Saturday, April 27th, 2024 Login Here
भोपाल। कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश में सियासी नाटक शुरू हो गया है। इसी बीच दंड संशोधन विधेयक पर वोटिंग हुई। इसमें कांग्रेस को बहुमत जिला जबकि भाजपा को झटका लगा। कांग्रेस को 122 वोट मिले। जानकारी के अनुसार भाजपा के दो विधायकों ने क्राॅस वोटिंग की। इसमें मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी और दूसरे शरद कोल हैं, जो ब्यौहारी से विधायक हैं। वाेटिंग के बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। दोनों विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने की खबर है।
वोटिंग के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा कि, कई दिनों से ये बात चल रही थी कि ये सरकार अल्पमत में है। लेकिन आज दंड संशोधन विधेयक के दौरान हुई वोटिंग में भाजपा के दो विधायकों ने हमारे पक्ष में वोट किया। इसमें मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी के विधायक शरद कोल हैं।
उन्होंने कहा कि, "मुझे ये बात साबित करनी थी कि ये सरकार अल्पमत में नहीं थी और आज विधेयक के पक्ष में हुई वोटिंग से ये साफ हो गया है। इतना ही नहीं बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक भी हमारे साथ हैं। इस मौके पर शरद त्रिपाठी ने कहा कि, मेरी घर वापसी हुई है।"
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 12 सदस्यों ने दो दो जगह हस्ताक्षर किए हैं। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर अभी वेरीफाई किया जाना चाहिए। गोपाल भार्गव ने कहा यह तो ऐसा ही हुआ अकेले दौड़े और अब बुलाए। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कर्नाटक का डर था इसलिए ऐसा किया
इससे पहले खुलेआम सरकार गिराने की धमकी दे रहे भाजपा नेताओं ने अब विधान सभा में कमलनाथ सरकार गिराने की धमकी दी । आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार को धमकी दी। उन्होंने कहा कि, "अगर हमारे नंबर 1 और नंबर-2 नेता चाहेंगे तो चौबीस घंटे के भीतर कमलनाथ सरकार गिरा देंगे।"
गोपाल भार्गव ने सदन में कहा कि, "कोई हमें चुनौती देगा और अभिमान वाली बात करेगा तो उसको जवाब दिया जाएगा। जब जनता चाहेगी तो हम मध्य प्रदेश सरकार गिरा देंगे। वहीं सीएम कमलनाथ के फ्लोर टेस्ट वाले बयान उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री कमलनाथ के कहने पर फ्लोर टेस्ट नहीं करेंगे। जब स्वार्थ के आधार पर सरकार बनती तो कभी भी गिर सकती है।"
सीएम कमलनाथ ने दी चुनौती- आज ही करा लें फ्लोर टेस्ट
इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जवाब देने में जरा भी देर नहीं लगाई। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि, इस सदन में बिकाऊ लोग नहीं बैठे हैं। हमारी सरकार आज ही फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है। वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने बड़े सख्त लहजे में सदन में कहा कि, मैं साफ कर दूं कि ये सरकार पूरे पांच साल चलेगी और पूरी दमदारी से चलेगी। अगर विपक्ष को शक है तो वो आज ही फ्लोर टेस्ट करा ले। कैबिनेट के साथ भी मुख्यमंत्री कमलनाथ के सुर में सुर मिलाते नजर आए। वित्त मंत्री तरुण भनोत ने नेता प्रतिपक्ष के सदन में सरकार गिराने की धमकी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, नेता प्रतिपक्ष ने अपने नंबर-1 और नंबर-2 नेता के आदेश का हवाला देते हुए सरकार गिराने की बात कही है। लेकिन वो नंबर-1 और नंबर टू के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं। वहीं कानून मंत्री पीसी शर्मा ने भी यही बात दोहराते हुए कहा कि, कमलनाथ सरकार पूरे पांच साल चलेगी।
निर्दलीय और बसपा-सपा विधायक भी सरकार के साथ
