Monday, May 6th, 2024 Login Here
उधारी के रुपए के बदले मांगी बाइक, नही दी तो मारी गोली मोदी सरकार की नीतियों से हर वर्ग शक्तिशाली बना नप के कर्मचारी हड़ताल पर, दोनो पर पुलिस ने दर्ज किया प्रकरण कांग्रेस प्रत्याशी श्री गुर्जर ने मल्हारगढ विधानसभा में किया जनसंपर्क 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की गांरटी दी प्रधानमंत्री मोदी ने डॉक्टर का अपहरण, 20 लाख फिरौती मांगी, सीबीएन जवान सहित तीन आरोपी गिरफ्तार गांधीसागर का आशियाना भाने लगा गिद्दों को, बड़ी संख्या आईपीएल क्रिकेट सट्टे में फरार आरोपी पायलट गिरफ्तार पिकअप में तरबूज के नीचे 11 बैग में भरकर रखा 159 किलो डोडाचूरा जब्त, एक गिरफ्तार भाजपा की मोदी सरकार में सडकों के आधुनिकरण ने गांवो की तस्वीर बदल दी 500 वर्षो के संघर्ष के बाद भगवान राम को विराजित किया मोदी सरकार नें लोकतंत्र का आकाशदीप से जगमगाया मंदसौर शहर कार से 120 किलो डोडाचूरा जप्त, आरोपी गिरफ्तार कार से डेढ किलों अफीम के साथ पंजाबी गिरफ्तार गोली चलने के 24 घंटे बाद भी नहीं लगा हमलावरों का पता

विधानसभा में गलत जानकारी भेजने पर हुई कार्यवाही
मंदसौर निप्र। डॉ. जोहरी के कार्य एवं शिकायत के संबंध में विधायक हरदीपसिंह डंग द्वारा पुछे गए सवाल के बारे में गलत जानकारी देने के मामलें में सीएमएचओ डॉ. महेश मालवीय को निलंबित कर दिया गया । इस आशय के आदेश अपर संचालक प्रशासन संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश भोपाल ने बुधवार को जारी किए ।
आदेश क्रमांक 4/शिका/सेल 7 /मंदसौर/2019/2043 दिनांक 9 जुलाई 2019 के माध्यम से अपर संचालक डॉ. कैलाश बुंदेला ने आदेश जारी करते हुए कहा कि विधानसभा बजट सत्र में प्रश्न क्रमांक 449 विधायक सुवासरा हरदीपसिंह डंग द्वारा पुछा गया था इस प्रश्न के जवाब में वास्तविक जानकारी न देते हुए सीएमएचओ डॉ. महेश मालवीय ने भ्रामक जानकारी प्रस्तुत की डॉ. मालवीय द्वारा भेजी गई जानकारी के संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा बार-बार प्रश्न की वास्तविक जानकारी प्रस्तुत कर भेजने के लिए निर्देशित किया बावजुद इसके डॉ. मालवीय ने प्रश्न की सही जानकारी विभाग को प्रस्तुत नही की जिससे विधानसभा में विभाग की छबि धुमिल हुई ।
आदेश में यह भी कहा गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सुवासरा में चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ डॉ. रेवाशंकर जोहरी द्वारा अपने निजी क्लिनिक पर प्रायवेट प्रेक्टिस की जाती है कलेक्टर मंदसौर द्वारा कराई गई जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि डॉ. जोहरी द्वारा अपने निजी क्लिनिक पर निजी प्रेक्टिस के साथ-साथ एक्सरे एवं पैथोलॉजी लेब सहित नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है यह तथ्य सीएमएचओ डॉ. मालवीय के संज्ञान  में होने के बाद भी छुपाएं गए और उनसे विभाग को अवगत नही कराया गया । जबकि इन तथ्यो ंके आधार पर डॉ. जोहरी के विरुध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को सीएमएचओ कार्यालय द्वारा भेजा जाना था ऐसे में स्पष्ट प्रतित होता है कि सीएमएचओ का अपने अधीनस्थ स्टाफ पर पुरा नियंत्रण नही था । शासन ने 7 फरवरी 2017 को उल्लेखित परिपत्र क्रमांक 1983 दिनांक 7 जूुन 2013 के तहत शासन के आदेश प्रभावशील