है। उसमें अब नपा को शहर में 16 एमएलडी का नया फिल्टर प्लांट के साथ तीन पेजयल टंकी का निर्माण करना है। वहीं 3 किमी से मेनलाईन और साढ़े 8 किमी डिस्ट्रीब्यूशन लाईन के अलावा स्कॉडा सिस्टम भी लगाना है। इसके लिए 8 करोड़ 46 लाख 59 हजार रुपए में काम होना है। इसमें जीएसटी इसमें अतिरिक्त है, यानी जीएसटी सहित यह प्रोजेक्ट 10 करोड़ में पूरा होगा।