पहले सरकार से आए दिन समर्थन वापस लेने की धमकी देने वाली बसपा विधायक रामबाई ठाकुर भी कमलनाथ सरकार के साथ खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि, जो कर्नाटक में हुआ, वैसा मध्य प्रदेश में नहीं होगा। बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह(शेरा भैया) ने भी यही बात दोहराते हुए कहा कि, कमलनाथ सरकार मजबूत है,इसे कोई नहीं हिला सकता है।
वोटिंग के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा कि, कई दिनों से ये बात चल रही थी कि ये सरकार अल्पमत में है। लेकिन आज दंड संशोधन विधेयक के दौरान हुई वोटिंग में भाजपा के दो विधायकों ने हमारे पक्ष में वोट किया। इसमें मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी के विधायक शरद कोल हैं।
उन्होंने कहा कि, "मुझे ये बात साबित करनी थी कि ये सरकार अल्पमत में नहीं थी और आज विधेयक के पक्ष में हुई वोटिंग से ये साफ हो गया है। इतना ही नहीं बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक भी हमारे साथ हैं। इस मौके पर शरद त्रिपाठी ने कहा कि, मेरी घर वापसी हुई है।"
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि 12 सदस्यों ने दो दो जगह हस्ताक्षर किए हैं। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर अभी वेरीफाई किया जाना चाहिए। गोपाल भार्गव ने कहा यह तो ऐसा ही हुआ अकेले दौड़े और अब बुलाए। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कर्नाटक का डर था इसलिए ऐसा किया
इससे पहले खुलेआम सरकार गिराने की धमकी दे रहे भाजपा नेताओं ने अब विधान सभा में कमलनाथ सरकार गिराने की धमकी दी । आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार को धमकी दी। उन्होंने कहा कि, "अगर हमारे नंबर 1 और नंबर-2 नेता चाहेंगे तो चौबीस घंटे के भीतर कमलनाथ सरकार गिरा देंगे।"
गोपाल भार्गव ने सदन में कहा कि, "कोई हमें चुनौती देगा और अभिमान वाली बात करेगा तो उसको जवाब दिया जाएगा। जब जनता चाहेगी तो हम मध्य प्रदेश सरकार गिरा देंगे। वहीं सीएम कमलनाथ के फ्लोर टेस्ट वाले बयान उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री कमलनाथ के कहने पर फ्लोर टेस्ट नहीं करेंगे। जब स्वार्थ के आधार पर सरकार बनती तो कभी भी गिर सकती है।"
सीएम कमलनाथ ने दी चुनौती- आज ही करा लें फ्लोर टेस्ट
इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जवाब देने में जरा भी देर नहीं लगाई। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि, इस सदन में बिकाऊ लोग नहीं बैठे हैं। हमारी सरकार आज ही फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है। वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने बड़े सख्त लहजे में सदन में कहा कि, मैं साफ कर दूं कि ये सरकार पूरे पांच साल चलेगी और पूरी दमदारी से चलेगी। अगर विपक्ष को शक है तो वो आज ही फ्लोर टेस्ट करा ले। कैबिनेट के साथ भी मुख्यमंत्री कमलनाथ के सुर में सुर मिलाते नजर आए। वित्त मंत्री तरुण भनोत ने नेता प्रतिपक्ष के सदन में सरकार गिराने की धमकी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि, नेता प्रतिपक्ष ने अपने नंबर-1 और नंबर-2 नेता के आदेश का हवाला देते हुए सरकार गिराने की बात कही है। लेकिन वो नंबर-1 और नंबर टू के नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं। वहीं कानून मंत्री पीसी शर्मा ने भी यही बात दोहराते हुए कहा कि, कमलनाथ सरकार पूरे पांच साल चलेगी।
निर्दलीय और बसपा-सपा विधायक भी सरकार के साथ
पहले सरकार से आए दिन समर्थन वापस लेने की धमकी देने वाली बसपा विधायक रामबाई ठाकुर भी कमलनाथ सरकार के साथ खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि, जो कर्नाटक में हुआ, वैसा मध्य प्रदेश में नहीं होगा। बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह(शेरा भैया) ने भी यही बात दोहराते हुए कहा कि, कमलनाथ सरकार मजबूत है,इसे कोई नहीं हिला सकता है।