Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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सुरेश राठौर ने उदयपुर में दिया अपना प्लाज्मा
मंदसौर जनसारंगी।

पहले खुद कोरोना पॉजीटिव हुए उसके बाद पूरा परिवार ही कोरोना की जद में आया और कोरोना को मात देकर सभी स्वस्थ्य हो चूके है लेकिन कोरोना को हराने के बाद मंदसौर के टेक्सी मालिक सुरेश राठौर ने दूसरों का जीवन बचाने की ठान ली और इसी उद्देश्य से उदयपुर में अपना प्लाज्मा डोनेट किया और एक व्यक्ति का जीवन बचाया।
मंदसौर के ही रहने वाले एक व्यक्ति का रिश्तेदार उदयपुर में कोरोना से जंग लड रहा है उसे तत्काल प्लाज्मा की आवश्यकता थी। जब मंदसौर के रहने वाले रिश्तेदार ने सुरेश राठौर से इसकी चर्चा की तो उन्होंने तत्काल उदयपुर जाकर युवक की जान बचाने की ठान ली और तत्काल उदयपुर पहुंचे ओर कोरोना से संघर्ष कर रहे व्यक्ति की जान बचाई। चिकित्सकों के अनुसार कोरोना से ठीक हुए मरीज के प्लाज्मा और आम इंसान के प्लाज्मा में फर्क यह होता है कि जब मरीज ठीक हो जाता है तो उसमें एंटीबॉडी बनते है,ये एंटीबॉडी दूसरे कोरोना संक्रमित के काम आते है, जो वायरस को नष्ट करते है।कोरोना वायरस ने तमाम दूनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। दूनिया के कई मुल्क जहां इस वायरस से अब धीरे-धीरे मुक्त हो रहे है वहीं भारत में ये अब भी तेजी से फैल रहा है लेकिन कोरोना वेक्सिन अब तक नहीं है ऐसे में कुछ मरीजों से प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके सुखद परिणाम भी सामने आ रहे है।
प्लाज्मा डोनेट करने वाले सुरेश राठौर ने बताया कि मंदसौर के ही एक व्यक्ति ने उन्हें  उसके एक रिश्तेदार के उदयपुर के गीताजंली हॉस्पिटल में कोरोना का इलाज कराने की बात कहीं जिसे प्लाज्मा की आवश्यकता थी। इस पर राठौर तत्काल तैयार हो गये और उदयपुर के  सिविल हॉस्पिटल की प्लाज्मा लेबोरेटरी में अपना टेस्ट कराया। सब कुछ ठीक होने से उन्होंने तत्काल अपना प्लाज्मा दान कर दिया जो गीताजंली अस्पताल में भर्ती व्यक्ति को चढाया गया जिसके बाद व्यक्ति की हालत में भी सुधार होने लगा है।राठौर ने अपील करते हुए कहा कि हर कोरोना वैश्विक महामारी है जिसकी चपेट में कोई भी आ सकता है इसलिये जितना हो सके दूसरो की मदद अवश्य करनी चाहिए।
उल्लेखनिय है कि करीब ढाई महिने पहले सुरेश राठौर सबसे पहले कोरोना संक्रमित हुए थे उनके बाद परिवार में उनकी माताजी, पत्नि और दो बच्चें भी संक्रमित पाए गये थें। पांचों का उपचार मंदसौर कोविड सेंटर पर हुआ और स्वस्थ्य होकर सभी घर आ चूके है।
कैसे होता है प्लाज्मा का इस्तेमाल
चिकित्सकों के अनुसार ब्लड में तीन कंपोनेट्स होते है। रेड ब्लड सेल्स(लाल रक्त कोशिका)प्लेटलेट्स और प्लाज्मा । पूरे शरीर  का 55 फीसदी प्लाज्मा होता हैं। ब्लड में उपरी पीला तरल पदार्थ होता है वो प्लाज्मा होता है जो हर इंसान के अंदर पाया जाता हैं। जो व्यक्ति कोरोना से ठीक हो जाता है उसके शरीर में एंटीबॉडी बनते है जो दूसरे संक्रमित व्यक्ति के काम आते और वायरस को नष्ट करते है। जब कोरोना संक्रमित रहे शख्स से ब्लड लिया जाता है तो मशीन से फिल्टर कर ब्लड प्लाज्मा रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेटस को अलग कर दिया जाता है। रेड ब्लड सेल्स और प्लेटलेटस उसी व्यक्ति के शरीर मे ंवापस डाल दिया जाता है जिसने प्लाज्मा दान किया और प्लाज्मा को स्टोर कर लिया जाता है।
Chania