Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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देर रात तक जमे रहे सैकड़ों श्रोता
पिपलिमयाण्डी निप्र।  गत मंगलवार को आंवला नवमी पर स्थानीय संगीतज्ञ, वरिष्ठ कवि गोवर्धनलाल कनेरिया के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एक काव्यगोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें मंदसौर नीमच जिले सहित अंचल की नवोदित काव्य प्रतिभाओं ने रचनापाठ किया सैकड़ों प्रबुध्द श्रोताओं की मौजूदगी में संजीत के मशहूर शायर रिफत दशपुरी ने अतिवृष्टि की व्यथा व्यक्त करते हुवे ''पहले माँ की ममता थी बारिश, अबके बाप का डंडा हो गई बारिश'' जैसे उम्दा शेर पढ़कर खूब दाद बटोरी। मंदसौर के युवा शायर दलजीतसिंह ने भी एक से एक बेहतरीन गजलें व नज्में सुनाकर जबरदस्त वाहवाही लूटी। धमनार के 24 वर्षीय गीतकार अनिल सुथार किसना ने अपनी सुरीली आवाज में सरस्वती वंदना तथा श्रंगार के मीठे गीत सुनाकर सबका दिल जीता। पुजारी चेतनकृष्ण शास्त्री ने अपनी मीठी आवाज से माँ, बेटी और पत्नी के सम्मान में कविताएं प्रस्तुत कर मन मोह लिया।  वहीं 74 वर्षीय गीतकार गोवर्धनलाल कनेरिया ने वर्तमान सामाजिक परिवेश को चित्रित करती हुई अपनी चार दशक पुरानी रचना ''जी रहे है लोग आज कैसे वातावरण मे, नींद में दिन डूबा जाता, रात काटती जागरण मे.. राम, रावण बन गये, लक्ष्मणों का हाथ रहता आजकल सीता हरण मे''। सुनाकर तालियां बटोरी। युवा कवि पोरवाल मुकेश निडर ने भी ''पानी मे जलती हुई इक आग हुँ मैं,
उजालों में चमकता चराग हुँ मैं..  सामाजिक प्राणी हुँ साहेब, लोगों के दिलों में बसता हुँ, नेताओं की तरह ना सांप हुँ ना 'नाग' हुँ मैं'' पढ़कर श्रोताओं को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। मंदसौर के नरेंद्र भावसार व उदपुरा के युवा पुलकित नागर द्वारा हास्य व्यंग्य के साथ ही मालवा की शान में पढ़ा गया गीत काफी सराहा गया। बनी के बलवन्तसिंह हाड़ा की पैरोडियों व संजीत के भंवर चौहान के व्यंगात्मक छन्दों ने भी खूब आनंदित किया। स्थानीय कवि लक्ष्मीनारायण कराड़ा व बालूराम कराड़ा ने भी प्रभावी काव्यपाठ किया। देर रात को गोष्ठी में पहुँचे ब्रेनमास्टर सानाचार पत्र के संपादक हरीश गुप्ता ने भी निराले अंदाज में कुछ पंक्तियाँ सुनाकर बहुत हँसाया। गोष्ठी का संचालन करते हुवे आशुकवि भेरू सुनार मनासा ने अपनी पवित्र पंक्तियाँ ''दिल के कोरे कागज पर माँ का नाम लिख दिया, मैंने माँ के कदमों को चारों धाम लिख दिया'' पढ़कर सबको भावविभोर कर दिया। रात्रि 02 बजे तक श्रोता जमे रहे।  स्थानीय आर्य समाज भवन में आयोजित इस गोष्ठी में अतिथि के रूप में जाने माने नेत्ररोग विशेषज्ञ, सेवानिवृत्ता जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप शर्मा, डॉ. अरुण मूंदड़ा, समाजसेवी रूपचंद होतवानी, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष राजेश गर्ग, आर्य समाज प्रमुख सत्येंद्र आर्य, व्यापारी संघ अध्यक्ष अनिल मुजावदिया, डॉ. बसंत शर्मा आदि ने प्रारम्भ में माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन व पूजा अर्चना कर गोष्ठी का आरम्भ किया। उपस्थित श्रोताओं ने अतिथियों व कविगणों का पुष्पाहार  पहनाकर स्वागत किया। अंत मे कनेरिया आर्ट्स की ओर से सभी अतिथियों व कविगणों को स्मृति चिन्ह स्वरूप ललित कनेरिया द्वारा आर्ट की गई माँ सरस्वती की तस्वीर देश के मशहुर बाँसुरी वादक विक्रम कनेरिया के हाथों भेंट की गई। इस अवसर पर कवि नरेंद्र भावसार व भेरू सुनार ने वरिष्ठ कवि श्री गोवर्धन कनेरिया को जन्मदिन पर शॉल ओढ़ाकर, श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।






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