Saturday, April 27th, 2024 Login Here
गाजे बाजे ढोल ढ़माकों और भवाई नृत्य के आकर्षण के बीच शहरवासियों ने की पुष्प वर्षा
मन्दसौर जनसारंगी।
मंदसौर के राजाधिराज भगवान पशुपतिनाथ के दरबार में 36 टन वजनी महाघंटा समर्पित कर दिया गया। इससे पहले यश नगर स्थित रामेश्वरम मंदिर से प्रारंभ हुई विशाल शोभायात्रा में जगह-जगह स्वागत सत्कार हुआ। गाजे-बाजे और ढोल ढ़माकों के साथ धार्मिक भजनों की गूंज के बीच भवाई नृत्य का आकर्षण था। मस्तक पर कलश धारण किए महिलाएं और केसरिया पताका लहराते हुए युवाओं की टोली का पूरे शहर वासियों ने पुष्प वर्षा कर आत्मीय अभिनंदन किया। यात्रा में सांसद सुधीर गुप्ता, विधायक यशपालसिंह सिसोदिया, पूर्व मंत्री नरेन्द्र नाहटा भी सम्मिलित हुए। मंदिर पहुंचने पर कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष मनोज पुष्प ने महाघंटे की अगवानी कर पूजा-अर्चना की।
सुबह करीब 10.30 बजे रामेश्वरम मंदिर यश नगर पर महा घंटा का पूजन अर्चन किया गया और इसके साथ ही महाघंटे को वाहन पर विराजित कर शोभायात्रा के साथ भगवान पशुपतिनाथ के दरबार तक ले जाया गया। शोभायात्रा में सबसे आगे केसरिया पताका लहराते हुए युवा चल रहे थे ,पीछे मस्तक पर कलश धारण किए महिलाएं थी ।वही भवाई नृत्य आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया की अगुवाई में निकली भव्य महा घंटा यात्रा यश नगर से प्रारंभ होकर पुराने आरटीओ कार्यालय, श्री कोल्ड चैराहा, बीपीएल चैराहा, गांधी चैराहा, भारत माता चैराहा, घंटाघर, सदर बाजार, मंडी गेट, प्रतापगढ़ पुल होते हुए भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर पर पहुंची जहां विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाघंटा भगवान पशुपतिनाथ को समर्पित किया गया ।
महाघंटा शोभायात्रा में श्रृद्धालु उत्साह से सम्मिलित हुए और करीब 4 घंटे तक चली यात्रा में भक्ति में लीन रहे।सुबह करीब साढ़े 10 बजे शुरू हुई यात्रा दोपहर करीब साढे तीन बजे मंदिर पहुंची जहां पूरी चाक-चैबंद व्यवस्थाओं के बीच मंदिर के मुख्य द्वार के पास विशेष रूप से तैयार किए वाहन में घंटे को रखा गया है।
उल्लेखनीय है कि 37 टन वजनी महाघंटे को लगाने के लिए अभी जगह तैयार नहीं हुई है ऐसे में महा घंटे को मंदिर परिसर में ही सुरक्षित श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा जाएगा ।शीघ्र ही इसके लिए विशेष जगह बनकर तैयार होगी जहां महाघंटा को स्थापित किया जाएगा। और इसकी स्थापना के साथ ही मंदिर परिसर महा घंटा की तरंगों से गुंजायमान होगा। ज्ञातव्य है कि करीब 4 साल पहले महा घंटा अभियान समिति ने से 37 टन वजनी महा घंटा बनाने के अभियान को प्रारंभ किया था और इसके लिए गांव-गांव में घूमकर तांबा पीतल और नगद राशि एकत्र की थी जिससे अष्टधातु का यह महा घंटा बन कर तैयार हुआ है।
ग्वालियर की रतनगढ़ माता मंदिर में है 1650 किलो का घंटा
ग्वालियर के रतनगढ़ माताजी मंदिर में 1650 किलो वजनी घंटा स्थापित है लेकिन अब मंदसौर ग्वालियर से आगे निकल गया और 37सौ किलो वजनी घंटा भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में स्थापित करने के लिए तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि अष्टधातु से निर्मित यह घंटा पूरे विश्व में सबसे अधिक वजन का है इससे अधिक वजन का घंटा कहीं भी फिलहाल नहीं है।