Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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बाढ़ एवं आपदा के संबंध में नीमच, मन्दसौर की संयुक्त बैठक गांधी सागर में संपन्न
मन्दसौर । सांसद  सुधीर गुप्ता द्वारा बाढ़ एवं आपदा के संबंध में गांधी सागर स्थित हिंगलाज रिसोर्ट में आकस्मिक बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान उन्होंने गांधी सागर बांध से जुड़े अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गांधी सागर बांध के गेट इंदौर, उज्जैन, धार प्रतापगढ़ एवं अन्य जुड़े हुए क्षेत्रों में होने वाली भारी बारिश के आधार पर गेट समय पर खोले जाए। गेट खोलने में किसी प्रकार की लापरवाही ना करें। साथ ही अनावश्यक रूप से गेट खोलकर सुस्ती की नींद भी ना निकाले, हमेशा सतर्क एवं जागरूक रहें। उन्होंने कहा कि वर्षा के पूर्व सारे मरम्मत के कार्य समय पर पूरे कर लिए जाएं। गेट मेंटिनेस में जो भी कमी है। उसको जल्द दुरुस्त कर लिया जाए। बांध के संबंध में एससीडब्लूसी निगरानी का कार्य देखती है। जिसकी यह प्रमुख जिम्मेदारी है, कि पिछली बार की तरह फिर से कोई गलती नहीं दोहराई जाए। गांधी सागर बांध पर मेंटेनेंस एवं पानी भराव क्षमता का कार्य देखने वालों के द्वारा बताया गया कि इस वर्ष 1304 फीट तक मेंटेनें किया जाएगा। 15 अगस्त तक 1305 फिट तक गांधी सागर बांध के जल को मेंटेन किया जाएगा। उसके पश्चात अतिरिक्त जल को छोड़ा जाए। इस पर सांसद श्री गुप्ता द्वारा कहा गया कि दिनांक के अनुसार चलना ठीक नहीं है। इसलिए आसपास के क्षेत्रों में होने वाली वर्षा के आधार पर यह निश्चित किया जाए। कि कब गांधी सागर बांध से पानी छोड़ना है एवं कब रोकना। हो सकता है पानी छोड़ने के पश्चात क्षेत्र में बारिश न हो या कम हो। इसलिए आसपास की जमीन सूखा प्रभावित भी रह सकती है। बैठक के दौरान सांसद   सुधीर गुप्ता, गरोठ विधायक   देवी लाल धाकड़, मनासा विधायक  माधव मारू, मंदसौर कलेक्टर   मनोज पुष्प, नीमच कलेक्टर   जितेंद्र सिंह राजे, मन्दसौर पुलिस अधीक्षक  सिद्धार्थ चौधरी, नीमच पुलिस अधीक्षक  मनोज कुमार राय, अपर कलेक्टर श्री बी एल कोचले, गरोठ एडिशनल एसपी, गरोठ एसडीएम  केसी ठाकुर एवं गांधी सागर बांध से जुड़े सभी कृषि विभाग, जल संसाधन विभाग एवं सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
पहली प्राथमिकता बाढ़ को मैनेज करना व दूसरी सिंचाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित करना
बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता बाढ़ को मैनेज करना तथा दूसरी प्राथमिकता सिंचाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित करना है। जिससे इस क्षेत्र की सिंचाई में भी किसी प्रकार की कमी नहीं आनी चाहिए। इन दोनों आधारों को ध्यान में रखते हुए ही गांधी सागर से जल को छोड़ा जाना चाहिए। इसे भविष्य में कैसे मैनेज करेंगे, यह सबसे महत्वपूर्ण है। पानी छोड़ने का काम बिना मैनेजमेंट के संभव नहीं होता है। पूरा प्रबंध करके ही इस को अंजाम दिया जाए। साथ ही पानी छोड़ने मैं इस बात का भी ध्यान रखें कि पानी छोड़ने से पशु एवं मानव, कृषि पर कोई प्रभाव भी नहीं पढ़ना चाहिए। गांधीसागर बांध में जो पानी एकत्रित हो रहा है। उसकी रिपोर्ट भी सुबह शाम लेते रहें। उसके आधार पर ही निर्णय ले ओर पानी छोड़े।
उन्होंने कहा कि 1-1 इंच भूमि की सिंचाई करना प्रदेश सरकार कि पहला उद्देश्य है एवं योजना भी है। प्रदेश सरकार इस क्षेत्र में लगातार काम कर रही हैं। इसलिए पानी व्यर्थ ना जाए। साथ ही सिंचाई के क्षेत्र पर भी कोई प्रभाव ना हो। इस बात का भी विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए। कृषि नस्ट नहीं होना चाहिए इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें। जिम्मेदार दल नीमच एवं मंदसौर कलेक्टर को समय समय पर सही रिपोर्ट देंगे। साथ ही दोनों जिले के कलेक्टर भी इन दलों के कार्यों को ध्यान में रखेंगे। चंबल के आसपास के जो गांव है उन गांव में सूचना तंत्र मजबूत किया जाए। जैसे ही नदी में पानी बढ़ता है गांव में तुरंत सूचना पहुंचाई जाए। साथ ही गांव में इस बात के संकेत भी लगाया जाए, कि इस स्तर तक नदी का जलस्तर कितना फिट हो जाता है। कलेक्टर निरंतर जवाबदार दलों की निगरानी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि चंबल माता दर्शन स्थल को साफ सुथरा किया जाए तथा वहां तक जाने के लिए रास्ते को एकदम अच्छा बनाया जाए। जिससे पर्यटक आसानी से चंबल माता दर्शन तक पहुंच सके।
Chania