Friday, May 3rd, 2024 Login Here
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दोनो और से फायरिंग में एक युवक घायल, एक कंजर गिरफ्तार
एक बार फिर 7 पुलिस थानों के 295 गांवों में कंजरों की दहशत
भानपुरा जनसारंगी।

जिले के भानपुरा के निकट भैसोदामंडी थाना क्षेत्र में बिती रात कंजरों ने गोलिया बरसाई जवाब में पुलिस ने भी सामना करते हुए गोलिया बरसाई । आमने-सामने की फायरिंग में एक युवक घायल हो गया इसी दौरान पुलिस ने एक कंजर को गिरफ्तार करने में सफलता पाई लेकिन बाकी कंजर अंधेरे का फायदा उठाकर अपनी मोटरसायकल और 12 बोर की बंदूक छोडकर जंगलों में भाग गये। उधर वारदात के बाद से ही कंजर प्रभावित इलाकों में एक बार फिर से भय और दहशत का माहौल बना हुआ है। सात थाना क्षेत्रों के करीब 295 गांव कंजर प्रभावित है इनमें से अधिकांश जगहों पर फिर से कंजर वारदात करने लगे है।
आने वाले कुछ दिनों बाद किसानों के खेतों में खड़ी  अफीम की फसल के डोडे पकने वाले है लेकिन इससे पहले ही कंजर एक बार फिर सक्रिय हो गए है।  जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बन रहा है उनके सामने दो ही रास्ते हैं या तो कंजरों को हफ्ता दें या फिर खुद ही इकठ्ठे होकर मुकाबला करें। क्योंकि कंजरों की अपराधिक वारदातों से लोगों को राहत दिलाने में पुलिस अब तक नाकाम ही साबित हुई है। राजस्थान और मप्र की पुलिस कंजर समस्या को लेकर कई बार बैठक कर रणनीति तैयार कर चुकी है, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया। विशेषकर राजस्थान से सटे इलाकों में कंजरों की दहशत ज्यादा है। जहां लोग रात में गश्त करने के लिए भी मजबूर है। इन सीमावर्ती गांवों में कंजर वारदात को अंजाम देकर बार्डर का फायदा उठाकर एक से दूसरे राज्यों में भाग कर गायब हो जाते है ऐसे में पुलिस इन्हें पकड़ ही नहीं पाती है। जानकारी के अनुसार गुरूवार की देर रात को ग्राम चैकी में एक बार फिर कंजरों ने जमकर आतंक मचाया। दो बाइक पर सवार होकर चार कंजर गांव में चोरी की नियत से घुसे थे इस दौरान गश्त कर रहे ग्रामीणों ने उन्हें रोककर पूछताछ की तो कंजरों ने ग्रामीणों पर फायर किया। जिससे गांव के युवक पंकज पाटीदार के दाए पैर में गोली लगी। बाद में गश्त कर रहे महावीर, सीताराम, अमरलाल, पप्पू, पवन और अन्य लोगों ने बाइक सवार कंजरों को घेरने का प्रयास किया। इस दौरान जिसमे एक बाइक सवार नाथूलाल पिता बनिया कंजर निवासी तीरर बांसा थाना झालरा पाटन राजस्थान गिर गया। जिसे ग्रामीणों ने पकड़ लिया। इसके बाद कंजर मोटरसाइकल और बार बोर की बंदूक छोडकर भागे। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। भैसोदामंडी चैकी प्रभारी लाखनसिंह राजपूत ने पुलिस बल के साथ कंजरों का पिछा किया। इस दौरान कंजरों ने पुलिस वाहन पर फायर किया। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। लेकिन कंजर अंधेरे का फायदा उठाकर जंगल के रास्ते भाग निकले। मामले में पुलिस ने नाथुलाल को गिरफ्तार किया है। अन्य की तीन की तलाश की जा रही है।
सालों से कंजरों के निशाने पर ग्रामीण
पुलिस की अधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार जिले में सात थाना क्षेत्रों में 295 गांव कंजर प्रभावित है। इसमें सुवासरा थाने के सभी 82 गांवों को कंजर प्रभावित घोषित किया गया है। दूसरे नंबर पर सीतामऊ थाने के 120 में से 62 गांव कंजर प्रभावित है। हाल ही में अजयपुर और तितरोद में भी कंजरों ने वारदात की थी। दोनों ही मामलों में कंजर झालावाड़ जिले के मुंडला क्षेत्र से ही आए थे। झालावाड़ जिले में 16 कंजर डेरों में अनुमानित 1787 कंजर है। इसी तरह से कोटा, चित्तौड़ के साथ रतलाम जिले में भी आठ कंजर डेरे हैं। इसमें अनुमानित 261 कंजर रहते हैं। कुल मिलाकर 21 डेरो के 2048 कंजर से आठ थाना क्षेत्रों 295 गांवों के लोग दहशत में हैं।
पुलिस के पास नहीं इंतजाम, ग्रामीण उतरे मैदान में
सुवासरा के 82 कंजर प्रभावित गांवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ तीस से पैतीस अधिकारियों और आरक्षकों के कंधे पर है। इसी तरह से सीतामऊ में कुल मिलाकर तीस से पैतीस का स्टाफ है। कई बार कंजरों का आतंक सह चुके ग्रामीण अब खुद ही कंजरों का सामना करने लगे हैं। कुछ ग्रामीण दबी जबान में राजनेताओं, पुलिस व कंजरों के गठजोड़ की भी बात करते हैं। यही वजह है कि अब ग्रामीण खुद ही आगे आने लगे हैं। सोमवार को जिला अस्पताल में सरपंच सहित ग्रामीणों ने कंजरों से खुद की सुरक्षा के लिए बंदूक के लायसेंस की भी मांग की है।
हकीकत
थाना कुल गांव कंजर प्रभावित गांव
नाहरगढ़ 90 41
सुवासरा 82 82
अफजलपुर 72 35
शामगढ़ 96 38
गरोठ 112 19
भानपुरा 83 18
सीतामऊ 120 62

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