होने की दिनांक से जो चिकित्सक अपने निवास पर युएसजी /कोई अन्य उपकरण रखकर उनके पंजीयन, निजी प्रेक्टिस हेतु स्वीकृति की मांग कर रहे है उन्हें यह स्वीकृति नही दी जा सकी इसका स्पष्ट उल्लेख होने के बावजुद भी डॉ. जोहरी, माँ पार्वती देव केयर सेन्टर सुवासरा, सीतामऊ को 13 जुन 2019 द्वारा अनुमति प्रदान करते हुए विभाग द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना की गई । ऐसे में सीएमएचओ डॉ. मालवीय द्वारा अपने पदीय दायित्वों के प्रति गंभीर लापरवाही बरतनें एवं शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करते हुए स्वयं को मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम 1 का उल्लंघन कर स्वयं को अनुशासनात्मक का भागी बना लिया है । अतः एव डॉ. मालवीय को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए मुख्यालय कार्यालय क्षेत्रिय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन संभाग उज्जैन में अटैच किया गया है ।
बाबू भी लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा है रिश्वत लेते
सीएमएचओ डॉ. मालवीय के संरक्षण में केवल डॉ. जोहरी के मामलें में विधानसभा को भ्रमित करने का ही मामला नही है बल्कि जानकारों की मानें तो इन दिनों पुरा का पुरा सीएमएचओ कार्यालय चढ़ावे का केन्द्र बना हुआ था । मंगलवार को ही कार्यालय का लेखापाल अजय चौरसिया मातृत्व अवकाश की राशि जारी करने के मामलें में रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त के हत्थे चढ़ा है यह केवल एक लेखापाल नही बल्कि अन्य कई कर्मचारी भी है जो कही ना कही चढ़ावे के भागीदार बन रहे थे और यह सब कुछ सीएमएचओ की नाक के नीचे हो रहा था ।
मातृत्व अवकाश की राशि रोकने का अधिकार ही नही
मातृत्व अवकाश की राशि लेना महिला का अधिकार है शासन ने इसके लिए स्पष्ट नियम निर्देश बना रखे है जिस तरह सेवा में नियमित रहते हुए महिला कर्मचारियों को प्रतिमाह वेतन मिलता है उसी प्रकार मातृत्व अवकाश लेने के बाद भी निरन्तर उस अवधि का वेतन भी दिया जाना है इसके लिए अलग से कोई स्वीकृत की आवश्यकता नही पड़ती है केवल महिला द्वारा विभाग को सूचित करना पड़ता है बावजुद इसके सीएमएचओ कार्यालय के लेखापाल अजय चौरसिया ने मातृत्व अवकाश की राशि को रोककर महिला चिकित्सक से रिश्वत की मांग की थी ।
जानकारों का तो यह तक कहना है कि केवल मातृत्व अवकाश ही नही बल्कि प्रेरक राशि में भी एक बड़ा घोटाला सामने आने की संभावना है यदि इस मामलें की भी जांच की जाएगी तो निश्चित ही इस पुरे मामलें में भी एक बड़ा घोटाला सामने आ सकता है ।
बेआबरू होकर ही उतरते है सीएमएचओ कुर्सी से
सीएमएचओ डॉ. महेश मालवीय के निलबंन से एक जनचर्चा बलवति हो रही है कि मंदसौर सीएमएचओ की कुर्सी पर ग्रहण लगा हुआ है इस कुर्सी पर जो भी बैठता है वो बे-आबरू होकर रूकसत होता है । डॉ. महेश मालवीय से पहले डॉ. कमला नारायणे और डॉ. सालीगराम चौहान रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए थे इसके बाद डॉ. धन्नालाल राठौर, डॉ. प्रमिला राठौर, डॉ. ए.के. मेहता और डॉ. एसएस वर्मा तक को भी बे-आबरू होकर ही इस कुर्सी से रूकसत होना पड़ा था । डॉ. मेहता पर तो कर्मचारी भर्ती में गंभीर आरोप लगे थे और अब डॉ. मालवीय को भी निलंबित होकर के इस कुर्सी से बिदा होना पड़ा हे ।

Chania