Friday, May 3rd, 2024 Login Here
कांग्रेस प्रत्याशी श्री गुर्जर ने मल्हारगढ विधानसभा में किया जनसंपर्क 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की गांरटी दी प्रधानमंत्री मोदी ने डॉक्टर का अपहरण, 20 लाख फिरौती मांगी, सीबीएन जवान सहित तीन आरोपी गिरफ्तार गांधीसागर का आशियाना भाने लगा गिद्दों को, बड़ी संख्या आईपीएल क्रिकेट सट्टे में फरार आरोपी पायलट गिरफ्तार पिकअप में तरबूज के नीचे 11 बैग में भरकर रखा 159 किलो डोडाचूरा जब्त, एक गिरफ्तार भाजपा की मोदी सरकार में सडकों के आधुनिकरण ने गांवो की तस्वीर बदल दी 500 वर्षो के संघर्ष के बाद भगवान राम को विराजित किया मोदी सरकार नें लोकतंत्र का आकाशदीप से जगमगाया मंदसौर शहर कार से 120 किलो डोडाचूरा जप्त, आरोपी गिरफ्तार कार से डेढ किलों अफीम के साथ पंजाबी गिरफ्तार गोली चलने के 24 घंटे बाद भी नहीं लगा हमलावरों का पता मंदसौर संसदीय क्षेत्र में साकार हुआ विकास का नारा, योजनाओं का मिला लाभ धनीये के बोरो के नीचे छिपाकर ले जाया जा रहा डोडाचुरा जप्त मन्दसौर जिले के 5 समेत इंदौर में 8 मुस्लिमों ने अपनाया हिन्दू धर्म

मंदसौर जनसारंगी।
मंदसौर जिले में शराब,मछली,डोडाचूरा और भूमाफियाओं के खेल में गोलियां चलना कोई बड़ी बात नहीं हैं। यह वह मंदसौर जिला है जहां नगर के प्रथम नागरिक प्रहलाद बंधवार की सरेबाजार हत्या कर दी गई लेकिन दो साल बितने को है अब तक उस हत्याकांड की असल कहानी जनता के सामने नहीं आई है। आए दिन गोलिया चलना और अवैध धंधे में खुनी संघर्ष आए दिन की कहानी होती है इसी बीच प्रदेश की 28 सीटों सहित मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने के कारण आचार संहिता प्रभावी है जिसमें चुनाव से पहले ही सारे हथियार पुलिस ने जमा करवा लिए, पूरे जिले में पुलिस की सख्त पहरेदारी है बावजूद इसके मछली के  अवैध कारोबार में गोली चल गई जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर बड़ा सवाल उठ खडा हो गया। इस बार विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने इस पर सवाल उठाया और प्रदेश के डीजीपी (पुलिस महानिदेशक),मप्र चुनाव आयोग के अलावा सीईओं तथा कलेक्टर मंदसौर को ट्वीट कर जवाब मांगा।
मंदसौर विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने अपने ट्वीटर हेंडल के माध्यम से ट्वीट कर सवाल उठाया और पूछा कि मंदसौर जिले में मछली ठेकेदारों के बीच विवाद में रायफल 315 का उपयोग, बड़ा सवाल उपचुनाव के चलते आचार संहिता में रायफल जमा क्यों नहीं हुई? जबकि प्रतिष्ठितों और कईयों की बंदुके थानों में जमा हुई। प्रशासन की लापरवाहीं या ठेकेदारों को छूट?
मंदसौर जिले में आचार संहिता के दौरान हुई गोली चलने की घटना ने समूचे पुलिस और प्रशासन को कठघरे में ला खडा किया है क्योंकि पुलिस और प्रशासन पूरे जिले में चुनाव के दौरान चाक चौबंद पहरेदारी होने के दावे कर रहे थे। दिन रात बार्डर से लेकर हर जगह सख्त चैकिंग हो रहीं थी लेकिन चुनाव का मतदान होने के तीसरे दिन ही मंदसौर जिले के नारायणगढ़ थाना क्षेत्र में तमंचे की आवाज सुनाई दे गई। ताज्जुब की बात तो यह है कि तमंचा लेकर घूम रहे बदमाश की बंदूक ना तो चुनाव आचार संहिता लगते ही ना तो थाने में जमा हुई और ना ही  सख्त पहरेदारी में पकड़ में आई जिसकों लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है। अब मंदसौर के वरिष्ठ विधायक ने इसकों लेकर सवाल उठा दिया है तो पुलिस और प्रशासन में हड़कंम मचना भी तय था। हालांकि ना पुलिस और ना ही प्रशासन की और से अभी तक इस सवाल का जवाब आया है लेकिन इतना तय दिख रहा है कि मंदसौर जिले में एक बार फिर से अपराधियों का सर ऊंचा हो रहा है जो उन्होंने आचार संहिता के दौरान की सख्त पहरेदारी के बीच भी बिना डरे अपना खौफ दिखा दिया।


Chania