Friday, April 26th, 2024 Login Here
मन्दसौर निप्र। कोरोना की जंग में लगे योद्धा वाकई कर्मवीर है वह अपने घर परिवार से ज्यादा अहमियत अपने दायित्व को दे रहे हैं लेकिन अपने कर्तव्य को निभाने के साथ ही अपने परिवार की खुशी में भी शामिल हो रहे हैं वह भी घर के अंदर प्रवेश हुए बिना ऐसा ही एक और मामला कल देखने को मिलेगा । मंदसौर के कनघट्टी के रहने वाले डॉ. राजेश बोराना आयुष चिकित्सक है के मंदसौर में पहला कोरोना केस आने के बाद 6 अप्रेल से मंदसौर के कोरोना सेन्टर पर है वे यहां अपनी मर्जी से ही वोलेन्ट¬ी सेवा दे रहे है कल उनकी पत्नि भावना का जन्मदिन था घर में दो बच्चे है एक आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली अक्षरा और दुसरी छोटी बेटी अनविका दोनो ने पापा को फोन लगाया कि मम्मी का बर्थडे है क्या इस बार केक नही काटंगे । डॉ. बोराना जो 20 दिन से घर नही गए उन्होने अपनी टीम से बात की और फिर अपने घर पहुंचे । 20 दिन बाद घर पहुंचे डॉ. बोराना लेकिन फिर भी घर में दाखिल नही हुए । बच्चों और पत्नि ने घर के बाहर बरामदे में एक स्टुल लगाया और वहीं केक सजा दिया । हर साल अपने हाथो से केक कटाने वाले डॉ. बोराना घर के बाहर खड़े होकर तालियां बजाते रहे यह दृश्य देख उनके परिजनों की आंखो में खुशी के आंसू भी झलक गए बाद में डॉ. साहब के लिए के बाहर भी केक रख दिया जिसे उन्होने खाया और शुभकामना देकर वापस कोरोना सेन्टर पर लोट गए ।
डॉ. बोराना की पत्नि भावना बताती है कि छोटा सा परिवार है सभी का बर्थडे घर पर ही मनता है । शादी के 15 साल में हर साल डॉ. साहब स्वयं के हाथो से केक कटवाते है इस बार कोरोना संक्रमण के कारण यह स्थिति बनी जो भी हो हम सब खुश है कि वे कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में एक योध्दा के रूप में है । बर्थडे तो हर साल मनता ही है ।