Friday, April 26th, 2024 Login Here
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मुख्यमंत्री ने साफ कहा ऐसे लोग बर्खास्त होगे, विधायक सिसोदिया ने दिलाया था घटनाओं पर संज्ञान
मंदसौर जनसारंगी।
नीमच जिले में पिछले दिनों अफीम के मामलों में जबरियां फंसाने के मामलें पर संज्ञान लिया, उन्होंने मंदसौर पर भी संज्ञान लिया और साफ कहा कि तोडा-फोडा क्या होता है, ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं करेगें और ऐसे लोगों को शासकीय सेवा में नही रखते हुए बर्खास्त कर देगें। उल्लेखनिय है कि मंदसौर और नीमच जिला अफीम के लिए मशहूर है इसी के चलते कई पुलिस अधिकारियों की पहली पसंद हुआ करता है ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज के तिखे तैवरों से उम्मीद जताई जा रहीं है कि अफीम की आड़ में होने वाले खेल से जनता को राहत मिलेगी। उल्लेखनिय है कि मंदसौर-नीमच जिले में अफीम मामलों की कार्रवाहीं में हो रहीं गडबडियों से बिते दिनों विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने मुख्यमंत्री श्री चैहान को अवगत कराया था।
मंदसौर-नीमच जिले  में अफीम की खेती बहुतायत मंे होती है यहीं कारण है कि यहां अफीम और उससे जूड़े मादक पदार्थो की तस्करी भी जमकर होती है। इसी के चलते मो. शफी जैसे अन्तर्राष्ट्रीय तस्कर भी यहां हो गए लेकिन पुलिस आज तक इन्हें अपनी गिरफ्त में नहीं ले पाईं। वहीं दूसरी तरफ तस्करी के कई कोरियर पुलिस के हत्थे चढ़ जाते है परन्तु इनमें भी असल तस्करों तक पुलिस नहीं पहुंच पाती। इन सबके बीच अफीम मामलों में झूठा फंसाने और बचाने की कहानियां भी जनचर्चाओं में आऐ दिन रहती हैं। इन जनचर्चाआंे की सच्चाई को इसी से स्वीकारा जा सकता है कि कई पुलिस अधिकारियों की पहली पंसद मंदसौर, नीमच और समीप का रतलाम जिला ही हुआ करता है जिसके चलते वे कभी मंदसौर तो समय पूरा होने के बाद नीमच और कभी रतलाम अपना तबादला करवा देते है और घूम फिर कर  फिर से मंदसौर पहुंच जाते है ताकी उन पर समय से ज्यादा एक जिले में रहने का आरोप भी ना लगे और वे जिले के आसपास ही रहें। पिछले दिनों नीमच में एक व्यापारी को अफीम के मामलें झूठा फंसाने का खेल पुलिस ने खेला और दूसरे में अफीम के साथ पकड़े गऐ आरोपी को छोड़ने का खेल रचा लेकिन दोनो ही मामलें उजागर हो गऐ।व्यापारी को फंसाने के मामलें में तत्कालिक पुलिस कप्तान को एक साल से पहले ही जिले से रवानगी झेलना पड़ी। दोनो ही मामलों के पुलिस जवानों पर अभी कार्रवाहीं चल रहीं है। वहीं मंदसौर में भी अफीम को लेकर कई कहानियां सामने आती है जिसमें अफीम का खड़ा तोड़ मशहूर है। मंदसौर में भी मादक पदार्थो के किस्से कहानियां कम नहीं होते है हालत यह होती है कि पुलिस दो-दो, तीन-तीन थाने लांघकर तस्कर को पकड़ लाती है लेकिन बीच के किसी थाने को पता भी नहीं चलता और वह भी ऐसी पुलिस जो दूसरे मामलों के अपराधियों को पकड़ने में पूरी तरह से फिसड्डी साबित होती है । लेकिन मंदसौर जिले में अफीम को लेकर खेले जाने वाले खेल को लेकर अब मुख्यमंत्री शिवराज पूरी तरह से सख्त नजर आ रहे है । शनिवार को उनके द्वारा की गई समीक्षा बैठक में उन्होंने मंदसौर-नीमच जिले के अफीम मामलों का भी उल्लेख किया और साफ चेताया कि पिछले दिनों नीमच जैसे जिलों से अफीम के मामलें में उलझाकर पैसे वसुल करने की खबर आई वह ठीक नहीं थी, मंदसौर से भी इक्का-दुक्का खबर आई, तोड़ा-फोड़ा क्या होता है। ईधर-उधर से मेरे पास ईधर-उधर से खबर आ रहीं है। लेकिन ऐसे लोगों को हम बर्दाश्त नहीं करेगें, शासकीय सेवा में नहीं रहने देगें और सेवा से बर्खास्त कर देगें।

Chania