Saturday, April 27th, 2024 Login Here
भाजपा के दिग्गजों ने टटोली कार्यकर्ताओं की नब्ज
मंदसौर जनसारंगी।
भाजपा नेतृत्व ने भले ही कांग्रेस से भाजपा में आएं विधायकों की बदौलत प्रदेश की सत्ता को पाने में फिर से कामयाबी हासिल कर ली हो लेकिन मंदसौर जिले की सुवासरा सीट में पिछले चुनाव में महज 350 मतों की जीत-हार का फासला भाजपा को उपचुनाव की जीत के प्रति आशंकित जरूर कर रहा है। यहीं कारण है कि 4 सितम्बर को प्रदेश के मुखिया का सीतामऊ आना निरस्त हुआ तो मंदसौर जिले के तमाम दिग्गज भाजपा नेताओं को वहां जूटना पड़ा और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर मंथन करना पड़ा।
सुवासरा कांग्रेस के साथ ही भाजपा के लिये भी प्रतिष्ठापूर्ण सीट बन चूकी है, वजह साफ है प्रदेश में भाजपा को फिर से सत्ता पर काबिज करने में इस सीट से विधायक रहे और वर्तमान में केबिनेट मंत्री हरदीपसिंह डंग की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सबसे पहले डंग ने ही बगावत का बिगुल बजाया था और उनके पीछे तमाम विधायक नाराज विधायक भाजपा में शामिल हो गये और प्रदेश में फिर से भाजपा का शिवराज कायम हो गया लेकिन अब प्रदेश की सत्ता में बने रहने के लिये भाजपा को उपचुनाव में जीतना जरूरी है। कांग्रेस से भाजपा में आऐ विधायकों को भाजपा ने अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है लेकिन ऐसा करते ही इन विधानसभा सीटों पर बरसों से भाजपा का झंडा उठाकर कांग्रेस से दो-दो हाथ कर रहे नेताओं का राजनीतिक भविष्य संकट में आ गया जिसके कारण वे कांग्रेस से भाजपा में आकर चुनाव लड़ने वाले नेताओं को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है। सुवासरा विधानसभा क्षेत्र मे भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। ऐसे में इस प्रतिष्ठापूर्ण सीट पर विजय पाने के लिये भाजपा अपनी पूरी ताकत झोकने की स्थिति में आ रहीं है। इसी के चलते गुरूवार को सीतामऊ में भाजपा के तमाम दिग्गज नेता जूटे और कार्यकर्ताओं के मन की थाह को टटोला इसमें प्रदेश के सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उघोग मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, सांसद सुधीर गुप्ता,पूर्व मंत्री कैलाश चावला, मंडल महामंत्री मेहरबानसिंह समेत अन्य नेतागण शामिल थे।इन नेताओं को सुवासरा विधानसभा की वैतरणी पार लगाने के लिये कार्यकर्ताओं की नब्ज को टटोलकर उन्हें भाजपा की जीत के लिये काम पर लगाने की जिम्मेदारी सौपी गई है।
बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार ने बितें दिनों उपचुनाव वाली विधानसभा सीटों पर गुप्त सर्वे कराया है उसमें आऐ फीडबेक ने भाजपा की निंद उडा दी है। यहीं कारण है कि भाजपा सुवासरा विधानसभा सीट पर अपनी पूरी ताकत झोकना चाहती है। हालांकि असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को साधने के लिये प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराजसिंह चौहान स्वयं 4 सितम्बर को सीतामऊ आने वाले थे लेकिन दो दिन पहले उनका दौरा निरस्त हो गया है। अब वे 9 सितम्बर को सीतामऊ आऐगेंलेकिन इससे पहले अब भाजपा के दिग्गज नेताओं को जिम्मेदारी सौपी गई है कि वे कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेकर भाजपा की चुनावी वैतरणी को पार लगाए। सुत्र बताते है कि बैठक में हुए मंथन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी सामने आई है जिसे दिग्गज नेताओं ने समझाने की कोशिश की है। उल्लेखनिय है कि लगातार सरकार के नियमों का बिना मास्क, सौश्यल डिस्टेसिंग और कोरोना की सावधानियों का मखौल उडाने वाले केबिनेट मंत्री हरदीपसिंह डंग का रतनपूरा में कांग्रेस कार्यकर्ता ने जमकर विरोध किया था जिसके बाद पुलिस सिक्युरिटी में उन्हें वहां से ले जाया गया था।
ऐसे में भाजपा की मंथन बैठक और उसके बाद भाजपा नेताओं की भाव भंगिमा यह स्पष्ट बता रहीं थी कि सुवासरा विधानसभा में भाजपा की चुनावी नैय्या इतनी आसानी से पार लगने वाली नहीं है क्योंकि कांगे्रस के साथ-साथ भाजपा के आम कार्यकर्ता की नाराजगी है जो भारी पड़ सकती है।