Friday, April 26th, 2024 Login Here
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विधानसभा चुनावों के सिलसिले में महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनावी सभाओं को संबोधित करने निकले राहुल गांधी राफेल सौदे में कथित दलाली की चर्चा जिस तरह फिर से कर रहे हैं, उससे यही लगता है कि उन्होंने लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की पराजय से कोई सबक नहीं सीखा। लोकसभा चुनावों के पहले उन्होंने इस मुद्दे को तूल देने के साथ ही 'चौकीदार चोर है का नारा भी जोर-शोर से उछाला था, लेकिन जनता ने उसे नकार दिया। आम धारणा यही है कि इस नारे ने उल्टा असर किया, लेकिन शायद राहुल गांधी अभी भी यह मान रहे हैं कि राफेल सौदे में दलाली के आरोप को लगातार उछालने से वह सही साबित हो जाएगा।

राहुल गांधी राफेल सौदे को संदिग्ध बताने के साथ ही अपने इस पुराने आरोप को भी नए सिरे से धार देते दिख रहे हैं कि मोदी सरकार केवल उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है। मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से किसी की भी असहमति हो सकती है, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं कि उद्योगपतियों को चोर साबित करने की कोशिश की जाए। दुर्भाग्य से राहुल यही कर रहे हैं। महाराष्ट्र की एक रैली में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अंबानी और अडानी का लाउडस्पीकर तो बताया ही, मोदी सरकार की तुलना जेब काटने वालों से भी कर दी। ऐसा करते हुए उन्होंने तू-तड़ाक वाली भाषा का भी इस्तेमाल किया। आखिर ऐसी भाषा के इस्तेमाल के बाद कांग्रेस के नेता विरोधी दलों को भाषा की मर्यादा में रहने की नसीहत कैसे दे सकते हैं?
राहुल गांधी जीएसटी को भी फिर से 'गब्बर सिंह टैक्स बताने में जुट गए हैं। इससे कुछ पता चल रहा है तो यही कि वह ऐसे नेता नहीं, जो अपनी गलतियों पर गौर करें। अभी हाल तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राहुल गांधी अपने हिसाब से राजनीति करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन ऐसा करते हुए उन्हें यह भी देखना चाहिए कि पार्टी किस दिशा की ओर बढ़ रही है? यह अपेक्षा इसलिए, क्योंकि खुद कांग्रेस के ही कई नेता यह कह रहे हैं कि हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी की जीत के आसार नहीं दिख रहे।

पता नहीं, चुनाव नतीजे क्या बयान करेंगे, लेकिन इससे इनकार नहीं कि कांग्रेस की दशा दयनीय दिख रही है। देश में शायद ही कोई राज्य ऐसा हो, जहां पार्टी गुटबाजी से ग्रस्त न हो। इससे भी खराब बात यह है कि यह जानना कठिन हो रहा है कि कांग्रेस अपने पक्ष में कैसा विमर्श खड़ा करना चाह रही है? राहुल गांधी कुछ भी दावा करें, इसमें संदेह है कि उनके चुनावी भाषण कांग्रेस को एक जिम्मेदार दल के तौर पर उभारने का काम कर सकेंगे।
Chania